कोटा. जयपुर में सचिवालय के नजदीक योजना भवन में 2.31 करोड़ रुपए और 1 किलो सोना मिलने के मामले में डीओआईटी (सूचना प्रौद्योगिकी विभाग) के ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया है. इस पूरे प्रकरण पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री और विधायक मदन दिलावर ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने वेद प्रकाश को प्यादा बताते हुए कहा कि बड़े मगरमच्छ मामले में बच गए. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में ईडी और सीबीआई का दखल होना चाहिए.
अन्य अलमारियों की जांच क्यों नहीं करवाई : दिलावर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 4 बजे नकदी पकड़ी गई. देर रात 11 बजे मुख्य सचिव और डीजीपी को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी. योजना विभाग के मंत्री भी स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं. दिलावर ने सवाल उठाया कि एक अलमारी में पैसा मिला तो अन्य अलमारियों की जांच क्यों नहीं करवाई गई? उन्होंने आरोप लगाया कि वहां का पैसा भी खुर्द-बुर्द किया गया होगा. इस पूरे प्रकरण की जांच अगर ईडी (एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट) या सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) करेगी तब सच्चाई का पता चलेगा. दिलावर ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सारा पैसा रोज मुख्यमंत्री गहलोत के घर पर जा रहा था.
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सचेत कर दिए गए मंत्री और विधायक : दिलावर ने आरोप लगाया कि इस तरह से पैसा एकत्रित कर रहे सरकार के सभी मंत्रालय और अधिकारी सीबीआई और ईडी को नहीं बुलाने के चलते सतर्क हो गए. इस मामले की अगर ईडी और सीबीआई जांच करेगी तो प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कई मंत्री भी जेल जाएंगे. जिस टेंडर के जरिए वेद प्रकाश को यह राशि मिलने की बात सामने आ रही है, उसपर विधायक दिलावर ने कहा कि इन टेंडरों को लेकर भ्रष्टाचार की बात कही जा रही है. यह फाइल मुख्यमंत्री तक जाती होगी, अगर नहीं जाती है तो जानी चाहिए.
महंगाई राहत कैंपों में किराया ज्यादा : विधायक दिलावर का कहना है कि महंगाई राहत कैंपों के ठेके कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिए गए हैं, जिनसे पैसा वापस लेकर आगामी चुनाव में और अन्य राज्यों के चुनाव में उपयोग लिया जाना है. दिलावर का दावा है कि महंगाई राहत कैंप में पंखे, कूलर और टेंट का जितना किराया दिया जा रहा है, उतने में इनको खरीदा जा सकता था. इन सभी सामानों की कीमत का तीन से चार गुना किराया दिया जा रहा है. इन सब की जांच होनी चाहिए कि कितना भ्रष्टाचार किया जा रहा है और कैसे लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है.
विधायक से चोरी हुए मोबाइल के मांग लिए पैसे : दिलावर ने एक अन्य मामले में भी मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उनके दो मोबाइल 11 मई को जयपुर से कोटा आते समय ट्रेन के सेकंड एसी के कोच से चोरी हो गए थे. जब फोन किया तो सवाई माधोपुर जिले के उमरिया गांव निवासी व्यक्ति ने कॉल उठाया और 25 हजार नकद के बदले मोबाइल देने की बात कही.
विधायक ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे पवन दिलावर को वहां पर भेजा. महंगाई राहत कैंप के दौरान दो पुलिसकर्मी को देखकर वह व्यक्ति वापस अपने घर चला गया. इसके बाद उसने कॉल कर मोबाइल नहीं देने की धमकी दी, हालांकि बाद में इस संबंध में पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने उस व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है और मोबाइल भी कब्जे में कर लिया है.