कोटा. शहर में चाइनीज व मोनोकाइट मांझे पर रोक बेअसर रही. प्रतिबंधित मांझे की बिक्री सोमवार को मकर संक्रांति के मौके पर कई लोगों के जान पर बन आई. शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में मांझे से घायल लोगों के पहुंचने का सिलसिला दिनभर जारी रहा. इस दौरान कई घायलों को गंभीर स्थित में अस्पताल में भर्ती भी किया गया है.
सर्जरी से बची बुजुर्ग की जान : कोटा के अस्पतालों में तीन दर्जन लोग ऐसे पहुंचे, जो चाइनीज मांझे से घायल हुए थे. बूंदी जिले के बुजुर्ग रामलाल की गर्दन में इतना गंभीर कट लगा कि उनकी जान पर बन आई. गंभीर हालत में उनको बूंदी से कोटा के एमबीएस अस्पताल रेफर किया गया, जहां पर डॉक्टरों ने सर्जरी करके उनकी जान बचाई. इसी तरह एक अन्य व्यक्ति के पैर में चाइनीज मांझे से गंभीर चोट लग गई.
एमबीएस अस्पताल में सर्जरी विभाग के डॉ. आरजी मीणा ने कहा कि अस्पताल में चाइनीज मांझे से घायल होकर दो दर्जन से अधिक लोग पहुंचे हैं. कुछ की हालत बहुत गंभीर है. चाइनीज मांझा पर रोक लगनी चाहिए. यह जब तक शरीर के किसी अंग को पूरी तरह काट नहीं देता, यह टूटता नहीं है. लोगों को भी अपना बचाव करना चाहिए. गर्दन और शरीर के अन्य हिस्सों पर कपड़े और बाइक चलाते समय सिर पर हेलमेट पहन कर चलना चाहिए.
दो दर्जन पक्षियों का रेस्क्यू, 6 की मौत : दूसरी तरफ चाइनीज और मोनोकाइट मांझे से 6 पक्षियों की मौत भी हुई है. कोटा में छह पक्षी एंबुलेंस मांझे से घायल हुए पक्षियों के रेस्क्यू में जुटी हुई थी. ह्यूमन हेल्पलाइन के अध्यक्ष मनोज जैन आदिनाथ में बताया कि दो दर्जन से ज्यादा घायल पक्षियों का रेस्क्यू एंबुलेंस के जरिए किया गया है. घायल होने वाले पक्षियों में ज्यादातर कबूतर, डेकल, बगुला और टीटोड़ी थे. कुछ गंभीर घायल पक्षी ऐसे भी हैं, जिनके पंख कट गए हैं. ऐसे पक्षियों को ह्यूमन हेल्पलाइन के रेस्क्यू सेंटर में ही रखा जाएगा.