कोटा. राजस्थान के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसी के साथ 30 साल से चली आ रही परिपाटी को बरकरार रखते हुए जनता ने भारतीय जनता पार्टी को सत्ता का सिरमौर बनाया है. वहीं, कोटा उत्तर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी शांति धारीवाल ने जीत दर्ज की है. राजस्थान में कांग्रेस के सत्ता से बेदखली के सवाल पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सांप्रदायिकता के जहर में लोग बह गए. इसी के चलते उनकी जीत का अंतर कम हुआ है. कांग्रेस भी सत्ता से इसी कारण बाहर हुई है.
योजनाएं लागू करने के लिए बनाएंगे दबाव : धारीवाल ने कहा कि इस सांप्रदायिकता के माहौल में कड़ा संघर्ष रहना ही था. जिस तरह से सांप्रदायिकता का जहर घोला गया है, सेकुलर फोर्सेज की जीत हुई है. हम पूरी कोशिश करेंगे कि सरकार पर दबाव बनाएं कि हमारे शासन में चालू हुई योजनाओं को सरकार बंद नहीं करें, उन्होंने लगातार चलाएं. राजस्थान की नई सरकार ऐसा नहीं करेगी तो कांग्रेस सड़कों पर आकर संघर्ष करेगी.
धारीवाल से पूछा गया कि विकास के मॉडल को लोगों ने पसंद नहीं किया. इस पर उन्होंने जवाब दिया कि जिनको विकास का मॉडल पसंद आया उन्होंने वोट दिया, जो सांप्रदायिकता में बह गए, उन्होंने मत नहीं दिया. बीजेपी प्रत्याशी प्रह्लाद गुंजल ने आरोप लगाया कि माइनॉरिटी के वोट से धारीवाल जीते हैं, इसपर उन्होंने ने कहा कि मुझे माइनॉरिटी का पूरा सपोर्ट मिला है. उन्होंने विकास को भी नकारा नहीं है. बता दें कि 2023 के इस चुनाव में 20 राउंड की मतगणना हुई. इसमें प्रहलाद गुंजल को 92413 वोट मिले. वहीं, शांति धारीवाल को 94899 वोट मिले. इसके बाद फाइनल काउंटिंग में शांति धारीवाल 2486 वोट से जीत गए.