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कोटा पुलिस कारनामा : बर्खास्त हेड कांस्टेबल रविंद्र मलिक के खिलाफ पुलिस ने 31 फरवरी को कार्रवाई की - Kota Police act

कोटा शहर में पुलिसकर्मी को ही पुलिस द्वारा फंसाने का मामला सामने आया है. जिसमें बर्खास्त हेड कांस्टेबल रविन्द्र मलिक ने शहर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक राजेश मेश्राम और गुमानपुरा थाना अधिकारी मनोज सिंह सिकरवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

कोटा पुलिस कारनामा : बर्खास्त हेड कांस्टेबल रविंद्र मलिक के खिलाफ पुलिस ने 31 फरवरी को की कार्रवाई
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Published : Aug 12, 2019, 1:38 PM IST

कोटा. शहर में पुलिसकर्मी को ही पुलिस द्वारा फंसाने का मामला सामने आया है. जिसमें बर्खास्त हेड कांस्टेबल रविन्द्र मलिक ने शहर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक राजेश मेश्राम और गुमानपुरा थाना अधिकारी मनोज सिंह सिकरवार पर गंभीर आरोप लगाए है. जिसमें बर्खास्त हेड कांस्टेबल रविन्द्र मलिक ने शहर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक राजेश मेश्राम और गुमानपुरा थाना अधिकारी मनोज सिंह सिकरवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रविन्द्र मलिक ने कहा कि 31 फरवरी को पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई कर सबूत जुटाए है, जो कैलेंडर में कहीं होता ही नहीं है और दिव्यांग जो मुंह से बोल नहीं सकता उसके बयान दर्ज किए गए हैं.

कोटा पुलिस कारनामा : बर्खास्त हेड कांस्टेबल रविंद्र मलिक के खिलाफ पुलिस ने 31 फरवरी को की कार्रवाई

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जानकारी के अनुसार कोटा शहर पुलिस के हेड कांस्टेबल रविन्द्र मलिक पर उसके ही रिश्तेदार तेजवीर मलिक ने हनी ट्रैप में फंसाने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. साथ ही अपराधियों से सांठगांठ के आरोप भी मलिक पर लगे थे. हनी ट्रैप व धोखाधड़ी मामले में वह फरार चल रहा था. इसके बाद कोटा शहर एसपी दीपक भार्गव ने हेड कांस्टेबल रविंद्र मलिक को बर्खास्त कर दिया था.

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बर्खास्त हेड कांस्टेबल रविंद्र मालिक ने कोटा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी झूठे मामले में गलत तरीके से साजिश कर उसे फंसा रहे हैं. वहीं मलिक के साथ कांस्टेबल योगेश ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. रविन्द्र मलिक ने कहा कि मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं, मेरे उपर लगाए सभी आरोप गलत हैं. अगर कोई भी आरोप साबित हो तो हर सजा के लिए तैयार हूं. साथ ही पुलिस के अधिकारियों का भी नार्को टेस्ट कराया जाए.

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बता दें कि रविंद्र मलिक ने दस्तावेज भी दिखाए जिनमें एक दस्तावेज के हिसाब से 31 फरवरी 2019 को पुलिस ने कारवाई की है, जबकि फरवरी महीने में कभी 31 तारीख होती ही नहीं है. वहीं एक दिव्यांग व्यक्ति जो मुंह से बोल नहीं सकता उसके भी बयान लिए गए हैं. साथ ही मलिक ने दावा किया है कि अगर जांच हो जाए तो पुलिस के कई अधिकारी इसमें दोषी साबित होंगे.

कोटा. शहर में पुलिसकर्मी को ही पुलिस द्वारा फंसाने का मामला सामने आया है. जिसमें बर्खास्त हेड कांस्टेबल रविन्द्र मलिक ने शहर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक राजेश मेश्राम और गुमानपुरा थाना अधिकारी मनोज सिंह सिकरवार पर गंभीर आरोप लगाए है. जिसमें बर्खास्त हेड कांस्टेबल रविन्द्र मलिक ने शहर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक राजेश मेश्राम और गुमानपुरा थाना अधिकारी मनोज सिंह सिकरवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रविन्द्र मलिक ने कहा कि 31 फरवरी को पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई कर सबूत जुटाए है, जो कैलेंडर में कहीं होता ही नहीं है और दिव्यांग जो मुंह से बोल नहीं सकता उसके बयान दर्ज किए गए हैं.

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जानकारी के अनुसार कोटा शहर पुलिस के हेड कांस्टेबल रविन्द्र मलिक पर उसके ही रिश्तेदार तेजवीर मलिक ने हनी ट्रैप में फंसाने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. साथ ही अपराधियों से सांठगांठ के आरोप भी मलिक पर लगे थे. हनी ट्रैप व धोखाधड़ी मामले में वह फरार चल रहा था. इसके बाद कोटा शहर एसपी दीपक भार्गव ने हेड कांस्टेबल रविंद्र मलिक को बर्खास्त कर दिया था.

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बर्खास्त हेड कांस्टेबल रविंद्र मालिक ने कोटा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी झूठे मामले में गलत तरीके से साजिश कर उसे फंसा रहे हैं. वहीं मलिक के साथ कांस्टेबल योगेश ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. रविन्द्र मलिक ने कहा कि मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं, मेरे उपर लगाए सभी आरोप गलत हैं. अगर कोई भी आरोप साबित हो तो हर सजा के लिए तैयार हूं. साथ ही पुलिस के अधिकारियों का भी नार्को टेस्ट कराया जाए.

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बता दें कि रविंद्र मलिक ने दस्तावेज भी दिखाए जिनमें एक दस्तावेज के हिसाब से 31 फरवरी 2019 को पुलिस ने कारवाई की है, जबकि फरवरी महीने में कभी 31 तारीख होती ही नहीं है. वहीं एक दिव्यांग व्यक्ति जो मुंह से बोल नहीं सकता उसके भी बयान लिए गए हैं. साथ ही मलिक ने दावा किया है कि अगर जांच हो जाए तो पुलिस के कई अधिकारी इसमें दोषी साबित होंगे.

Intro:बर्खास्त हैड कांस्टेबल प्रबंधन मलिक ने शहर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक राजेश मेश्राम और गुमानपुरा थाना अधिकारी मनोज सिंह सिकरवार पर गंभीर आरोप लगाए है. साथ ही कहा है कि 31 फरवरी को भी पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई कर सबूत जुटाए है. जो कैलेंडर में कहीं होता ही नहीं है.Body:कोटा.
कोटा शहर में पुलिस कर्मी को ही पुलिस द्वारा फंसाने के आरोप लगे है. जिसमें बर्खास्त हैड कांस्टेबल प्रबंधन मलिक ने शहर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक राजेश मेश्राम और गुमानपुरा थाना अधिकारी मनोज सिंह सिकरवार पर गंभीर आरोप लगाए है. साथ ही कहा है कि 31 फरवरी को भी पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई कर सबूत जुटाए है. जो कैलेंडर में कहीं होता ही नहीं है. वहीं दिव्यांग जो मुंह से बोल नहीं सकता उसके भी बयान दर्ज किए गए.

मामले के अनुसार कोटा शहर पुलिस के हैड कांस्टेबल रविन्द्र मलिक पर उसके ही रिश्तेदार तेजवीर मलिक ने हनी ट्रैप में फंसाने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. साथ ही अपराधियों से सांठगांठ के आरोप भी मलिक पर लगे थे. हनी ट्रैप व धोखाधड़ी मामले में वह फरार चल रहा था. इसके बाद कोटा शहर एसपी दीपक भार्गव में हैड कांस्टेबल रविंद्र मलिक को बर्खास्त कर दिया था. जिसे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत दी है.
अब बर्खास्त हैड कांस्टेबल रविंद्र मालिक मीडिया के सामने आया और उसने कोटा पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहां है कि पुलिस अधिकारी मिलीभगत से झूठे मामले में गलत तरीके से साजिश कर उसे फंसा रहे हैं.
इस दौरान मलिक के साथ कॉन्स्टेबल योगेश ने भी पुलिस की कार्यशेलि पर सवाल खड़े किए हैं. मीडिया के सामने आए रविन्द्र मलिक ने कहा कि मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं, मेरे ऊपर लगाए सभी आरोप गलत है, अगर कोई भी आरोप साबित हो तो हर सजा के लिए तैयार हूं. साथ ही पुलिस के अधिकारियों का भी नार्को टेस्ट कराया जाए, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.Conclusion:रविंद्र मलिक ने मीडिया के सामने दस्तावेज भी दिखाए, जिनमे एक दस्तावेज के हिसाब से 31.02.19 को पुलिस ने कारवाई करना दिखाया है, जबकि फरवरी माह में कभी 31 तारीख होती ही नही है. वहीं एक दिव्यांग व्यक्ति जो मुंह से बोल नहीं सकता उसके भी बयान इसमें लिए गए हैं. साथ ही उसने दावा किया है कि अगर जांच हो जाए तो पुलिस के कई अधिकारी इसमें दोषी होंगे.


बाइट-- रविन्द्र मलिक, बर्खास्त हैड कॉन्स्टेबल, कोटा शहर
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