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कोटा: नगर निगम की बोर्ड बैठक पूरे दिन रही हंगामेदार, नहीं हुई महत्वपूर्ण कार्यों पर कोई चर्चा

कोटा शहर के नगर निगम की सवा साल बाद साधारण बैठक पूरे दिन हंगामेदार रही. बैठक में बिजली, अतिक्रमण और आवारा पशुओं के मुद्दे पर ही पार्षद हंगामा करते रहें. महत्वपूर्ण कार्यों पर कोई चर्चा नहीं हो पायी.

Kota, Municipal board, meeting
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Published : Aug 10, 2019, 2:23 AM IST

कोटा. शुक्रवार को नगर निगम की बोर्ड बैठक पूरे सवा साल बाद हुई. जो पूरे दिन हंगामें में ही गुजर गया. पार्षदों ने अपने काम करवाने के बजाय मान मनुहार और अधिकारियों पर आरोप-प्रत्यारोप में ही निकाल दिया. पार्षदों इसी बात पर हंगामा करते रहें कि यह अधिकारी हमारा फोन नहीं उठाता, फाइलों पर साइन नहीं होते. इन्हीं हंगामे के बीच घंटों बीत गए.

नगर निगम के बैठक में अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष आपस में उलझ गए.

इसी बीच नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका एक पार्क में मिट्टी जाने के मामले की जानकारी सदन को बताई तो इस बात को लेकर काफी हंगामा हो गया. उद्यान समिति के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष आपस में उलझ गए. उन्हें उपमहापौर और पार्षदों ने बीच बचाव कर शांत कराया. वहीं नगर निगम में रोड लाइटों को लेकर भी खासा हंगामा हुआ.

पढ़ें. भाजपा को 15 दिन में मिल सकता है नया प्रदेशाध्यक्ष

पार्षद नरेंद्र हाड़ा ने बिजली कंपनी ई ई एस एल कंपनी के प्रोजेक्ट इंजीनियर की बदतमीजी और फोन नहीं उठाने पर सदन में सवाल उठाया. पार्षद नरेंद्र सिंह हाडा ने दिल्ली कंपनी के प्रतिनिधि को सदन में सरेआम माफी मांगने की बात कही. उसके बाद जब प्रतिनिधि अपनी सफाई सदन में पेश करने लगे तो पार्षद हाड़ा उसे लेकर महापौर के पास पहुंचे. जहां पर निगम उपायुक्त ने बीच-बचाव कर विद्युत कंपनी के प्रतिनिधि को बचाया. जिसके बाद बिजली प्रतिनिधि ने सदन में सब से माफी मांगी और कहा की आगे इस तरह की कोई गलती नहीं होगी.

पढ़ें. जयपुर: ईवीएम मशीन पर सवाल, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बोर्ड बैठक में सभी पार्षदों ने आरोप लगाते हुए बताया कि अभी तक पिछले साल की बोर्ड बैठक की प्रोसीडिंग भी नहीं आई है. बिना एजेंटों के बोर्ड बैठक में हंगामा ही होता रहा. वहीं उसके बाद गौशाला अवैध निर्माण जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई. साथ ही शहर में सूअरों एवं आवारा मवेशी और नंदी गायों को पकड़ने के लिए भी सदन में चर्चा हुई.

कोटा. शुक्रवार को नगर निगम की बोर्ड बैठक पूरे सवा साल बाद हुई. जो पूरे दिन हंगामें में ही गुजर गया. पार्षदों ने अपने काम करवाने के बजाय मान मनुहार और अधिकारियों पर आरोप-प्रत्यारोप में ही निकाल दिया. पार्षदों इसी बात पर हंगामा करते रहें कि यह अधिकारी हमारा फोन नहीं उठाता, फाइलों पर साइन नहीं होते. इन्हीं हंगामे के बीच घंटों बीत गए.

नगर निगम के बैठक में अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष आपस में उलझ गए.

इसी बीच नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका एक पार्क में मिट्टी जाने के मामले की जानकारी सदन को बताई तो इस बात को लेकर काफी हंगामा हो गया. उद्यान समिति के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष आपस में उलझ गए. उन्हें उपमहापौर और पार्षदों ने बीच बचाव कर शांत कराया. वहीं नगर निगम में रोड लाइटों को लेकर भी खासा हंगामा हुआ.

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पार्षद नरेंद्र हाड़ा ने बिजली कंपनी ई ई एस एल कंपनी के प्रोजेक्ट इंजीनियर की बदतमीजी और फोन नहीं उठाने पर सदन में सवाल उठाया. पार्षद नरेंद्र सिंह हाडा ने दिल्ली कंपनी के प्रतिनिधि को सदन में सरेआम माफी मांगने की बात कही. उसके बाद जब प्रतिनिधि अपनी सफाई सदन में पेश करने लगे तो पार्षद हाड़ा उसे लेकर महापौर के पास पहुंचे. जहां पर निगम उपायुक्त ने बीच-बचाव कर विद्युत कंपनी के प्रतिनिधि को बचाया. जिसके बाद बिजली प्रतिनिधि ने सदन में सब से माफी मांगी और कहा की आगे इस तरह की कोई गलती नहीं होगी.

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बोर्ड बैठक में सभी पार्षदों ने आरोप लगाते हुए बताया कि अभी तक पिछले साल की बोर्ड बैठक की प्रोसीडिंग भी नहीं आई है. बिना एजेंटों के बोर्ड बैठक में हंगामा ही होता रहा. वहीं उसके बाद गौशाला अवैध निर्माण जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई. साथ ही शहर में सूअरों एवं आवारा मवेशी और नंदी गायों को पकड़ने के लिए भी सदन में चर्चा हुई.

Intro:कोटा नगर निगम की साधारण बैठक पूरे दिन हंगामेदार रही।
कोटा शहर में नगर निगम की सवा साल बाद हुई नगर निगम की साधारण बैठक पूरे दिन रही हंगामेदार बैठक में बिजली, अतिक्रमण,ओर आवारा पशुओं पर ही पार्षद हंगामा करते रहे।महत्वपूर्ण कार्यो पर कोई चर्चा नही हुई।
पार्षद नरेंद्र हाड़ा ने बिजली कंपनी ई ई एस एल कंपनी के प्रोजेक्ट इंजीनियर के साथ की बत्तमीजी फोन नही उठाने पर सदन में मंगवाई।
Body:नगर निगम की आज बोर्ड बैठक सवा साल बाद हुई।पूरे दिन हंगामेदार रही।पार्षदो ने अपने काम करवाने के बजाएं मान मनुहार और अधिकारियों पर आरोप-प्रत्यारोप में ही निकल गया पार्षदो ने इसी में हंगामा करते रहे कि यह अधिकारी हमारा फोन नही उठता ,फाइलो पर साइन नही होते इसी हंगामे के बीच घंटो बीत गए।इसी बीच नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका एक पार्क में मिट्टी जाने के मामले में जानकारी सदन बताई तो उस बात को लेकर काफी हंगामा हो गया उद्यान समिति के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष आपस में उलझ गए उन्हें उपमहापौर ओर पार्षदो ने बीच बचाव कर शांत कराया। वहीं नगर निगम में रोड लाइटों को लेकर भी खासा हंगामा हुआ पार्षद नरेंद्र सिंह हाडा ने दिल्ली कंपनी के प्रतिनिधि को सदन में सरेआम माफी मांगने की बात कही उसके बाद जब वह अपनी सफाई सदन में पेश करने लगे तो पार्षद हाड़ा उसे लेकर महापौर के पास पहुंचे जहां पर निगम उपायुक्त ने बीच-बचाव कर विद्युत कंपनी के प्रतिनिधि को बचाया उसके बाद उसने सदन में सब से माफी मांगी और कहीं आगे इस तरह की कोई गलती नहीं होगी।
Conclusion:बोर्ड बैठक में सभी पार्षदो ने आरोप लगाते हुए बताया कि अभी तक पिछले साल की बोर्ड बैठक की प्रोसीडिंग भी नहीं आई है। बिना एजेंटों के बोर्ड बैठक में हंगामा ही होता रहा वही उसके बाद गौशाला अवैध निर्माण जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई वहीं शहर में सावन हो सूअरों एवं आवारा मवेशी नंदी व गायों को पकड़ने के लिए भी सदन में चर्चा हुई।
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