कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेंशन के एक मामले में देरी होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोटा कलेक्टर पर सख्त नाराजगी जताई थी. ऐसे में शनिवार को कलेक्टर उक्त महिला के घर पहुंच गए और खेद जताते हुए अपनी सैलरी में से 5000 हजार रुपए भी उसे दिए. साथ ही उसे पेंशन स्वीकृति का पत्र जारी किया गया है.
जानकारी के मुताबिक अनंतपुरा निवासी यासमीन को वृद्धावस्था पेंशन समय पर नहीं मिली. जबकि उसने सितंबर में पेंशन के लिए आवेदन किया था. काफी समय तक उसका आवेदन नगर निगम में पेंडिंग रहा. पिछले दिनों पर उपायुक्त अशोक त्यागी और राजपाल सिंह ने प्रकरण को तैयार कर एसडीओ कार्यालय भेजा, लेकिन वहां से पेंशन नहीं बनी.
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इस मामले में सीएम अशोक गहलोत ने रिपोर्ट मांगी. साथ ही जिला कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नाराजगी भी जताई. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था, कि वृद्धों को इस प्रकार से पेंशन में देरी हो रही है. जो ठीक नहीं है. संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था.
ऐसे में शनिवार को जिला कलेक्टर ओम कसेरा शनिवार को विधवा महिला यास्मीन के घर पहुंचे और पेंशन का आदेश सौंपा. साथ ही जिला कलेक्टर ने पेंशन स्वीकृति में देरी पर खेद व्यक्त करते हुए स्वयं के वेतन से दिए 5 हजार राशि का चेक दिया है. इस मौके पर अतिरिक्त कलक्टर नरेंद्र गुप्ता, एसडीएम मोहनलाल प्रतिहार और तहसीलदार गजेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे.
बताया जा रहा है, कि यास्मीन के पति जलील मोहम्मद की मृत्यु 21 सितम्बर 2019 को हुई थी. 4 माह 10 दिन निकलने के बाद पिछले 22 जनवरी को जिला कलेक्टर के निर्देश पर बैंक अधिकारियों ने घर पर जाकर बैंक खाता खोला था. जन आधार कार्ड के अभाव में पेंशन स्वीकृति में समस्या आ रही थी. ऐसे में स्पेशल केश बनाकर जन आधार कार्ड जारी किया गया.
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बीपीएल स्वीकृति और बेटी को संविदा पर नौकरी
विधवा यास्मीन की पारवारिक परिस्थिति को देखते हुए बीपीएल स्वीकृति आदेश जारी किए गए. जिला कलेक्टर को यास्मीन ने बताया कि बेटी शबाना को भी पति ने छोड़ रखा है. जिसका तलाक का केस चल रहा है. ऐसे में परेशानी हो रही है. उन्होंने शबाना को भी नगर निगम में संविदा पर रखवाने के निर्देश दिए.