ETV Bharat / state

कनवास SDM ने किया सरकारी दफ्तरों का औचक निरीक्षण, 35 में से 22 कर्मचारी मिले नदारद..नोटिस जारी

author img

By

Published : Dec 16, 2020, 4:29 PM IST

कोटा में बुधवार को कनवास SDM ने सरकारी दफ्तरों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान वह सबसे पहले बिजली विभाग के कार्यालय पर पहुंचे. जहां 35 में से 22 कर्मचारी मौके पर अनुपस्थित मिले. इसको लेकर उन्होंने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

kota news, rajasthan news, कोटा न्यूज, राजस्थान न्यूज
कनवास SDM ने किया सरकारी दफ्तरों का औचक निरीक्षण

कोटा. जिले में बुधवार की सुबह कनवास एसडीएम राजेश डागा ने सरकारी दफ्तरों का आकस्मिक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने सबसे पहले बिजली विभाग के कार्यालय पर पहुंचे. जहांपर 35 कर्मचारियों में से 22 कर्मचारी मौके पर नदारद मिले. जिसके बाद उपखंड अधिकारी की ओर से उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया गया. जिसमें उपस्थिति पंजिका में अवकाश स्वीकृति हेतु कोई प्रार्थना-पत्र नहीं मिला.

एसडीएम ने अनुपस्थित मिले सभी कार्मिकों को स्पष्टीकरण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही उनहोंने ऐसी लापरवाही आगे नहीं बरतने के लिए पाबंद किया है. एसडीएम राजेश डागा ने बताया कि बिजली विभाग अत्यधिक जरूरतमंद और सर्तकता वाला विभाग है. जिसमें कार्मिकों की अनुपस्थिति में आमजन को असुविधा का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें: अजमेर: आनासागर पाथवे सहित 12 प्रमुख कार्यों का जिला कलेक्टर ने किया निरीक्षण...

इसके बाद उपखंड अधिकारी जलदाय विभाग पहुंचे जहां पर कार्यालय बंद मिला. मौके पर उपस्थित सहायक कर्मचारी से पूछताछ करने पर पता चला कि कार्यालय में जेईएन का पद रिक्त है. निरीक्षण के दौरान एसडीएम के साथ कनवास तहसीलदार सुरेंद्र शर्मा भी मौजूद रहे.

नवाजत शिशुओं की मौत के मामले में जांच कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, बताया- इस वजह से गई मासूमों की जान..

कोटा में नवजात बच्चों की मौत से जुड़े मामले में बड़ी खबर सामने आयी है. राज्य सरकार की तरफ से गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने प्रशासनिक लापरवाही मानी है. मामले में अस्पताल अधीक्षक और पीडियाट्रिक HOD के बीच कोआर्डिनेशन की कमी मानी गई. राज्य सरकार की उच्च स्तरीय कमेटी ने साफ सफाई समेत कई व्यवस्थाओं में भी खामी मानी गयीं.

यह भी पढ़ें: स्वायत्त शासन विभाग से मिली छूट के बावजूद 3000 बूथ संचालकों ने किराया नहीं कराया जमा

रिपोर्ट के आधार पर अधीक्षक और HOD पर कार्रवाई की गाज गिरी है. कोटा मेडिकल कॉलेज में रिक्त चल रहे सह आचार्य शिशु औषध 3 पदों को लेकर भी फैसला लिया गया है. इन तीनों पदों को सहायक आचार्य शिशु औषध से भरने की स्वीकृति जारी की गई है.

कोटा. जिले में बुधवार की सुबह कनवास एसडीएम राजेश डागा ने सरकारी दफ्तरों का आकस्मिक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने सबसे पहले बिजली विभाग के कार्यालय पर पहुंचे. जहांपर 35 कर्मचारियों में से 22 कर्मचारी मौके पर नदारद मिले. जिसके बाद उपखंड अधिकारी की ओर से उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया गया. जिसमें उपस्थिति पंजिका में अवकाश स्वीकृति हेतु कोई प्रार्थना-पत्र नहीं मिला.

एसडीएम ने अनुपस्थित मिले सभी कार्मिकों को स्पष्टीकरण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही उनहोंने ऐसी लापरवाही आगे नहीं बरतने के लिए पाबंद किया है. एसडीएम राजेश डागा ने बताया कि बिजली विभाग अत्यधिक जरूरतमंद और सर्तकता वाला विभाग है. जिसमें कार्मिकों की अनुपस्थिति में आमजन को असुविधा का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें: अजमेर: आनासागर पाथवे सहित 12 प्रमुख कार्यों का जिला कलेक्टर ने किया निरीक्षण...

इसके बाद उपखंड अधिकारी जलदाय विभाग पहुंचे जहां पर कार्यालय बंद मिला. मौके पर उपस्थित सहायक कर्मचारी से पूछताछ करने पर पता चला कि कार्यालय में जेईएन का पद रिक्त है. निरीक्षण के दौरान एसडीएम के साथ कनवास तहसीलदार सुरेंद्र शर्मा भी मौजूद रहे.

नवाजत शिशुओं की मौत के मामले में जांच कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, बताया- इस वजह से गई मासूमों की जान..

कोटा में नवजात बच्चों की मौत से जुड़े मामले में बड़ी खबर सामने आयी है. राज्य सरकार की तरफ से गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने प्रशासनिक लापरवाही मानी है. मामले में अस्पताल अधीक्षक और पीडियाट्रिक HOD के बीच कोआर्डिनेशन की कमी मानी गई. राज्य सरकार की उच्च स्तरीय कमेटी ने साफ सफाई समेत कई व्यवस्थाओं में भी खामी मानी गयीं.

यह भी पढ़ें: स्वायत्त शासन विभाग से मिली छूट के बावजूद 3000 बूथ संचालकों ने किराया नहीं कराया जमा

रिपोर्ट के आधार पर अधीक्षक और HOD पर कार्रवाई की गाज गिरी है. कोटा मेडिकल कॉलेज में रिक्त चल रहे सह आचार्य शिशु औषध 3 पदों को लेकर भी फैसला लिया गया है. इन तीनों पदों को सहायक आचार्य शिशु औषध से भरने की स्वीकृति जारी की गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.