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बिना हाथों के परसाराम क्रिकेट के मैदान में लगा रहे चौके-छक्के, जज्बा देख हो जाएंगे हैरान - खिलाड़ी परसाराम सोलंकी

राजस्थान डिसेबल्ड क्रिकेट टीम के खिलाड़ी परसाराम सोलंकी के दोनों हाथ नहीं हैं. इसके बावजूद वो क्रिकेट पिच पर जमकर चौके-छक्के मार रहे हैं. कोटा में आयोजित वनडे सीरीज में खेल रहे खिलाड़ी सोलंकी के जज्बे को देखकर हर कोई हैरान है.

राजस्थान डिसएबल क्रिकेट एसोसिएशन
राजस्थान डिसएबल क्रिकेट एसोसिएशन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 10, 2024, 7:09 PM IST

बिना हाथों के परसाराम क्रिकेट के मैदान में लगा रहे चौके-छक्के

कोटा. राजस्थान डिसएबल क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से कोटा में वनडे सीरीज आयोजित की जा रही है. इसमें तमिलनाडु और राजस्थान की टीम के बीच मुकाबला 12 और 13 जनवरी के बीच खेला जाएगा. वर्तमान में राजस्थान की ही तीन टीमों के बीच में मुकाबला खेला जा रहा है. इनमें से एक टीम का चयन किया जाएगा. इस टीम में एक खिलाड़ी परसाराम सोलंकी जोधपुर से आए हैं, जिनके दोनों हाथ नहीं हैं. इसके बावजूद वे जमकर बल्लेबाजी करते हुए नजर आते हैं और फील्डिंग भी पूरे जोश से करते हैं.

परसाराम अपने पैरों से ही बॉल को रोक लेते हैं. स्टंप पर थ्रो भी अपने पैर से ही मारते हैं. करीब 7 साल की उम्र में करंट की चपेट में आने के चलते परसाराम ने अपने दोनों हाथ खो दिए थे. इसके बाद उन्होंने जोधपुर के ही एक दिव्यांग स्कूल में पढ़ाई की. यहां पर उन्होंने दूसरे खिलाड़ियों को क्रिकेट खेलते देख प्रेरणा ली और खुद भी क्रिकेट खेलना शुरू किया. वे अपने कोहनी के नजदीक से बैट को पकड़ते हैं और दूसरी तरफ गर्दन और कंधे के बीच में फंसा लेते हैं. इसी तरह से वो लगातार कई शॉट मारते हैं. अब सोलंकी राजस्थान की टीम से खेलने वाले हैं.

पढ़ें. Cricket on Wheelchair : व्हीलचेयर पर दिव्यांग खिलाड़ी दिखा रहे दम...उड़ा रहे चौके-छक्के

5 खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शामिल : राजस्थान डिसेबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव गोविंद सिंह राजपुरोहित का कहना है कि राजस्थान की टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनके हाथ या पैर नहीं हैं. इसके बावजूद भी वह रन लेने के लिए भागते हुए नजर आते हैं और फील्डिंग करने के लिए बॉल को पकड़ते हुए नजर आते हैं. भाग कर कैच पकड़ना हो या फिर बल्ले से चौके-छक्के मारने हो, सब कुछ यह सामान्य क्रिकेटर की तरह ही करते हैं. इन खिलाड़ियों के बीच एक अलग ही जुनून नजर आता है. इनमें से कुछ खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी खेल चुके हैं. गोविंद सिंह राजपुरोहित का कहना है कि वर्तमान में 9 से 13 जनवरी तक यह प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है. फिलहाल ट्रायल मैच आयोजित किया जा रहे है. इसमें मुख्य अतिथि अशोक चांदना और रीना किन्नर थी.

मदद की है दरकरार : राजस्थान डिसेबल्ड क्रिकेट टीम के कप्तान नरेंद्र शर्मा का कहना है कि उनके टीम में 4 से 5 दिव्यांग इंटरनेशनल प्लेयर हैं. ये बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ खेल चुके हैं. इनकी काफी अच्छी पकड़ है. साथ ही उन्होंने कहा कि उनके और सामान्य क्रिकेट में थोड़ा अंतर होता है. यहां पर रनर की सुविधा खिलाड़ियों को मिल जाती है. शेष आईसीसी के सारे नियम इसमें भी फॉलो किए जाते हैं. क्रिकेट में भी 20-20, वनडे और टेस्ट मैच होता है. हालांकि, अभी भी यह क्रिकेट काफी पिछड़ा हुआ है. इसको आर्थिक मदद की दरकरार है. मदद मिलेगी तब दिव्यांग क्रिकेटर भी विदेशी टीम या विदेश की धरती पर अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे.

बिना हाथों के परसाराम क्रिकेट के मैदान में लगा रहे चौके-छक्के

कोटा. राजस्थान डिसएबल क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से कोटा में वनडे सीरीज आयोजित की जा रही है. इसमें तमिलनाडु और राजस्थान की टीम के बीच मुकाबला 12 और 13 जनवरी के बीच खेला जाएगा. वर्तमान में राजस्थान की ही तीन टीमों के बीच में मुकाबला खेला जा रहा है. इनमें से एक टीम का चयन किया जाएगा. इस टीम में एक खिलाड़ी परसाराम सोलंकी जोधपुर से आए हैं, जिनके दोनों हाथ नहीं हैं. इसके बावजूद वे जमकर बल्लेबाजी करते हुए नजर आते हैं और फील्डिंग भी पूरे जोश से करते हैं.

परसाराम अपने पैरों से ही बॉल को रोक लेते हैं. स्टंप पर थ्रो भी अपने पैर से ही मारते हैं. करीब 7 साल की उम्र में करंट की चपेट में आने के चलते परसाराम ने अपने दोनों हाथ खो दिए थे. इसके बाद उन्होंने जोधपुर के ही एक दिव्यांग स्कूल में पढ़ाई की. यहां पर उन्होंने दूसरे खिलाड़ियों को क्रिकेट खेलते देख प्रेरणा ली और खुद भी क्रिकेट खेलना शुरू किया. वे अपने कोहनी के नजदीक से बैट को पकड़ते हैं और दूसरी तरफ गर्दन और कंधे के बीच में फंसा लेते हैं. इसी तरह से वो लगातार कई शॉट मारते हैं. अब सोलंकी राजस्थान की टीम से खेलने वाले हैं.

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5 खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शामिल : राजस्थान डिसेबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव गोविंद सिंह राजपुरोहित का कहना है कि राजस्थान की टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनके हाथ या पैर नहीं हैं. इसके बावजूद भी वह रन लेने के लिए भागते हुए नजर आते हैं और फील्डिंग करने के लिए बॉल को पकड़ते हुए नजर आते हैं. भाग कर कैच पकड़ना हो या फिर बल्ले से चौके-छक्के मारने हो, सब कुछ यह सामान्य क्रिकेटर की तरह ही करते हैं. इन खिलाड़ियों के बीच एक अलग ही जुनून नजर आता है. इनमें से कुछ खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी खेल चुके हैं. गोविंद सिंह राजपुरोहित का कहना है कि वर्तमान में 9 से 13 जनवरी तक यह प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है. फिलहाल ट्रायल मैच आयोजित किया जा रहे है. इसमें मुख्य अतिथि अशोक चांदना और रीना किन्नर थी.

मदद की है दरकरार : राजस्थान डिसेबल्ड क्रिकेट टीम के कप्तान नरेंद्र शर्मा का कहना है कि उनके टीम में 4 से 5 दिव्यांग इंटरनेशनल प्लेयर हैं. ये बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ खेल चुके हैं. इनकी काफी अच्छी पकड़ है. साथ ही उन्होंने कहा कि उनके और सामान्य क्रिकेट में थोड़ा अंतर होता है. यहां पर रनर की सुविधा खिलाड़ियों को मिल जाती है. शेष आईसीसी के सारे नियम इसमें भी फॉलो किए जाते हैं. क्रिकेट में भी 20-20, वनडे और टेस्ट मैच होता है. हालांकि, अभी भी यह क्रिकेट काफी पिछड़ा हुआ है. इसको आर्थिक मदद की दरकरार है. मदद मिलेगी तब दिव्यांग क्रिकेटर भी विदेशी टीम या विदेश की धरती पर अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे.

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