कोटा. शहर के जेके लोन अस्पताल में बच्चा बदलने का एक मामला सामने आया है. जिसमें प्रसूता के परिजनों को बेटी देकर उनका बेटा ले गए. हालांकि नयापुरा और एमबीएस पुलिस चौकी टीम की 5 घंटे की मशक्कत के बाद इस मामले को सुलझा लिया गया और बदला हुआ बच्चे वापस अपने परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. हालांकि अभी तक इस मामले में यह साफ नहीं हो पाया है कि बच्चा गलफत में बदला है या फिर जानबूझकर बदला गया है.
मामले के अनुसार मध्यप्रदेश के श्योपुर निवासी माया अपने परिजनों के साथ डिलीवरी के लिए कोटा 108 एंबुलेंस से आ रही थी. उसका एंबुलेंस में ही प्रसव हो गया. जिसमें लड़के का जन्म हुआ था. परिजन प्रसूता और नवजात को लेकर अस्पताल पहुंचे और दोनों को भर्ती करवा दिया. उसकी परिजन पिंकी अस्पताल में पर्ची बनवाने व अन्य अस्पताल के कार्य में जुटी हुई थी. उसी दौरान पिंकी के चक्कर आने पर पास में खड़ी दूसरी महिला को उसने बच्चा सौंपा. इस दौरान बच्चा बदल गया और उसके हाथ में लड़की आ गई.
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जब माया के परिजनों को पता चला कि उनके पास लड़की है तो उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया और बच्चा बदलने की सूचना पर एमबीएस चौकी और नयापुरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची. साथ ही अस्पताल अधीक्षक डॉ. एचएल मीणा भी मौके पर आए. इस मामले की गहनता से जांच करने पर सामने आया कि कोटा के रंगपुर निवासी कौशल्या अस्पताल में भर्ती है. जिसके रिकॉर्ड में लड़की दर्शाई गई है और उसके पास लड़का है. ऐसे में पूछताछ के लिए कौशल्या के परिजनों को भी बुलाया गया. हालांकि कौशल्या के परिजनों ने भी बेटा होने की बात करते हुए हंगामा खड़ा कर दिया.
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सभी प्रसूताओं के टिकट जांचे तब सामने आया मामला
जब कौशल्या के परिजनों ने भी विरोध शुरू कर दिया, तब अस्पताल प्रबंधन ने भर्ती सभी प्रसूताओं के पर्चे जांचें. साथ ही उनके पास लड़का है या लड़की इसकी जांच भी की गई. तब सामने आया कि लाडपुरा निवासी सरताज नाम की प्रसूता, जिसकी कल डिलीवरी हुई थी, वह अस्पताल के वार्ड में उन्हें नहीं मिली. ऐसे में नयापुरा पुलिस ने उसका एड्रेस निकाल उसके घर पर तलाश करने पहुंची और उसके पति नईम को लेकर अस्पताल आई.
तब सामने आया है कि प्रसूता सरताज अस्पताल में ही दूसरे वार्ड में भर्ती है. उसके पास लड़की की जगह लड़का मिला. उसने खुद ने भी स्वीकार किया है कि उसका बच्चा बदल गया है. उसकी लड़की थी और उसके पास लड़का है. उसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने बदले हुए बच्चों को अपने-अपने परिजनों को सुपुर्द कर दिया है. हालांकि, अपने वार्ड से गायब होने का सही जवाब प्रसूता सरताज और उसका पति नईम नहीं दे पाया है. ऐसे में प्रबंधन को शक है कि कहीं सरताज के परिजनों ने तो बच्चा जानबूझकर नहीं बदला है.
गलत रिकॉर्ड ने बढ़ाई गलफत
अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों और अन्य स्टाफ ने कौशल्या के भर्ती टिकट और अन्य कागजातों पर लड़की दर्शाई. जबकि उसने बेटे को जन्म दिया था. इस रिकॉर्ड के चलते गफलत बढ़ गई और अस्पताल प्रबंधन को काफी देर तक मशक्कत करनी पड़ी. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने दोषी स्टाफ और चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है. साथ ही तीन सदस्यों की कमेटी इस पूरे मामले की जांच के लिए भी गठित कर दी है.