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Special: जानें क्यों विश्व की कठिन परीक्षाओं में शामिल है JEE Advanced? अभी तक एक भी विद्यार्थी नहीं बना सका है परफेक्ट स्कोर का रिकॉर्ड - जेईई एडवांस्ड 2023

JEE Advanced के विद्यार्थियों को परीक्षा के पहले किसी तरह के पेपर पेटर्न की जानकारी नहीं होती है. साथ ही मार्किंग स्कीम के बारे में भी कुछ पता नहीं होता है. साथ ही हर साल पेपर पेटर्न को बदल दिया जाता है. ऐसे में इसमें पूछे जाने वाले प्रश्न भी काफी कठिन होते हैं. यही वजह है कि अभी तक भी कोई भी विद्यार्थी परफेक्ट स्कोर का (JEE Advanced World Toughest Exam) रिकॉर्ड नहीं बना सका है.

JEE Advanced World Toughest Exam
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Published : May 13, 2023, 10:20 PM IST

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा

कोटा. देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई एडवांस्ड 2023) की परीक्षा 4 जून को होने वाली है. जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस परीक्षा के जरिए देशभर के 23 इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) की 16000 से ज्यादा सीटों पर विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा. इसमें आवेदन करने वाले विद्यार्थी जेईई मेन से क्वालीफाई होते हैं, लेकिन ये परीक्षा पूरी तरह से जेईई मेन से अलग है. यही वजह है कि इसे विश्व की सबसे कठिन परीक्षाओं में भी शामिल किया गया है. साथ ही अब तक इसमें शामिल कोई भी विद्यार्थी परफेक्ट स्कोर नहीं कर सका है. जबकि जेईई मेन में बीते कई सालों से विद्यार्थी परफेक्ट स्कोर का रिकॉर्ड बना चुके हैं.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि जॉइंट एंट्रेंस मेन में विद्यार्थी परफेक्ट स्कोर भी कई बार कर चुके हैं, जबकि एडवांस्ड की परीक्षा में ये अभी तक भी संभव नहीं हुआ है. जेईई एडवांस्ड एग्जाम में अधिकांश समय टॉपर स्टूडेंट के अंक 85 से लेकर 95 फीसदी तक आए हैं. इसमें 2021 में ही 97 फीसदी अंक विद्यार्थी के आए थे. यह अब तक का सबसे हाईएस्ट स्कोर है. इस परीक्षा के कठिन होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि परीक्षा में 30 से 40 फ़ीसदी विद्यार्थियों के 20 फीसदी अंक भी नहीं आ पाते हैं.

JEE Advanced World Toughest Exam
बीते 4 साल के टॉपर्स और निचले विद्यार्थियों के अंक

पेपर पेटर्न व मार्किंग का पता नहीं - कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का मानना है कि ये पूरी तरह से ब्लाइंड गेम जैसी परीक्षा है. इसमें विद्यार्थियों को परीक्षा के पहले किसी तरह का कोई पेपर पेटर्न की जानकारी नहीं होती है. साथ ही मार्किंग स्कीम के बारे में भी कुछ भी जानकारी नहीं है. पेपर पेटर्न को हर साल बदल दिया जाता है. इसमें पूछे जाने वाले प्रश्न भी काफी कठिन होते हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि जिन विद्यार्थियों के कंटेंट सॉलिड होते हैं. वहीं इस परीक्षा के जरिए सफल होकर आईआईटी में पहुंचते हैं. मल्टी कांसेप्चुअल प्रश्न पूछे जाते हैं, यानी कि सीधे सवाल नहीं पूछे जाते हैं. इन को सॉल्व करने के लिए एप्लीकेशन ऑफ नॉलेज की जरूरत होती है.

इसे भी पढ़ें - समय पर होंगे JEE Main और Advanced के एग्जाम, 3 साल से गड़बड़ा रहा था IIT का सेशन

जेईई मेन में सब कुछ फिक्स, प्रश्न भी होते हैं रिपीट - जेईई मेन परीक्षा में सिलेबस में बदलाव नहीं होता है. जेईई मेन का एक्जाम एनसीआरटी बेस्ड है. जेईई मेन और एडवांस्ड के सिलेबस में कुछ थोड़ा सा ही अंतर है. एडवांस में कुछ भी फिक्स नहीं है, जबकि जेईई मेन परीक्षा में मार्किंग पेटर्न प्रश्नों की संख्या प्रश्न पूछने का तरीका भी एक ही रहता है. यहां पर प्रश्न रिपीट भी कुछ परीक्षाओं में होते रहते हैं. यहां पर प्रश्नों की संख्या भी फिक्स और ज्यादा रहती है. यहां 90 प्रश्न परीक्षा में पूछे जाते हैं, छह परीक्षा केवल एक पारी में ही आयोजित होती है.

JEE Advanced World Toughest Exam
बीते 4 साल के टॉपर्स और निचले विद्यार्थियों के अंक

इस तरह से बदल जाते हैं पेपर पैटर्न - देव शर्मा ने पेपर के पैटर्न के बदलने के सवाल पर बताया कि साल 2021 में 114 प्रश्न परीक्षा में पूछे गए थे. जिनके पूर्णांक 360 थे. इसके दोनों पेपरों में 57- 57 प्रश्न पूछे गए थे यानी कि मैथमेटिक्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री में एक पारी में 19 प्रश्न थे. दोनों पारियों का मिलाकर 38 प्रश्न पूछे गए, जबकि साल 2022 में पूर्णांक 360 ही रहा. प्रश्नों की संख्या कम होकर 108 रह गई, यानी कि दोनों पारियों में 54-54 पर पूछे गए. साथ ही फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स में 18-18 प्रश्न दोनों पारियों में पूछे गए हैं.

इसीलिए विश्व की कठिन परीक्षाओं में शामिल है एडवांस्ड - एक्सपर्ट का मानना है कि स्टूडेंट्स के कंसेप्ट क्लियर होने पर ही वे जेईई एडवांस्ड को क्वालीफाई कर सकता है. उसकी कैपेबिलिटी और सब्जेक्ट की नॉलेज भी काफी गहरी चाहिए. मल्टी कांसेप्चुअल क्वेश्चन पूछे जाते हैं, जिनके लिए सब्जेक्ट की गहरी जानकारी जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर क्वेश्चन के गलत होने की संभावनाएं भी कोई ज्यादा है.

इसे भी पढ़ें - जेईई एडवांस: राजधानी में 16 केंद्रों पर होगी परीक्षा, हजारों छात्र आजमाएंगे किस्मत

जेईई एडवांस्ड में इस तरह के पूछे जाते हैं प्रश्न - प्रश्न पत्र में हर प्रश्नों के अनुसार मार्किंग स्कीम अलग-अलग होती है. कुछ प्रश्नों में तीन तो कुछ में 4 अंक सही जवाब के मिलते हैं. साथ ही कुछ प्रश्नों में माइनस मार्किंग होती है. साथ ही कुछ प्रश्नों में माइनस मार्किंग भी नहीं होती है. इस प्रपत्र में सिंगल डिजिट टाइप, मल्टीपल करेक्ट ऑप्शन, कॉलम-मैचिंग व सिंगल ऑप्शन करेक्ट तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं. यह मार्किंग स्कीम हर साल बदलती रहती है. इस प्रश्न पत्र में सवाल रिपीट भी बीते साल के प्रश्न पत्रों से नहीं होते हैं, हालांकि बीते साल के प्रश्न पत्रों के पैटर्न के सवाल जरूर पूछे जाते हैं.

JEE Advanced World Toughest Exam
बीते 4 साल के टॉपर्स और निचले विद्यार्थियों के अंक

बैरियर क्रॉस कर पहुंचते हैं विद्यार्थी - इस परीक्षा में शामिल स्टूडेंट्स की संख्या डेढ़ लाख से ढाई लाख के बीच हो सकती है, क्योंकि इसके पहले वे एक बैरियर को क्रॉस करके आते हैं. यह बैरियर जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम जेईईमेन है. इसके जरिए ही क्वालीफाई होने के बाद जेईई एडवांस के लिए विद्यार्थी क्वालीफाई करता है, हालांकि बीते कई सालों के रिकॉर्ड के अनुसार जेईई एडवांस परीक्षा में 1.5 से 1.6 लाख के बीच ही विद्यार्थी भाग ले रहे हैं. इनमें से 16000 सीटों के अनुसार करीब 4 गुना 60000 विद्यार्थियों को काउंसलिंग के लिए एलिजिबल घोषित किया जाता है, जिन्हें जॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JoSAA) की काउंसलिंग के जरिए आईआईटी की सीट आवंटित होने की प्रक्रिया की जाती है.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा

कोटा. देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई एडवांस्ड 2023) की परीक्षा 4 जून को होने वाली है. जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस परीक्षा के जरिए देशभर के 23 इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) की 16000 से ज्यादा सीटों पर विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा. इसमें आवेदन करने वाले विद्यार्थी जेईई मेन से क्वालीफाई होते हैं, लेकिन ये परीक्षा पूरी तरह से जेईई मेन से अलग है. यही वजह है कि इसे विश्व की सबसे कठिन परीक्षाओं में भी शामिल किया गया है. साथ ही अब तक इसमें शामिल कोई भी विद्यार्थी परफेक्ट स्कोर नहीं कर सका है. जबकि जेईई मेन में बीते कई सालों से विद्यार्थी परफेक्ट स्कोर का रिकॉर्ड बना चुके हैं.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि जॉइंट एंट्रेंस मेन में विद्यार्थी परफेक्ट स्कोर भी कई बार कर चुके हैं, जबकि एडवांस्ड की परीक्षा में ये अभी तक भी संभव नहीं हुआ है. जेईई एडवांस्ड एग्जाम में अधिकांश समय टॉपर स्टूडेंट के अंक 85 से लेकर 95 फीसदी तक आए हैं. इसमें 2021 में ही 97 फीसदी अंक विद्यार्थी के आए थे. यह अब तक का सबसे हाईएस्ट स्कोर है. इस परीक्षा के कठिन होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि परीक्षा में 30 से 40 फ़ीसदी विद्यार्थियों के 20 फीसदी अंक भी नहीं आ पाते हैं.

JEE Advanced World Toughest Exam
बीते 4 साल के टॉपर्स और निचले विद्यार्थियों के अंक

पेपर पेटर्न व मार्किंग का पता नहीं - कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का मानना है कि ये पूरी तरह से ब्लाइंड गेम जैसी परीक्षा है. इसमें विद्यार्थियों को परीक्षा के पहले किसी तरह का कोई पेपर पेटर्न की जानकारी नहीं होती है. साथ ही मार्किंग स्कीम के बारे में भी कुछ भी जानकारी नहीं है. पेपर पेटर्न को हर साल बदल दिया जाता है. इसमें पूछे जाने वाले प्रश्न भी काफी कठिन होते हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि जिन विद्यार्थियों के कंटेंट सॉलिड होते हैं. वहीं इस परीक्षा के जरिए सफल होकर आईआईटी में पहुंचते हैं. मल्टी कांसेप्चुअल प्रश्न पूछे जाते हैं, यानी कि सीधे सवाल नहीं पूछे जाते हैं. इन को सॉल्व करने के लिए एप्लीकेशन ऑफ नॉलेज की जरूरत होती है.

इसे भी पढ़ें - समय पर होंगे JEE Main और Advanced के एग्जाम, 3 साल से गड़बड़ा रहा था IIT का सेशन

जेईई मेन में सब कुछ फिक्स, प्रश्न भी होते हैं रिपीट - जेईई मेन परीक्षा में सिलेबस में बदलाव नहीं होता है. जेईई मेन का एक्जाम एनसीआरटी बेस्ड है. जेईई मेन और एडवांस्ड के सिलेबस में कुछ थोड़ा सा ही अंतर है. एडवांस में कुछ भी फिक्स नहीं है, जबकि जेईई मेन परीक्षा में मार्किंग पेटर्न प्रश्नों की संख्या प्रश्न पूछने का तरीका भी एक ही रहता है. यहां पर प्रश्न रिपीट भी कुछ परीक्षाओं में होते रहते हैं. यहां पर प्रश्नों की संख्या भी फिक्स और ज्यादा रहती है. यहां 90 प्रश्न परीक्षा में पूछे जाते हैं, छह परीक्षा केवल एक पारी में ही आयोजित होती है.

JEE Advanced World Toughest Exam
बीते 4 साल के टॉपर्स और निचले विद्यार्थियों के अंक

इस तरह से बदल जाते हैं पेपर पैटर्न - देव शर्मा ने पेपर के पैटर्न के बदलने के सवाल पर बताया कि साल 2021 में 114 प्रश्न परीक्षा में पूछे गए थे. जिनके पूर्णांक 360 थे. इसके दोनों पेपरों में 57- 57 प्रश्न पूछे गए थे यानी कि मैथमेटिक्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री में एक पारी में 19 प्रश्न थे. दोनों पारियों का मिलाकर 38 प्रश्न पूछे गए, जबकि साल 2022 में पूर्णांक 360 ही रहा. प्रश्नों की संख्या कम होकर 108 रह गई, यानी कि दोनों पारियों में 54-54 पर पूछे गए. साथ ही फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स में 18-18 प्रश्न दोनों पारियों में पूछे गए हैं.

इसीलिए विश्व की कठिन परीक्षाओं में शामिल है एडवांस्ड - एक्सपर्ट का मानना है कि स्टूडेंट्स के कंसेप्ट क्लियर होने पर ही वे जेईई एडवांस्ड को क्वालीफाई कर सकता है. उसकी कैपेबिलिटी और सब्जेक्ट की नॉलेज भी काफी गहरी चाहिए. मल्टी कांसेप्चुअल क्वेश्चन पूछे जाते हैं, जिनके लिए सब्जेक्ट की गहरी जानकारी जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर क्वेश्चन के गलत होने की संभावनाएं भी कोई ज्यादा है.

इसे भी पढ़ें - जेईई एडवांस: राजधानी में 16 केंद्रों पर होगी परीक्षा, हजारों छात्र आजमाएंगे किस्मत

जेईई एडवांस्ड में इस तरह के पूछे जाते हैं प्रश्न - प्रश्न पत्र में हर प्रश्नों के अनुसार मार्किंग स्कीम अलग-अलग होती है. कुछ प्रश्नों में तीन तो कुछ में 4 अंक सही जवाब के मिलते हैं. साथ ही कुछ प्रश्नों में माइनस मार्किंग होती है. साथ ही कुछ प्रश्नों में माइनस मार्किंग भी नहीं होती है. इस प्रपत्र में सिंगल डिजिट टाइप, मल्टीपल करेक्ट ऑप्शन, कॉलम-मैचिंग व सिंगल ऑप्शन करेक्ट तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं. यह मार्किंग स्कीम हर साल बदलती रहती है. इस प्रश्न पत्र में सवाल रिपीट भी बीते साल के प्रश्न पत्रों से नहीं होते हैं, हालांकि बीते साल के प्रश्न पत्रों के पैटर्न के सवाल जरूर पूछे जाते हैं.

JEE Advanced World Toughest Exam
बीते 4 साल के टॉपर्स और निचले विद्यार्थियों के अंक

बैरियर क्रॉस कर पहुंचते हैं विद्यार्थी - इस परीक्षा में शामिल स्टूडेंट्स की संख्या डेढ़ लाख से ढाई लाख के बीच हो सकती है, क्योंकि इसके पहले वे एक बैरियर को क्रॉस करके आते हैं. यह बैरियर जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम जेईईमेन है. इसके जरिए ही क्वालीफाई होने के बाद जेईई एडवांस के लिए विद्यार्थी क्वालीफाई करता है, हालांकि बीते कई सालों के रिकॉर्ड के अनुसार जेईई एडवांस परीक्षा में 1.5 से 1.6 लाख के बीच ही विद्यार्थी भाग ले रहे हैं. इनमें से 16000 सीटों के अनुसार करीब 4 गुना 60000 विद्यार्थियों को काउंसलिंग के लिए एलिजिबल घोषित किया जाता है, जिन्हें जॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JoSAA) की काउंसलिंग के जरिए आईआईटी की सीट आवंटित होने की प्रक्रिया की जाती है.

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