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3D cities in Rajasthan: स्मार्ट सिटी की तर्ज पर प्रदेश में बनेंगी 3डी सिटी, कोटा सहित ये तीन शहर शामिल

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Published : Feb 10, 2023, 8:11 PM IST

प्रदेश की गहलोत सरकार ने केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना की तर्ज पर जीआईएफ आधारित 3डी सिटी बनाने की घोषणा की है. इन 3डी सिटीज के लिए कोटा सहित तीन शहरों को शामिल किया गया है.

GIF based 3D cities in Rajasthan announced, Kota, Ajmer, Udaipur and Jodhpur named for it
स्मार्ट सिटी की तर्ज पर प्रदेश में बनेंगी 3डी सिटी, कोटा सहित ये तीन शहर शामिल

कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने इस बजट में स्मार्ट सिटी की तर्ज पर ही ज्योग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम (जीआईएफ) पर आधारित 3डी सिटी 4 शहरों में बनाने की घोषणा की है. इनमें उदयपुर, कोटा, अजमेर और जोधपुर को शामिल किया गया है. इनमें प्लानिंग, प्रबंधन और प्रशासन के लिए 3D सिटी बनाई जाएगी. इसके लिए प्रारंभिक बजट 300 करोड़ रुपए का रखा गया है.

तूफान, अतिवृष्टि में खराब हुई सड़क व पुल के लिए भी बजट: तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में खराब होने वाली सड़कों को दुरुस्त करवाने के लिए भी बजट रखा गया है. साथ ही 1250 करोड़ से खराब हुई सड़कों को भी दुरुस्त किया जाएगा. जल जीवन मिशन के तहत संवेदक सड़कों पर काम कर उन्हें खराब कर रहे हैं. ऐसे में इनका निर्माण भी रिस्क एंड कॉस्ट के आधार पर संवेदक और सार्वजनिक निर्माण विभाग से करवाने की घोषणा की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी 1 किलोमीटर तक इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण किया जाएगा. इसमें प्रथम चरण में 6000 गांवों में 2000 करोड़ का खर्च करने का प्रावधान बजट में रखा गया है.

पढ़ें: भरतपुर संभाग को सौगात: ERCP के लिए 13000 करोड़ का ऐलान, भरतपुर में खुलेंगे होम्योपैथिक व विशेष योग्यजनों के लिए कॉलेज

6500 करोड़ सड़कों व पुलिया के लिए: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए बजट में सभी जिलों में पांच-पांच महत्वपूर्ण कार्य करवाने की घोषणा की है. पिछले बजट में यह महत्वपूर्ण कार्य 3 थे. इसके साथ ही निर्माण कार्यों में 10 नए पुल का निर्माण प्रदेश में करवाया जा रहा है. इसके अलावा 81 सड़क मार्गों पर भी कार्य किया जाएगा. इन सब पर 6500 करोड़ रुपए का खर्चा किया जाएगा. सभी विधानसभा क्षेत्रों में स्थानीय विधायकों के फीडबैक के आधार पर नॉन पैचेबल और मिसिंग लिंक सड़कों को बनवाया जाएगा. यह सड़कें प्रत्येक विधानसभा में 10 करोड़ के बजट से बनेंगी. इसके लिए 2000 करोड़ का खर्चा होगा.

गांव जुड़ेंगे डामर सड़कों से: सीएम गहलोत ने बजट में घोषणा की है कि प्रत्येक नगरपालिका में 20, नगर परिषद में 35 और नगर निगम में 50 किलोमीटर की सड़क बनवाई जाएगी. इन पर 1750 करोड़ का खर्चा होगा. मरुस्थलीय इलाकों में 250 और अन्य इलाकों में 350 से अधिक जनसंख्या के 526 गांवों को डामर सड़कों से जोड़ा जाएगा. इसके लिए 710 करोड़ का खर्चा होगा. राजस्थान के 1000 किलोमीटर लंबे राजमार्गों को 1250 करोड़ से दो लेन किया जाएगा.

पढ़ें: Rajasthan Budget 2023 : जोधपुर में खुलेगा मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी, गोल्फ कोर्स और मेजर शैतानसिंह म्यूजियम की भी घोषणा

250 ईवी चार्जिंग स्टेशन: रोडवेज के बेड़े में 1000 नई बसें सर्विस मॉडल बेस पर शामिल की जाएंगी. साथ प्रदेश में जयपुर, जोधपुर, अजमेर व कोटा में सिटी बसें चल रही हैं. इन सभी ट्रांसपोर्ट कंपनी को मर्ज कर दिया जाएगा. इसमें 500 नई बसें खरीदी जाएंगी. इनमें भी इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता मिलेगी. रोडवेज बसों के अलावा एक शहर से दूसरे के बीच संचालित हो रही प्राइवेट बसों के 2500 नए रूट खोले जाएंगे. इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए 75 करोड़ की लागत से 250 ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे.

1800 करोड़ रुपए से विकास कार्य: जयपुर के हेरिटेज नगर निगम में 30 फुट चौड़ी सड़कों के मरम्मत के लिए 100 करोड़ खर्च होंगे. कोटा में चंबल रिवर फ्रंट के द्वितीय चरण के लिए 350 करोड़ रुपए व भरतपुर के गोपाल नगरा मोड़ से मथुरा बाइपास तक 200 करोड़ रुपए से बनेगा. इसके अलावा प्रदेश में यातायात दबाव, विकास सौंदर्यीकरण के लिए जयपुर, अजमेर, जोधपुर, भरतपुर, कोटा, सिरोही, माउंटआबू, उदयपुर, जालौर सहित कई जगह पर 1800 करोड़ रुपए से विकास कार्य करवाए जाएंगे.

पढ़ें: Rajasthan Budget 2023: पर्यटन विकास के लिए मिलेगा 1500 करोड़, तीर्थ यात्रा पैकेज में अयोध्या भी शामिल

वहीं शहरी अपशिष्ट निस्तारण के लिए सीईटीपी, एसटीपी और एफएसटीपी स्थापित करने के लिए जोर दिया जाएगा. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब 10000 से ज्यादा आबादी वाले 25 गांवों में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स व 75 गांव में एफएसटीपी लगाई जाएगी. इस पर 650 करोड़ रुपए खर्च होंगे. डांग, मेवात और मगरा क्षेत्र विकास बोर्ड का बजट बढ़ाकर 40 करोड़ रुपए किया गया है.

कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने इस बजट में स्मार्ट सिटी की तर्ज पर ही ज्योग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम (जीआईएफ) पर आधारित 3डी सिटी 4 शहरों में बनाने की घोषणा की है. इनमें उदयपुर, कोटा, अजमेर और जोधपुर को शामिल किया गया है. इनमें प्लानिंग, प्रबंधन और प्रशासन के लिए 3D सिटी बनाई जाएगी. इसके लिए प्रारंभिक बजट 300 करोड़ रुपए का रखा गया है.

तूफान, अतिवृष्टि में खराब हुई सड़क व पुल के लिए भी बजट: तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में खराब होने वाली सड़कों को दुरुस्त करवाने के लिए भी बजट रखा गया है. साथ ही 1250 करोड़ से खराब हुई सड़कों को भी दुरुस्त किया जाएगा. जल जीवन मिशन के तहत संवेदक सड़कों पर काम कर उन्हें खराब कर रहे हैं. ऐसे में इनका निर्माण भी रिस्क एंड कॉस्ट के आधार पर संवेदक और सार्वजनिक निर्माण विभाग से करवाने की घोषणा की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी 1 किलोमीटर तक इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण किया जाएगा. इसमें प्रथम चरण में 6000 गांवों में 2000 करोड़ का खर्च करने का प्रावधान बजट में रखा गया है.

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6500 करोड़ सड़कों व पुलिया के लिए: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए बजट में सभी जिलों में पांच-पांच महत्वपूर्ण कार्य करवाने की घोषणा की है. पिछले बजट में यह महत्वपूर्ण कार्य 3 थे. इसके साथ ही निर्माण कार्यों में 10 नए पुल का निर्माण प्रदेश में करवाया जा रहा है. इसके अलावा 81 सड़क मार्गों पर भी कार्य किया जाएगा. इन सब पर 6500 करोड़ रुपए का खर्चा किया जाएगा. सभी विधानसभा क्षेत्रों में स्थानीय विधायकों के फीडबैक के आधार पर नॉन पैचेबल और मिसिंग लिंक सड़कों को बनवाया जाएगा. यह सड़कें प्रत्येक विधानसभा में 10 करोड़ के बजट से बनेंगी. इसके लिए 2000 करोड़ का खर्चा होगा.

गांव जुड़ेंगे डामर सड़कों से: सीएम गहलोत ने बजट में घोषणा की है कि प्रत्येक नगरपालिका में 20, नगर परिषद में 35 और नगर निगम में 50 किलोमीटर की सड़क बनवाई जाएगी. इन पर 1750 करोड़ का खर्चा होगा. मरुस्थलीय इलाकों में 250 और अन्य इलाकों में 350 से अधिक जनसंख्या के 526 गांवों को डामर सड़कों से जोड़ा जाएगा. इसके लिए 710 करोड़ का खर्चा होगा. राजस्थान के 1000 किलोमीटर लंबे राजमार्गों को 1250 करोड़ से दो लेन किया जाएगा.

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250 ईवी चार्जिंग स्टेशन: रोडवेज के बेड़े में 1000 नई बसें सर्विस मॉडल बेस पर शामिल की जाएंगी. साथ प्रदेश में जयपुर, जोधपुर, अजमेर व कोटा में सिटी बसें चल रही हैं. इन सभी ट्रांसपोर्ट कंपनी को मर्ज कर दिया जाएगा. इसमें 500 नई बसें खरीदी जाएंगी. इनमें भी इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता मिलेगी. रोडवेज बसों के अलावा एक शहर से दूसरे के बीच संचालित हो रही प्राइवेट बसों के 2500 नए रूट खोले जाएंगे. इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए 75 करोड़ की लागत से 250 ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे.

1800 करोड़ रुपए से विकास कार्य: जयपुर के हेरिटेज नगर निगम में 30 फुट चौड़ी सड़कों के मरम्मत के लिए 100 करोड़ खर्च होंगे. कोटा में चंबल रिवर फ्रंट के द्वितीय चरण के लिए 350 करोड़ रुपए व भरतपुर के गोपाल नगरा मोड़ से मथुरा बाइपास तक 200 करोड़ रुपए से बनेगा. इसके अलावा प्रदेश में यातायात दबाव, विकास सौंदर्यीकरण के लिए जयपुर, अजमेर, जोधपुर, भरतपुर, कोटा, सिरोही, माउंटआबू, उदयपुर, जालौर सहित कई जगह पर 1800 करोड़ रुपए से विकास कार्य करवाए जाएंगे.

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वहीं शहरी अपशिष्ट निस्तारण के लिए सीईटीपी, एसटीपी और एफएसटीपी स्थापित करने के लिए जोर दिया जाएगा. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब 10000 से ज्यादा आबादी वाले 25 गांवों में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स व 75 गांव में एफएसटीपी लगाई जाएगी. इस पर 650 करोड़ रुपए खर्च होंगे. डांग, मेवात और मगरा क्षेत्र विकास बोर्ड का बजट बढ़ाकर 40 करोड़ रुपए किया गया है.

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