कोटा. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत रविवार को नंदा देवी एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए वापस लौट गए हैं. जाने से पहले सर्किट हाउस में उन्होंने कोटा के मीडिया कर्मियों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने यूपी चुनाव (UP Elections 2022) से लेकर राजस्थान सरकार पर भी हमला बोला है. साथ ही मीडिया ने जब उनसे पूछा कि उत्तराखंड कर्नाटक और गुजरात के मुख्यमंत्री बदल दिए हैं. अब आगे किसका नंबर होगा तो उन्होंने कहा कि आगे-आगे देखते रहिए कई सारी चीजें देखने को मिलेगी.
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने यूपी में प्रचंड बहुमत का दावा किया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के शासन में काफी विकास हुआ है. पिछले 5 सालों में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन योगी सरकार ने कर दिया है. विकास की यात्रा को ऊंचाई दी है और निरंतर 5 सालों तक सक्रिय रहकर जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) ने ने काम किया है. इसी बदौलत इस बार भी भाजपा को प्रचंड बहुमत वहां पर मिलने वाला है और भाजपा सरकार बनाएगी.
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यूपी के बाद शेखावत ने राजस्थान का भी जिक्र करते हुए कहा कि यहां भी आमूलचूल परिवर्तन कानून व्यवस्था में हुआ है लेकिन यह बेहतरी के लिए यहां पर नहीं हुआ है. सरकार की आपसी खींचतान के चलते राजस्थान महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध (crime against women in Rajasthan) में नजीर बन गया है. छोटे बच्चों के साथ यौन शोषण और हिंसा की घटनाएं बढ़ गई है. आज राजस्थान में हम सब मानते हैं कि बजरी माफियाओं ने बड़े-बड़े अधिकारियों पर तक हमले कर दिए. आम आदमी का जीना दुश्वार हो गया है.
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उन्होंने कहा कि थाने से अपराधियों को छुड़ा लिया जाता है. हर दूसरे दिन गैंग रेप की घटनाएं देखने को मिलती है. मैं मानता हूं कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बेहतरी के लिए काम हुआ है, लेकिन राजस्थान जैसे सांस्कृतिक और शांत प्रदेश में सरकार की नाकामी और निकम्मेपन के कारण अराजकता का माहौल बन गया है.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने हर व्यक्ति के खेत तक पानी पहुंचाने के सवाल पर भी कहा कि बंद पड़ी हुई 99 सिंचाई परियोजनाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चिन्हित किया गया है, जो कि कुछ 40 से 50 सालों से भी बंद पड़ी हुई थी. देश की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा उनमें लगने के बावजूद भी फायदा नहीं मिल पा रहा था. इनमें से 70 परियोजनाओं को लगभग पूर्णता के स्तर पर पहुंचा दिया है. जिससे 30 लाख एकड़ जमीन सिंचित हुई है.