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स्पेशल स्टोरी: कोटा के बाढ़ प्रभावित इलाके में पनपी बीमारियां, लोगों को हो रहे फंगल इन्फेक्शन, जल और मच्छर जनित रोग

कोटा में चंबल किनारे की बस्तियां और कॉलोनियां जलमग्न हो गई. अब पानी उतार पर है, लेकिन बीमारियों का अंदेशा अब शुरू हो गया है. लोगों को फंगल इंफेक्शन की समस्या सामने आने लगी है.ॉ

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Published : Sep 17, 2019, 9:18 PM IST

कोटा. बीते 4 दिनों से कोटा के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. कोटा बैराज से चंबल नदी में लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके चलते चंबल किनारे की बस्तियां और कॉलोनियां जलमग्न हो गई. अब पानी उतार पर है, लेकिन बीमारियों का अंदेशा अब शुरू हो गया है.

शहर की बापू बस्ती में तो लोगों को फंगल इंफेक्शन की समस्या सामने आने लगी है. सैकड़ों लोग ऐसे हैं जिनके हाथ पैरों में पानी भराव के कारण फंगल इंफेक्शन शुरू हो गया है. उनकी त्वचा गल गई है. साथ ही रक्त स्राव भी होने लगा है.

बाढ़ प्रभावित इलाके में पनपी बीमारियां

पढ़ें: गहलोत की 'सर्जिकल स्ट्राइक' : ना बसपा को भनक लगी, ना राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पायलट को...

कॉलोनी में जहां पर 20 फीट से ज्यादा पानी घरों में भर गया था, अब वह पानी उतार पर है. हालांकि अभी भी पानी भरा हुआ है. ऐसे में जल और मच्छर जनित बीमारियों फैल रही है. कॉलोनियों के हालात यह है कि उनमें अभी भी कीचड़ भरा हुआ है और घरों में से बदबू आ रही है. घरों में सड़ांध होने के कारण लोगों का जीना बेहाल हो रहा है. सफाई करने के लिए भी उनके पास शुध्द पानी नहीं है.

कोटा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी खुद मान रहे हैं कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब जल जनित और मच्छर जनित बीमारियों के होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि जल जनित बीमारियों में डायरिया और उल्टी दस्त लोगों को शुरू हो सकते हैं. साथ ही मौसमी बीमारियों में खांसी, जुखाम, बुखार का क्रम भी शुरू होगा.

कोटा. बीते 4 दिनों से कोटा के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. कोटा बैराज से चंबल नदी में लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके चलते चंबल किनारे की बस्तियां और कॉलोनियां जलमग्न हो गई. अब पानी उतार पर है, लेकिन बीमारियों का अंदेशा अब शुरू हो गया है.

शहर की बापू बस्ती में तो लोगों को फंगल इंफेक्शन की समस्या सामने आने लगी है. सैकड़ों लोग ऐसे हैं जिनके हाथ पैरों में पानी भराव के कारण फंगल इंफेक्शन शुरू हो गया है. उनकी त्वचा गल गई है. साथ ही रक्त स्राव भी होने लगा है.

बाढ़ प्रभावित इलाके में पनपी बीमारियां

पढ़ें: गहलोत की 'सर्जिकल स्ट्राइक' : ना बसपा को भनक लगी, ना राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पायलट को...

कॉलोनी में जहां पर 20 फीट से ज्यादा पानी घरों में भर गया था, अब वह पानी उतार पर है. हालांकि अभी भी पानी भरा हुआ है. ऐसे में जल और मच्छर जनित बीमारियों फैल रही है. कॉलोनियों के हालात यह है कि उनमें अभी भी कीचड़ भरा हुआ है और घरों में से बदबू आ रही है. घरों में सड़ांध होने के कारण लोगों का जीना बेहाल हो रहा है. सफाई करने के लिए भी उनके पास शुध्द पानी नहीं है.

कोटा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी खुद मान रहे हैं कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब जल जनित और मच्छर जनित बीमारियों के होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि जल जनित बीमारियों में डायरिया और उल्टी दस्त लोगों को शुरू हो सकते हैं. साथ ही मौसमी बीमारियों में खांसी, जुखाम, बुखार का क्रम भी शुरू होगा.

Intro:चंबल किनारे की बस्तियां और कॉलोनियां जलमग्न हो गई. अब पानी उतार पर है, लेकिन बीमारियों का अंदेशा अब शुरू हो गया है. कोटा शहर के बापू बस्ती में तो लोगों को फंगल इंफेक्शन की समस्या सामने आने लगी है. सैकड़ों लोग ऐसे हैं जिनके हाथ पैरों में पानी भराव के कारण फंगल इंफेक्शन शुरू हो गया है.


Body:कोटा.
बीते 4 दिनों से कोटा बाढ़ में डूबा हुआ था. कोटा बैराज से चंबल नदी में लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके चलते चंबल किनारे की बस्तियां और कॉलोनियां जलमग्न हो गई. अब पानी उतार पर है, लेकिन बीमारियों का अंदेशा अब शुरू हो गया है. कोटा शहर के बापू बस्ती में तो लोगों को फंगल इंफेक्शन की समस्या सामने आने लगी है. सैकड़ों लोग ऐसे हैं जिनके हाथ पैरों में पानी भराव के कारण फंगल इंफेक्शन शुरू हो गया है. उनकी स्किन गल गई है. साथ ही रक्त स्राव भी होने लगा है.
कॉलोनी में जहां पर 20 फीट से ज्यादा पानी घरों में भर गया था अब वह पानी उतार पर है. हालांकि अभी भी पानी भरा हुआ है. ऐसे में जिस कारण जल और मच्छर जनित बीमारियों नक अंदेशा है. कॉलोनियों के हालात है कि उनमें अभी भी कीचड़ भरा हुआ है और घरों में से बदबू आ रही है. घरों में सड़ांध होने के कारण लोगों का जीना बेहाल हो रहा है. इसको सफाई करने के लिए भी उनके पास पानी नहीं है.


Conclusion:कोटा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी खुद मान रहे हैं कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब जल जनित और मच्छर जनित बीमारियों के होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि जल जनित बीमारियों में डायरिया और उल्टी दस्त लोगों को शुरू हो सकते हैं. साथी मौसमी बीमारियों खांसी जुखाम बुखार का क्रम भी शुरू होगा.


बाइट का क्रम

बाइट-- गोपाल गौतम, बाढ़ पीड़ित
बाइट-- रामकुमार, फंगल पीड़ित
बाइट-- आनंदीलाल, फंगल पीड़ित
बाइट-- डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कोटा
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