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Paper Leak Case : देवनानी बोले- SOG की जांच से पहले क्लीन चिट दे रहे सीएम गहलोत

पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने पेपर लीक मामले में अधिकारियों (Vasudev Devnani Targets CM Gehlot) और नेताओं को क्लीन चिट देने के मामले में सीएम गहलोत को घेरा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि माफिया को सरकार संरक्षण दे रही है. इनके तार सरकार से जुड़े हुए हैं.

Former Education Minister Vasudev Devnani
Former Education Minister Vasudev Devnani
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Published : Jan 18, 2023, 8:46 PM IST

पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने सीएम को घेरा

कोटा. भारतीय जनता पार्टी के नव मतदाता अभियान को लेकर बुधवार को पूर्व शिक्षा मंत्री और अजमेर विधायक वासुदेव देवनानी कोटा दौरे पर रहे. यहां उन्होंने सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए पेपर लीक प्रकरण पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद एसओजी की जांच पूरी हुए बिना ही अधिकारियों और इसमें लिप्त लोगों को क्लीन चिट दे रहे हैं.

देवनानी ने कहा कि सरकार ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता और नौकरियां नहीं दी. दूसरी तरफ पेपर लीक मामले भी बढ़ गए हैं. इससे भी बेरोजगारों को ठेस पहुंची है. मुख्यमंत्री बयान दे रहे हैं कि कोई भी अधिकारी या व्यक्ति पेपर लीक के लिए दोषी नहीं है. यह एसओजी की जांच पूरी हुए बिना ही क्लीन चिट देने जैसा है. जबकि पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट खुद कह रहे हैं कि जिन्होंने पेपर लीक किया है, उनको नहीं पकड़ा जा रहा है. देवनानी ने आरोप लगाया कि पेपर लीक के तार सरकार से जुड़े हुए हैं. इसमें सरकार के मंत्री और एमएलए शामिल हैं. एसओजी ने सुरेश ढाका और भूपेंद्र सारण को फरार घोषित किया है जबकि यह जयपुर में खुलेआम कोचिंग चला रहे थे.

पढ़ें. Paper Leak Case - पायलट पर गहलोत ने कसा तंज- किसी के पास नाम हो तो दें, कार्रवाई करेंगे

कोचिंग संस्थानों के लिए बने रेगुलेटरी बोर्ड : देवनानी ने कहा कि कोचिंग में स्टूडेंट के सुसाइड के मामले के लिए एक रेगुलेटरी बोर्ड बनना चाहिए. यह बोर्ड कोचिंग इंस्टिट्यूट, बच्चे और उनके पेरेंट्स से भी संवाद करें. तीनों में समन्वय कर वातावरण का सुधार करें. इसके लिए सरकार को बिंदू तय करनी चाहिए. तीनों के बीच में जब तक समन्वय नहीं होगा, आत्महत्या रोकना कठिन होगा. बच्चा पेरेंट्स से दूर रहता है. कोचिंग में परफॉर्मेंस का प्रेशर होता है. हमने अपनी सरकार के समय एक पॉलिसी कोचिंग संस्थानों के लिए तैयार कर ली थी, लेकिन चुनाव आने के चलते हम लागू नहीं कर पाए थे. इस सरकार को यह पॉलिसी लागू करनी चाहिए. हमारी पॉलिसी 4 से 5 साल पुरानी थी, उसमें भी कुछ सुधार हो तो वह किए जाने चाहिए.

गहलोत और पायलट में खींची हुई है तलवार : गहलोत और पायलट में लड़ाई पुरानी है. मुख्यमंत्री की दावेदारी को लेकर ही दोनों में झगड़ा शुरू हुआ था. गहलोत ने पायलट को नाकारा-निकम्मा और गद्दार तक कह दिया. इसके बाद राहुल गांधी ने दोनों को कांग्रेस का एसेट बताया है. ऐसे में एक गद्दार और एक सीएम, दोनों कांग्रेस के ऐसेट हों, यह तो विडंबना है. राहुल दोनों के मन को नहीं जोड़ पाए और दोनों के बीच तलवार अब भी खींची हुई है. कोटा विजिट पर देवनानी ने कहा कि भाजपा राजस्थान का अनुमान है कि प्रतिवर्ष राजस्थान में 10 लाख नए मतदाता जुड़ते हैं. ऐसे में 5 साल में 50 लाख नए मतदाताओं की संख्या जुड़ गई है, यह बहुत बड़ी संख्या है. इसीलिए भाजपा देशभर में इस तरह का नव मतदाता अभियान चला रही है. इसी की कार्यशाला कोटा में आज आयोजित की गई थी.

पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने सीएम को घेरा

कोटा. भारतीय जनता पार्टी के नव मतदाता अभियान को लेकर बुधवार को पूर्व शिक्षा मंत्री और अजमेर विधायक वासुदेव देवनानी कोटा दौरे पर रहे. यहां उन्होंने सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए पेपर लीक प्रकरण पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद एसओजी की जांच पूरी हुए बिना ही अधिकारियों और इसमें लिप्त लोगों को क्लीन चिट दे रहे हैं.

देवनानी ने कहा कि सरकार ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता और नौकरियां नहीं दी. दूसरी तरफ पेपर लीक मामले भी बढ़ गए हैं. इससे भी बेरोजगारों को ठेस पहुंची है. मुख्यमंत्री बयान दे रहे हैं कि कोई भी अधिकारी या व्यक्ति पेपर लीक के लिए दोषी नहीं है. यह एसओजी की जांच पूरी हुए बिना ही क्लीन चिट देने जैसा है. जबकि पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट खुद कह रहे हैं कि जिन्होंने पेपर लीक किया है, उनको नहीं पकड़ा जा रहा है. देवनानी ने आरोप लगाया कि पेपर लीक के तार सरकार से जुड़े हुए हैं. इसमें सरकार के मंत्री और एमएलए शामिल हैं. एसओजी ने सुरेश ढाका और भूपेंद्र सारण को फरार घोषित किया है जबकि यह जयपुर में खुलेआम कोचिंग चला रहे थे.

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कोचिंग संस्थानों के लिए बने रेगुलेटरी बोर्ड : देवनानी ने कहा कि कोचिंग में स्टूडेंट के सुसाइड के मामले के लिए एक रेगुलेटरी बोर्ड बनना चाहिए. यह बोर्ड कोचिंग इंस्टिट्यूट, बच्चे और उनके पेरेंट्स से भी संवाद करें. तीनों में समन्वय कर वातावरण का सुधार करें. इसके लिए सरकार को बिंदू तय करनी चाहिए. तीनों के बीच में जब तक समन्वय नहीं होगा, आत्महत्या रोकना कठिन होगा. बच्चा पेरेंट्स से दूर रहता है. कोचिंग में परफॉर्मेंस का प्रेशर होता है. हमने अपनी सरकार के समय एक पॉलिसी कोचिंग संस्थानों के लिए तैयार कर ली थी, लेकिन चुनाव आने के चलते हम लागू नहीं कर पाए थे. इस सरकार को यह पॉलिसी लागू करनी चाहिए. हमारी पॉलिसी 4 से 5 साल पुरानी थी, उसमें भी कुछ सुधार हो तो वह किए जाने चाहिए.

गहलोत और पायलट में खींची हुई है तलवार : गहलोत और पायलट में लड़ाई पुरानी है. मुख्यमंत्री की दावेदारी को लेकर ही दोनों में झगड़ा शुरू हुआ था. गहलोत ने पायलट को नाकारा-निकम्मा और गद्दार तक कह दिया. इसके बाद राहुल गांधी ने दोनों को कांग्रेस का एसेट बताया है. ऐसे में एक गद्दार और एक सीएम, दोनों कांग्रेस के ऐसेट हों, यह तो विडंबना है. राहुल दोनों के मन को नहीं जोड़ पाए और दोनों के बीच तलवार अब भी खींची हुई है. कोटा विजिट पर देवनानी ने कहा कि भाजपा राजस्थान का अनुमान है कि प्रतिवर्ष राजस्थान में 10 लाख नए मतदाता जुड़ते हैं. ऐसे में 5 साल में 50 लाख नए मतदाताओं की संख्या जुड़ गई है, यह बहुत बड़ी संख्या है. इसीलिए भाजपा देशभर में इस तरह का नव मतदाता अभियान चला रही है. इसी की कार्यशाला कोटा में आज आयोजित की गई थी.

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