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मंत्री सुखराम विश्नोई की बात ही नहीं मानते अधिकारी, सबसे ज्यादा भ्रष्ट है वन विभाग: भरत सिंह - ETV Bharat Rajasthan News

सांगोद विधायक भरत सिंह ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के मुद्दे पर वन विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार से लेकर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को बर्बाद करने तक के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि वन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से लेकर हेड ऑफ द फॉरेस्ट भी मंत्री सुखराम विश्नोई की बात नहीं मानते हैं.

Bharat Singh
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Published : Nov 16, 2021, 5:56 PM IST

Updated : Nov 16, 2021, 10:01 PM IST

सांगोद (कोटा). विधायक भरत सिंह ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के मुद्दे पर आज मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई की बात भी वन विभाग के अधिकारी नहीं सुनते हैं. प्रिंसिपल सेक्रेटरी से लेकर हेड ऑफ द फॉरेस्ट भी उनकी बात को अनसुना कर देते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर के साथ सौतेला व्यवहार अधिकारी कर रहे हैं. यह कोटा के साथ एक तरह की साजिश की जा रही है.

सिंह ने कहा कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के लोकल एडवाइजरी कमेटी की वन विभाग के अधिकारी कोई जरूरत ही नहीं समझते हैं. जबकि इस कमेटी का कार्यकाल 3 महीने बाद समाप्त हो जाएगा. इन कमेटी के सदस्यों से किसी तरह की कोई एडवाइज नहीं ली गई है.

भरत सिंह का सुखराम विश्नोई पर जुबानी हमला

पढ़ें: विधायक भरत सिंह और खनन मंत्री भाया के विवाद में क्यों आई CM Gehlot की पोती काश्विनी, जानिए...

जितना खनन कोटा के आसपास हो रहा है, अन्य कहीं भी नहीं हो रहा है. वन विभाग के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. साथ ही उन्होंने यह तक भी कह दिया कि इस जंगल को ही अधिकारियों तक नहीं ले जाया जा सकता है.

पढ़ें: Kota Municipal Corporation: भाजपा का अनूठा विरोध...मवेशियों को पहनाई महापौर, आयुक्त व उपमहापौर के नाम की तख्तियां

सिंह ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सारे गिले-शिकवे भुलाकर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के लिए मुलाकात की साथियों ने मिठाई खिलाई. साथ ही एनटीसीए के अधिकारियों को दिशा निर्देश देने की बात कही, लेकिन वे भी कोटा में एनटीसीए के अधिकारियों से टाइगर को बंद एंक्लोजर से बाहर नहीं निकलवा पाए हैं.

महज खानापूर्ति ही बनकर रह गई है लोकल एडवाइजरी कमेटी

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में लोकल एडवाइजरी के 8 सदस्य हैं. इसके अलावा चार विधायक और चार जिलों के कलेक्टर भी मेंबर हैं, लेकिन इसकी होने वाली बैठक को कलेक्टर भी गंभीरता से नहीं लेते हैं. वह भी अपनी जगह पर किसी भी प्रतिनिधि को भेज देते हैं. इसी तरह से जिस विधायक को जितना जरूरी लगता है, वह इस बैठक में अहम रोल निभाता है. भरत सिंह ने कहा कि मुझे वन एवं पर्यावरण से प्रेम है, इसीलिए मैं बैठक में जाकर काम करवाना चाहता हूं. जबकि जो आठ अन्य लोकल एडवाइजरी कमेटी के सदस्य हैं, उनके किसी भी सुझाव की पालना वन विभाग के अधिकारी नहीं करते हैं. यहां तक कि उच्च अधिकारी आते हैं, तो उनसे मिलते तक भी नहीं है

एनटीसीए बिल्कुल बकवास चीज

भरत सिंह ने कहा कि कोटा में टाइगर रिजर्व बना दिया, लेकिन यहां पर टाइगर नहीं है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी भी बिल्कुल बकवास है. यह कुछ निर्णय लेती नहीं है, कुछ करती नहीं है. सारे कागज उनके पास जाकर अटक जाते हैं. यहां पर टाइगर रिजर्व में भारी बारिश से 40 जगह पर दीवार टूट गई थी. इस दीवार को ठीक करवाने के लिए भी पैसा नहीं है.

भरत सिंह ने कहा कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की बदहाल हालत के लिए स्थानीय अधिकारियों से ज्यादा वन विभाग के उच्च पदों पर बैठे हुए अधिकारी जिम्मेदार हैं. वह इस पद पर रहने के लायक ही नहीं है. हमारी मजबूरी है कि हम जंगल को वहां पर ले जा नहीं सकते हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इतिहास में केवल एक बार ऐसा उदाहरण आया था, जिसमें लक्ष्मण जी घायल हो गए थे, तो हनुमान जी संजीवनी बूटी के लिए पर्वत ले आए थे. लेकिन हमारे पास ऐसी शक्ति नहीं है. भरत सिंह ने कहा कि एक विडंबना और है यहां पर टूरिज्म के लिए गडरिया महादेव व अन्य कई जगह वन विभाग पैसा वसूलता है. बीते 2 साल में कोटा में टूरिज्म के नाम पर सेंचुरी का भ्रमण करने के नाम पर एक करोड़ 16 लाख रुपए वसूल लिए हैं, लेकिन यह पैसा भी पर्यटन के विकास पर खर्च नहीं किया गया.

यह भी पढ़ें. Upen Yadav का जयपुर में लंबित मांगों के लिए अनूठा विरोध: बेरोजगारों ने स्टॉल लगाकर बेचे पकौड़े, जताया सरकार का विरोध

अधिकारियों ने चित्त कर दिया टाइगर रिजर्व

विधायक भरत सिंह ने कहा कि वह अब चीते की बात नहीं करेंगे. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को अधिकारियों ने चित्त कर दिया है. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में कई बार शिकार की तस्वीरें सामने आ गई है. यहां पर टाइगर का अता पता नहीं है. भरत सिंह ने कहा कि हमें शक है कि उसे भी इसी तरह से शिकार करके मार दिया. जबकि मध्य प्रदेश सरकार काफी अच्छी तरह से अपने वन और पर्यावरण का ध्यान रख रही है. वह लगातार ही वन क्षेत्र को बढ़ा रहा है और अच्छे टाइगर रिजर्व भी तैयार कर रहा है.

इधर, कोटा के जनता को ठगा जा रहा है. भरत सिंह ने कहा कि मुझे शक है कि एक पूरी लॉबी कोटा के साथ षड्यंत्र कर रही है. इसमें चीतल भी नहीं छोड़ रहे हैं और बाघ भी नहीं छोड़े जा रहे हैं.

वन मंत्री भी अधिकारियों से डरे हुए

भरत सिंह ने कहा कि कोटा में इस समय प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषण है और इसके लिए जिम्मेदार भी अवैध खनन करवाने वाला वन विभाग ही है. उन्होंने कहा कि कोटा शहर की बाहरी सीमा में अवैध रूप से बड़ी मात्रा में खनन किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां पर बैठे हुए अधिकारी भ्रष्ट हैं, हमने वन मंत्री सुखराम विश्नोई से जब बात की तो वह भी मुखिया होने के बावजूद भी डरे हुए हैं. क्योंकि अधिकारी का अगर तबादला कर देते हैं, तो वह स्टे लेकर आ जाते हैं. भरत सिंह ने आरोप लगाया कि अधिकारी जंगल को खोखला करने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि कोटा में कोई भी व्यक्ति न तो मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में जा सकता है, यहां पर बायोलॉजिकल पार्क को भी नहीं खोला गया है.

सांगोद (कोटा). विधायक भरत सिंह ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के मुद्दे पर आज मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई की बात भी वन विभाग के अधिकारी नहीं सुनते हैं. प्रिंसिपल सेक्रेटरी से लेकर हेड ऑफ द फॉरेस्ट भी उनकी बात को अनसुना कर देते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर के साथ सौतेला व्यवहार अधिकारी कर रहे हैं. यह कोटा के साथ एक तरह की साजिश की जा रही है.

सिंह ने कहा कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के लोकल एडवाइजरी कमेटी की वन विभाग के अधिकारी कोई जरूरत ही नहीं समझते हैं. जबकि इस कमेटी का कार्यकाल 3 महीने बाद समाप्त हो जाएगा. इन कमेटी के सदस्यों से किसी तरह की कोई एडवाइज नहीं ली गई है.

भरत सिंह का सुखराम विश्नोई पर जुबानी हमला

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जितना खनन कोटा के आसपास हो रहा है, अन्य कहीं भी नहीं हो रहा है. वन विभाग के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. साथ ही उन्होंने यह तक भी कह दिया कि इस जंगल को ही अधिकारियों तक नहीं ले जाया जा सकता है.

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सिंह ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सारे गिले-शिकवे भुलाकर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के लिए मुलाकात की साथियों ने मिठाई खिलाई. साथ ही एनटीसीए के अधिकारियों को दिशा निर्देश देने की बात कही, लेकिन वे भी कोटा में एनटीसीए के अधिकारियों से टाइगर को बंद एंक्लोजर से बाहर नहीं निकलवा पाए हैं.

महज खानापूर्ति ही बनकर रह गई है लोकल एडवाइजरी कमेटी

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में लोकल एडवाइजरी के 8 सदस्य हैं. इसके अलावा चार विधायक और चार जिलों के कलेक्टर भी मेंबर हैं, लेकिन इसकी होने वाली बैठक को कलेक्टर भी गंभीरता से नहीं लेते हैं. वह भी अपनी जगह पर किसी भी प्रतिनिधि को भेज देते हैं. इसी तरह से जिस विधायक को जितना जरूरी लगता है, वह इस बैठक में अहम रोल निभाता है. भरत सिंह ने कहा कि मुझे वन एवं पर्यावरण से प्रेम है, इसीलिए मैं बैठक में जाकर काम करवाना चाहता हूं. जबकि जो आठ अन्य लोकल एडवाइजरी कमेटी के सदस्य हैं, उनके किसी भी सुझाव की पालना वन विभाग के अधिकारी नहीं करते हैं. यहां तक कि उच्च अधिकारी आते हैं, तो उनसे मिलते तक भी नहीं है

एनटीसीए बिल्कुल बकवास चीज

भरत सिंह ने कहा कि कोटा में टाइगर रिजर्व बना दिया, लेकिन यहां पर टाइगर नहीं है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी भी बिल्कुल बकवास है. यह कुछ निर्णय लेती नहीं है, कुछ करती नहीं है. सारे कागज उनके पास जाकर अटक जाते हैं. यहां पर टाइगर रिजर्व में भारी बारिश से 40 जगह पर दीवार टूट गई थी. इस दीवार को ठीक करवाने के लिए भी पैसा नहीं है.

भरत सिंह ने कहा कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की बदहाल हालत के लिए स्थानीय अधिकारियों से ज्यादा वन विभाग के उच्च पदों पर बैठे हुए अधिकारी जिम्मेदार हैं. वह इस पद पर रहने के लायक ही नहीं है. हमारी मजबूरी है कि हम जंगल को वहां पर ले जा नहीं सकते हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इतिहास में केवल एक बार ऐसा उदाहरण आया था, जिसमें लक्ष्मण जी घायल हो गए थे, तो हनुमान जी संजीवनी बूटी के लिए पर्वत ले आए थे. लेकिन हमारे पास ऐसी शक्ति नहीं है. भरत सिंह ने कहा कि एक विडंबना और है यहां पर टूरिज्म के लिए गडरिया महादेव व अन्य कई जगह वन विभाग पैसा वसूलता है. बीते 2 साल में कोटा में टूरिज्म के नाम पर सेंचुरी का भ्रमण करने के नाम पर एक करोड़ 16 लाख रुपए वसूल लिए हैं, लेकिन यह पैसा भी पर्यटन के विकास पर खर्च नहीं किया गया.

यह भी पढ़ें. Upen Yadav का जयपुर में लंबित मांगों के लिए अनूठा विरोध: बेरोजगारों ने स्टॉल लगाकर बेचे पकौड़े, जताया सरकार का विरोध

अधिकारियों ने चित्त कर दिया टाइगर रिजर्व

विधायक भरत सिंह ने कहा कि वह अब चीते की बात नहीं करेंगे. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को अधिकारियों ने चित्त कर दिया है. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में कई बार शिकार की तस्वीरें सामने आ गई है. यहां पर टाइगर का अता पता नहीं है. भरत सिंह ने कहा कि हमें शक है कि उसे भी इसी तरह से शिकार करके मार दिया. जबकि मध्य प्रदेश सरकार काफी अच्छी तरह से अपने वन और पर्यावरण का ध्यान रख रही है. वह लगातार ही वन क्षेत्र को बढ़ा रहा है और अच्छे टाइगर रिजर्व भी तैयार कर रहा है.

इधर, कोटा के जनता को ठगा जा रहा है. भरत सिंह ने कहा कि मुझे शक है कि एक पूरी लॉबी कोटा के साथ षड्यंत्र कर रही है. इसमें चीतल भी नहीं छोड़ रहे हैं और बाघ भी नहीं छोड़े जा रहे हैं.

वन मंत्री भी अधिकारियों से डरे हुए

भरत सिंह ने कहा कि कोटा में इस समय प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषण है और इसके लिए जिम्मेदार भी अवैध खनन करवाने वाला वन विभाग ही है. उन्होंने कहा कि कोटा शहर की बाहरी सीमा में अवैध रूप से बड़ी मात्रा में खनन किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां पर बैठे हुए अधिकारी भ्रष्ट हैं, हमने वन मंत्री सुखराम विश्नोई से जब बात की तो वह भी मुखिया होने के बावजूद भी डरे हुए हैं. क्योंकि अधिकारी का अगर तबादला कर देते हैं, तो वह स्टे लेकर आ जाते हैं. भरत सिंह ने आरोप लगाया कि अधिकारी जंगल को खोखला करने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि कोटा में कोई भी व्यक्ति न तो मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में जा सकता है, यहां पर बायोलॉजिकल पार्क को भी नहीं खोला गया है.

Last Updated : Nov 16, 2021, 10:01 PM IST
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