कोटा. शहर के रायपुरा इलाके के लक्ष्मी आवास कॉलोनी स्थित एक सूखे कुएं से विभाग की टीम ने मगरमच्छ का रेस्क्यू किया है. ये मगरमच्छ करीब सात फीट लंबा है, जो भोजन की तलाश में घूमते हुए यहां आ पहुंचा था और अचानक कुएं में गिर गया था. इसकी सूचना स्थानीय नागरिकों ने वन विभाग की टीम को दी. जिस पर लाडपुरा रेंज के वनकर्मी यहां आए. टीम ने पहले मगरमच्छ को रस्सी के सहारे बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन संभव नहीं हुआ. वनकर्मी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इसके बाद जान जोखिम डालकर वनकर्मियों को कुएं में उतारा गया और किसी तरह से मगरमच्छ को कुएं से बाहर निकाला गया.
कुएं से निकालने के बाद मगरमच्छ को देवली अरब स्थित वन विभाग के तालाब में छोड़ा दिया गया. इस रेस्क्यू में डेढ़ घंटा लगा और इसमें रमेशचंद्र मीणा, गोपाल सिंह और होमगार्ड महावीर ने अहम भूमिका निभाई. आपको बता दें कि कोटा में हर मानसून में औसतन 60 से 70 मगरमच्छ वन विभाग पकड़ता है.
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क्रोकोडाइल व्यू प्वाइंट बना नाला - कोटा शहर के रायपुरा इलाके से गुजर रहे नाले में दर्जनों की संख्या में मगरमच्छ हैं. ये मगरमच्छ नाले की पुलिया से साफ नजर आ जाते हैं. नाले के किनारे या नाले के बीच में ये मगरमच्छ आसानी से रहते हैं. ऐसे में पुलिया के ऊपर से गुजर रहे लोग इन मगरमच्छों को देखने के लिए यहां रुकते हैं. छोटे बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग यहां क्रोकोडाइल देखने के लिए आते हैं.
भोजन की तलाश में आसपास की कॉलोनियों में पहुंच रहे मगरमच्छ - रायपुर के नाले के अलावा शहर के हर नाले में बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं. इन नालों के आसपास के खेत और बसी हुई सैकड़ों कॉलोनी के निवासियों के लिए भी ये मगरमच्छ परेशानी का सबब बने हुए हैं. कई बार यहां से निकल कर ये खेतों और कॉलोनियों में पहुंच जाते हैं. ये ज्यादातर भोजन की तलाश में निकलते हैं. वहीं, दूसरी ओर नाले में जब तेज बहाव होता है, तब ये किनारों पर चले जाते हैं और वहां से आगे कॉलोनी और खेतों की ओर रुख करते हैं.