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न्यू मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार, पोस्टमॉर्टम के लिए शव एमबीएस शिफ्ट

कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हाल ही में चली मोर्चरी में तैनात कर्मचारियो को विगत 5 माह से वेतन नहीं मिलने से कार्य बहिष्कार कर दिया. जिससे शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो पा रहा और शवों को एमबीएस मोर्चरी में शिफ्ट करना पड़ रहा है.

New Medical College Morchari kota, न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल
न्यू मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में हड़ताल
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Published : Feb 1, 2020, 2:28 PM IST

कोटा. न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रावतभाटा के मांडलगढ़ से जहर खाने के मामले में महेंद्र कंजर को न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था. जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. महेंद्र की मृत्यु की सूचना पर वहां से पोस्टमार्टम के लिए पुलिस कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची.

न्यू मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में हड़ताल

जहां मोर्चरी मे मृतक के शव को रखा गया था, लेकिन विगत 5 माह से मोर्चरी में तैनात कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला. जिसके चलते उन्होंने पोस्टमार्टम प्रक्रिया कराने से इनकार कर दिया.

पढ़ें- कायाकल्प अभियान में डीबी अस्पताल ने हासिल किया तीसरा स्थान, मिलेगी तीन लाख रुपए की पुरस्कार राशि

वहीं पोस्टमार्टम न होने के कारण मृतक के परिजनों को सुबह से परेशान होना पड़ा आखिरकार पुलिस मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए एमबीएस मोर्चरी लेकर गई. बता दें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 सितंबर से मोर्चरी शुरू हुई थी, लेकिन अस्पताल में ठेके पर लगे सफाई कर्मियों से मोर्चरी में काम लिया जा रहा था.

लेकिन उन्हें सितंबर से लेकर दिसंबर माह तक का वेतन नहीं दिया गया ऐसे में कर्मचारियों ने काम करने से मना कर दिया. वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ये कर्मचारी अस्पताल में ही सफाई का काम कर रहे हैं जहां उनको नियमित वेतन दिया जा रहा है.

कोटा. न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रावतभाटा के मांडलगढ़ से जहर खाने के मामले में महेंद्र कंजर को न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था. जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. महेंद्र की मृत्यु की सूचना पर वहां से पोस्टमार्टम के लिए पुलिस कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची.

न्यू मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में हड़ताल

जहां मोर्चरी मे मृतक के शव को रखा गया था, लेकिन विगत 5 माह से मोर्चरी में तैनात कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला. जिसके चलते उन्होंने पोस्टमार्टम प्रक्रिया कराने से इनकार कर दिया.

पढ़ें- कायाकल्प अभियान में डीबी अस्पताल ने हासिल किया तीसरा स्थान, मिलेगी तीन लाख रुपए की पुरस्कार राशि

वहीं पोस्टमार्टम न होने के कारण मृतक के परिजनों को सुबह से परेशान होना पड़ा आखिरकार पुलिस मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए एमबीएस मोर्चरी लेकर गई. बता दें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 सितंबर से मोर्चरी शुरू हुई थी, लेकिन अस्पताल में ठेके पर लगे सफाई कर्मियों से मोर्चरी में काम लिया जा रहा था.

लेकिन उन्हें सितंबर से लेकर दिसंबर माह तक का वेतन नहीं दिया गया ऐसे में कर्मचारियों ने काम करने से मना कर दिया. वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ये कर्मचारी अस्पताल में ही सफाई का काम कर रहे हैं जहां उनको नियमित वेतन दिया जा रहा है.

Intro:न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल की मोर्चरी में विगत माह से वेतन नही मिलने से किया कार्य का बहिष्कार, पोस्टमॉर्टम के लिए शवों को एमबीएस किया शिफ्ट।
कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हाल ही में चली मोर्चरी में तैनात कर्मचारियो को विगत पांच माह से वेतन नही मिलने से कार्य बहिष्कार कर दिया।जिससे शवो के पोस्टमार्टम नही हो सके।जिससे शवो को एमबीएस मिर्चारी में शिफ्ट करना पड़ा।

Body:कोटा के न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रावतभाटा के मांडलगढ़ से जहर खाने के मामले में महेंद्र कंजर को न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई महेंद्र की मृत्यु की सूचना पर वहां से पोस्टमार्टम के लिए पुलिस कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची जहां मोर्चरी मे मृतक के शव को रखा गया था लेकिन विगत 5 माह से मोर्चरी में तैनात कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला। जिसके चलते उन्होंने पोस्टमार्टम प्रक्रिया कराने से इनकार कर दिया वही पोस्टमार्टम न होने के कारण मृतक के परिजनों को सुबह से परेशान होना पड़ा आखिरकार पुलिस मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए एमबीएस मोर्चरी लेकर गई।
बता दे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 सितंबर से मोर्चरी शुरू हुई थी लेकिन अस्पताल में ठेके पर लगे सफाई कर्मियों से मोर्चरी में काम लिया जा रहा था लेकिन उन्हें सितंबर से लेकर दिसंबर माह तक का वेतन नहीं दिया गया ऐसे में कर्मचारियों ने काम करने से मना कर दिया वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना हे कि ये कर्मचारी अस्पताल में ही सफाई का काम कर रहे हे जहा उनको नियमित वेतन दिया जा रहा हे।
Conclusion:कर्मचारी पोस्टमार्टम का अलग से भुगतान की मांग कर रहे हैं अस्पताल और कर्मचारियों की इस मामले में परेशानी म्रतको के परिजनों को उठाना पड़ रहा हे।
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