कोटा. राजस्थान में लोगों को 100 यूनिट तक फ्री बिजली मिल रही है. इसके अलावा किसानों को भी फ्री बिजली दी जा रही है. इसको लेकर हाल ही में मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की बैठक ली थी, जिसमें राजस्थान को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए निर्देशित किया था. बुधवार को इसी क्रम में गुजरात में चल रही वाइब्रेंट गुजरात सबमिट में भाग लेने के लिए प्रदेश के उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर भी पहुंचे. वहां पर उन्होंने टोरेंट, टाटा और अडानी पावर के मैनेजिंग डायरेक्टर्स के साथ बैठक की. इस बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा शिखर अग्रवाल भी मौजूद रहे.
वहां पर अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी, टाटा कैमिकल्स के एमडी एन मुकुंदन, टाटा पावर के एमडी आशीष खन्ना, टोरेन्ट पावर के एमडी जिनल मेहता, रसना ग्रुप के चेयरमैन पिरूज खंबाटा व अन्य उद्यमियों से प्रदेश के औद्योगिक विकास व एनर्जी सेक्टर के विकास पर चर्चा की। इस बैठक में इस दौरान वन एवं पर्यावरण विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी शिखर अग्रवाल व रीको के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार शर्मा भी मौजूद रहे. इस बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा शिखर अग्रवाल भी मौजूद रहे.
मंत्री हीरालाल नागर ने इस दौरान राजस्थान में टाटा पावर के एमडी के साथ हुई बातचीत में रिन्यूएबल एनर्जी में प्रमुख रूप से सोलर, पवन व हाइड्रो पावर में निवेश करने पर चर्चा की है. प्रारंभिक तौर पर निवेश बढ़ाने पर सहमति बनी है और अब इस पर आगे चर्चा के लिए प्रयास किए जाएंगे. हमने राजस्थान में कई जिलों को सोलर ऊर्जा के मामले में उपयुक्त बताया है. इन जिलों के दो दर्जन से ज्यादा स्थानों के संबंध में चर्चा की गई. इसके अलावा दोनों मंत्रियों ने थर्मल बिजली उत्पादन पर निवेश पर भी बातचीत की है.
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इन्वेस्टर और एंटरप्रेन्योर को दिया है न्योता: मंत्री नागर का कहना है कि राजस्थान आने के लिए इन्वेस्टर और एंटरप्रेन्योर को हमने न्योता भी दिया है. उनके लिए सिंगल विंडो सिस्टम से लेकर कई व्यवस्था करने की बात भी हमने कही. इसके साथ ही मंत्री हीरालाल नागर का कहना है कि गुजरात की तर्ज पर ही राजस्थान भी बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बने, ऐसी व्यवस्था हम करने का प्रयास कर रहे हैं. राजस्थान में कंपनियों के निवेश पर पूरी तरह से सहयोग का आश्वासन दिया गया है, ताकि यह कंपनियां पावर प्लांट के साथ अन्य निवेश भी राजस्थान में करें.
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गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी की जाएगी सबमिट: मंत्री नागर का यह भी कहना है कि वे भी गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में सबमिट करना चाहते हैं. जिसमें उद्योगपति आएं और राजस्थान में उद्योग विकसित हों. इसके पहले जमीनी स्तर पर वह कार्य करना चाहते हैं. इसके लिए कुछ कंपनियों को भी तैयार कर रहे हैं. अन्यथा ऐसी सबमिट में एमओयू हो जाते हैं, लेकिन जमीन स्तर पर काम नहीं पहुंचता है. इसको लेकर ही अधिकारियों के साथ पूरा रोडमैप बनाया जा रहा है.