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पंचायत राज विभाग में अब ई-ऑफिस...WhatsApp और सोशल मीडिया पर दिए जाएंगे आदेश

कोटा. पंचायत राज विभाग में अब फाइलें नहीं खाएगी धूल, कागजी घोड़ों की जगह साहब के आदेश अब ऑनलाइन चलेंगे. व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के भरोसे चलेगा पंचायत राज विभाग, कागजी पत्राचार पर पूरी तरह से रोक लगेगी.

व्हाट्सएप पर सोशल मीडिया पर दिए जाएंगे आदेश
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Published : Apr 3, 2019, 2:40 PM IST

कोटा. अब पंचायत राज विभाग प्रदेश का पहला ई-ऑफिस होगा. जहां पर सभी तरह के कार्य सोशल मीडिया के भरोसे होंगे. व्हाट्सएप, ईमेल, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए निर्देश, आदेश और जवाब कार्यालयों में भेजे जाएंगे. दरअसल, पंचायत राज विभाग अब ई-ऑफिस के लिए तैयार हो रहा है, जो प्रदेश का पहला विभाग होगा.पंचायत राज विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने एक आदेश जारी कर पूरे विभाग में कागजों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

पंचायत राज विभाग में अब ई-ऑफिस

सचिवालय से जारी हुए इन आदेशों के अनुसार विभाग में किसी तरह के पत्राचार, आदेश, निर्देशों को व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए संबंधित कर्मचारी तक भेजा जाएगा. कोटा जिला परिषद की सीईओ आईएएस अधिकारी शुभम चौधरी ने बताया कि शासन सचिव की ओर से भेजे गए इन आदेशों के बाद अब विभाग में सोशल मीडिया पर पत्राचार की शुरुआत कर दी गई है.सोशल मीडिया पर पत्राचार करने का सबसे बड़ा लाभ है कि समस्त पत्र, आदेश और निर्देश तुरंत संबंधित व्यक्ति तक पहुंचाए जा सकेंगे. तुरंत आदेश पहुंचने के शीघ्र क्रियान्वयन आसानी से होगा. जिससे पीड़ित को भी लाभ मिल सकेगा. व्हाट्सएप ग्रुप और ईमेल पर इनकी सूचनाएं रहने से किसी भी पत्र या निर्देश को दबाकर नहीं रखा जा सकेगा.

साथ ही कार्य आदेशों को पहुंचने में काफी समय लगता है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए सरकारी आदेश महज क्लिक में पहुंच जाएगा. वहीं पर्यावरण के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा. कागज का उपयोग बंद करने से पेड़ों की कटाई कम होगी. जिससे पर्यावरण का संरक्षण मिलेगा. इसके लिए जल्दी फाइल ट्रैकिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर भी लगाया जाएगा. जिससे किसी भी फाइल का स्टेटस पता किया जा सकेगा.

कोटा. अब पंचायत राज विभाग प्रदेश का पहला ई-ऑफिस होगा. जहां पर सभी तरह के कार्य सोशल मीडिया के भरोसे होंगे. व्हाट्सएप, ईमेल, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए निर्देश, आदेश और जवाब कार्यालयों में भेजे जाएंगे. दरअसल, पंचायत राज विभाग अब ई-ऑफिस के लिए तैयार हो रहा है, जो प्रदेश का पहला विभाग होगा.पंचायत राज विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने एक आदेश जारी कर पूरे विभाग में कागजों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

पंचायत राज विभाग में अब ई-ऑफिस

सचिवालय से जारी हुए इन आदेशों के अनुसार विभाग में किसी तरह के पत्राचार, आदेश, निर्देशों को व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए संबंधित कर्मचारी तक भेजा जाएगा. कोटा जिला परिषद की सीईओ आईएएस अधिकारी शुभम चौधरी ने बताया कि शासन सचिव की ओर से भेजे गए इन आदेशों के बाद अब विभाग में सोशल मीडिया पर पत्राचार की शुरुआत कर दी गई है.सोशल मीडिया पर पत्राचार करने का सबसे बड़ा लाभ है कि समस्त पत्र, आदेश और निर्देश तुरंत संबंधित व्यक्ति तक पहुंचाए जा सकेंगे. तुरंत आदेश पहुंचने के शीघ्र क्रियान्वयन आसानी से होगा. जिससे पीड़ित को भी लाभ मिल सकेगा. व्हाट्सएप ग्रुप और ईमेल पर इनकी सूचनाएं रहने से किसी भी पत्र या निर्देश को दबाकर नहीं रखा जा सकेगा.

साथ ही कार्य आदेशों को पहुंचने में काफी समय लगता है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए सरकारी आदेश महज क्लिक में पहुंच जाएगा. वहीं पर्यावरण के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा. कागज का उपयोग बंद करने से पेड़ों की कटाई कम होगी. जिससे पर्यावरण का संरक्षण मिलेगा. इसके लिए जल्दी फाइल ट्रैकिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर भी लगाया जाएगा. जिससे किसी भी फाइल का स्टेटस पता किया जा सकेगा.

Intro:कोटा. पंचायत राज विभाग में "बाबूजी" की टेबल पर फ़ाइलें नहीं खाएगी धूल, कागजी घोड़ों की जगह साहब के आदेश अब ऑनलाइन चलेंगे. व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के भरोसे चलेगा पंचायत राज विभाग, कागजी पत्राचार पर पूर्ण तरह से रोक लगेगी. पंचायत राज विभाग में कागजों पर नहीं दौड़ेगे साहब के आदेश, ना ही कागजों पर होगा किसी तरह का पत्राचार. पंचायत राज विभाग होगा प्रदेश का पहला ई-ऑफिस, जहां पर सभी तरह के कार्य सोशल मीडिया के भरोसे व्हाट्सएप, ईमेल, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए निर्देश, आदेश और जवाब कार्यालयों में भेजे जाएंगे. विभाग में कागजों का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा केवल सूचनाओं के अधिकार एवं न्यायिक कार्य के लिए ही कागज का उपयोग किया जा सकेगा. विभागीय पत्राचार से लेकर सभी आदेश व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए दौड़ते नजर आएंगे.


Body:दरअसल, पंचायत राज विभाग अब ई-ऑफिस के लिए तैयार हो रहा है, जो प्रदेश का पहला विभाग होगा. पंचायत राज विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने एक आदेश जारी कर पूरे विभाग में कागजों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. सचिवालय से जारी हुए इन आदेशों के अनुसार विभाग में किसी तरह के पत्राचार, आदेश, निर्देशों को व्हाट्सएप व ईमेल के जरिए संबंधित कर्मचारी तक भेजा जाएगा. कोटा जिला परिषद की सीईओ आईएएस अधिकारी शुभम चौधरी ने बताया कि शासन सचिव द्वारा भेजे गए इन आदेशों के बाद अब विभाग में सोशल मीडिया पर पत्राचार की शुरुआत कर दी गई है. सोशल मीडिया पर पत्राचार करने का सबसे बड़ा लाभ है कि समस्त पत्र, आदेश व निर्देश तुरंत संबंधित व्यक्ति तक पहुंचाए जा सकेंगे. तुरंत आदेश पहुंचने के शीघ्र क्रियान्वयन आसानी से होगा. जिससे पीड़ित को भी लाभ मिल सकेगा. व्हाट्सएप ग्रुप और ईमेल पर इनकी सूचनाएं रहने से किसी भी पत्र या निर्देश को दबाकर नहीं रखा जा सकेगा. साथ ही कार्य आदेशों को पहुंचने में काफी समय लगता है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए सरकारी आदेश महज क्लिक में पहुंच जाएगा. वहीं पर्यावरण के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा. कागज का उपयोग बंद करने से पेड़ों की कटाई कम होगी. जिससे पर्यावरण का संरक्षण मिलेगा. इसके लिए जल्दी फाइल ट्रैकिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर भी लगाया जाएगा. जिससे किसी भी फाइल का स्टेटस पता किया जा सकेगा.


Conclusion: बाइट-- शुभम चौधरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, कोटा

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