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ब्लडप्रेशर और डायबिटिज के मरीजों को अब जयपुर की सुविधा कोटा में उपलब्ध

डायबिटिज और ब्लडप्रेशर के मरीजों को आंखों की पर्दों की जांच के लिए अब जयपुर तक की दौड़ नहीं लगानी होगी. इसकी जांच अब कोटा के एमबीएस अस्पताल में हो सकेगी.

डॉ गिरीश वर्मा, प्राचार्य, कोटा मेडिलकल कॉलेज
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Published : Apr 21, 2019, 12:07 AM IST

कोटा. डायबिटिज ओर ब्लडप्रेशर के मरीजों को अपनी आंखो के पर्दो की जांच के लिए अब कोटा से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इसके लिए संभाग के सबसे बडे़ एमबीएस अस्पताल में शनिवार को ओसीटी, लेजर ओर एन्जीयोग्राफी मशीनों का उद्घाटन कर दिया गया है.

डायबिटिज के मरीजों को अब जयपुर की सुविधा कोटा में उपलब्ध

इस दौरान मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गिरीश वर्मा, जयपुर एसएमएस अस्पताल के सह आचार्य डॉ विशाल अग्रवाल, नेत्र विभाग एचओडी डॉ जयश्री सिंह सहित कई चिकित्सक मौजूद रहे. डॉ गिरीश वर्मा ने बताया की नेत्र विभाग की ओर से आयोजित सतत चिकित्सा विभाग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. ओसीटी, लेजर ओर एन्जीयोग्राफी मशीनों की लागत करीब 80 लाख रूपए आई है. इन मशीनों की मदद से आंख के पर्दो की जांच होती है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में ज्यादातर डायबिटिज ओर ब्लडप्रेशर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है.

ऐसे में इन उपकरणो की मदद से आंख के पर्दो का अध्ययन किया जा सकता है. साथ ही उपचार भी किया जा सकता है. डॉ गिरीश वर्मा ने बताया कि ये जांचे पहले जयपुर एसएमएस अस्पताल होती थी. लेकिन, अब कोटा में भी हो सकेगी. इसके लिए मरीजों को निजी अस्पतालों में नहीं जाना पडे़गा. हालांकी ये जांचे किस दर पर होगी, इसको अभी तय किया जा रहा है.

कोटा. डायबिटिज ओर ब्लडप्रेशर के मरीजों को अपनी आंखो के पर्दो की जांच के लिए अब कोटा से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इसके लिए संभाग के सबसे बडे़ एमबीएस अस्पताल में शनिवार को ओसीटी, लेजर ओर एन्जीयोग्राफी मशीनों का उद्घाटन कर दिया गया है.

डायबिटिज के मरीजों को अब जयपुर की सुविधा कोटा में उपलब्ध

इस दौरान मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गिरीश वर्मा, जयपुर एसएमएस अस्पताल के सह आचार्य डॉ विशाल अग्रवाल, नेत्र विभाग एचओडी डॉ जयश्री सिंह सहित कई चिकित्सक मौजूद रहे. डॉ गिरीश वर्मा ने बताया की नेत्र विभाग की ओर से आयोजित सतत चिकित्सा विभाग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. ओसीटी, लेजर ओर एन्जीयोग्राफी मशीनों की लागत करीब 80 लाख रूपए आई है. इन मशीनों की मदद से आंख के पर्दो की जांच होती है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में ज्यादातर डायबिटिज ओर ब्लडप्रेशर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है.

ऐसे में इन उपकरणो की मदद से आंख के पर्दो का अध्ययन किया जा सकता है. साथ ही उपचार भी किया जा सकता है. डॉ गिरीश वर्मा ने बताया कि ये जांचे पहले जयपुर एसएमएस अस्पताल होती थी. लेकिन, अब कोटा में भी हो सकेगी. इसके लिए मरीजों को निजी अस्पतालों में नहीं जाना पडे़गा. हालांकी ये जांचे किस दर पर होगी, इसको अभी तय किया जा रहा है.

Intro:कोटा एमबीएस अस्पताल में रेटीना जांच मशीन का उद्घाटन
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य, एसएमएस जयपुर के सह आचार्य सहित कई चिकित्सक रहे मौजूद
ब्लडप्रेशर ओर डायबिटिज के मरीजो की आंखो के पर्दो की हो सकेगी जांच
ओसीटी, लेजर ओर एन्जीयोग्राफी मशीनो की किमत करीब 80 लाख
जयपुर के बाद कोटा में स्थापित हुई तीनो मशीने।

एन्कर: डायबिटिज ओर ब्लडप्रेशर के मरीजों को अपनी आंखो के पर्दो की जांच के लिए कोटा से बाहर नहीं जाना पडेगा। इसके लिए संभाग के सबसे बडे एमबीएस अस्पताल में आज ओसीटी, लेजर ओर एन्जीयोग्राफी मशीनो का उद्घाटन हो गया। इस दौरान मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गिरीश वर्मा, जयपुर एसएमएस अस्पताल के सह आचार्य डॉ विशाल अग्रवाल, नेत्र विभाग एचओडी डॉ जयश्री सिंह सहित कई चिकित्सक मौजूद रहे। डॉ गिरीश वर्मा ने बताया की नेत्र विभाग की ओर से आयोजित सतत चिकित्सा विभाग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। ओसीटी, लेजर ओर एन्जीयोग्राफी मशीनो की लागत करीब 80 लाख रूपए आई है। इन मशीनों की मदद से आंख के पर्दो की जांच होती है। आज ज्यादातर डायबिटिज ओर ब्लडप्रेशर के मरीजों की संख्या बढ रही है। ऐसे में इन उपकरणो की मदद से आंख के पर्दो का अध्ययन किया जा सकता है। इन उपकरणों ने आंख की कमजोरियों का पता लगाया जा सकता है ओर उसका उपचा किया जा सकता है। ये जांचे पहले जयपुर एसएमएस अस्पताल होती थी अब कोटा में भी हो सकेगी। इसके लिए मरीजों को निजी अस्पतालों में नहीं जाना पडेगा। हालांकी ये जांचे किस दर पर होगी इसको निश्चित किया जा रहा है।

Body:बाईट: डॉ गिरीश वर्मा (प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज)
बाईट: डॉ विशाल अग्रवाल (सह आचार्य, एसएमएस अस्पताल जयपुर)
बाइट-- जयश्री सिंह, नेत्र रोग विशेषज्ञ कोटाConclusion:
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