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डीजीपी ने बताया भारत जोड़ो यात्रा को नॉर्मल, कहा- यह कानून व्यवस्था का हिस्सा, नहीं होने दे जाएगी अप्रिय घटना - भारत जोड़ो यात्रा

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर प्रदेश के डीजीपी उमेश मिश्रा ने कहा है कि यह कानून व्यवस्था का हिस्सा (DGP Umesh Mishra on Bharat Jodo Yatra Security) है. इसमें कोई भी अप्रिय घटना नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पुलिस दूसरे राज्यों से बेहतर व्यवस्था इस यात्रा के लिए प्रदेश में करेगी. मिश्रा ने कहा कि महिला व अन्य अपराध के मामले बढ़ना राजनीतिक मुद्दा नहीं है. लोगों में जागरूकता बढ़ने से एफआईआर की संख्या बढ़ी है.

DGP Umesh Mishra on Bharat Jodo Yatra Security, says its part of law and order for us
डीजीपी ने बताया भारत जोड़ो यात्रा को नॉर्मल, कहा- यह कानून व्यवस्था का हिस्सा, नहीं होने दे जाएगी अप्रिय घटना
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Published : Nov 29, 2022, 10:59 PM IST

कोटा. डीजीपी उमेश मिश्रा ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को नॉर्मल बताया है. उनका कहना है कि यह यात्रा भी कानून व्यवस्था का हिस्सा (DGP Umesh Mishra on Bharat Jodo Yatra Security) है. उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग का निरीक्षण मैंने नहीं किया, लेकिन हमारे अधिकारी करेंगे. उन्होंने कहा कि यहां दूसरे राज्यों से बेहतर व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा के रोकने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई घटना नहीं होने दी जाएगी, व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहेंगी.

मिश्रा ने मंगलवार को कोटा रेंज की क्राइम मीटिंग ली और राहुल गांधी के दौरे की तैयारियों की समीक्षा भी की. भारत जोड़ो यात्रा पुलिस के नजरिए से झालावाड़, कोटा ग्रामीण और शहर 3 जिलों से निकलती है. ऐसे में इन जिलों के भारत जोड़ो यात्रा की कार्ययोजना भी जिलों के एसपी से मीटिंग के दौरान मंगाई गई. जिस पर डीजीपी मिश्रा और अन्य अधिकारियों ने फीडबैक भी लिया. इस दौरान मिश्रा ने मीडिया को जानकारी भी शेयर की.

डीजीपी ने बताया भारत जोड़ो यात्रा को नॉर्मल

पढ़ें: पुलिस के 400 जवानों ने किया भारत जोड़ो यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था का पूर्वाभ्यास

एफआईआर बढ़ना पॉलिटिकल मुद्दा नहीं: महिलाओं और अन्य अत्याचारों के मामले में मुकदमों की संख्या बढ़ने पर डीजीपी ने कहा (DGP on increasing FIRs in Rajasthan) कि यह हमें परेशान करने वाले आंकड़े नहीं हैं. अवेयरनेस बढ़ने से रजिस्ट्रेशन बढ़ रहा है. कोई घटना होती है, तो उस को छुपाए क्यों. महिलाओं को खुल कर सामने आना चाहिए. जिससे अपराधी के खिलाफ एक्शन होगा. यह तब ही संभव है जब रजिस्ट्रेशन खुलकर होगा. यह पॉलिटिकल मुद्दा नहीं है. हमारे यहां रजिस्ट्रेशन कोई मुद्दा नहीं है. रजिस्ट्रेशन से हम कोई परेशानी नहीं है. हमारा जोर अनुसंधान, दोषियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश करना और सजा दिलवाना है. कई जिलों में ऐसे आरोपियों को हमारे पुलिस अधिकारियों ने कम समय में ही मृत्यु दंड तक की सजा दिलाई है.

पुलिस और माफिया का गठजोड़ मिला, तो सख्त एक्शन होगा: उन्होंने कहा कि क्राइम मीटिंग के दौरान एनडीपीएस के मामले झालावाड़ के आसपास के ज्यादा हैं. जिन पर वर्कआउट करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि संपत्ति संबंधी अपराध भी कोटा में हुए हैं, लेकिन उनका डिटेक्शन काफी अच्छा है. रिकवरी परसेंटेज अन्य रेंज के मुकाबले यहां ज्यादा है. वीकली ऑफ पर उन्होंने कहा कि अजमेर में पायलट प्रोजेक्ट में लागू किया है. सफल होने पर अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा.

जमीन संबंधी अपराधों में पुलिस और माफिया गठजोड़ के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरा मैसेज बिल्कुल क्लियर है कि जमीन संबंधी अपराधों में अगर पुलिस माफिया की मददगार बनेगी, तो सख्त एक्शन लिया जाएगा. बिना लीगल या रिवेन्यू अथॉरिटी के जमीनों के प्रकरण में पुलिस का सामने आना गलत है. संगठित आपराधी कई बार इनका यूज करते हैं, जिसे रोकना सुनिश्चित किया जाएगा.

पढ़ें: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राजस्थान पुलिस ने पूरी की तैयारियां

पुलिसकर्मी भी तकनीकी रूप से दक्ष नहीं: डीजीपी मिश्रा ने साइबर क्राइम पर कहा कि पब्लिक और पुलिस दोनों को इसमें अलर्ट होना है. इन घटनाओं में लालच मूल तत्व है. लालच देने पर ही अलर्ट दिमाग में बजना चाहिए कि यह ठगी का प्रयास हो रहा है. पुलिस में साइबर क्राइम को कैसे टैकल किया जाए, यह एक लंबी चलने वाली प्रक्रिया है, क्योंकि हमारे पुलिसकर्मी भी तकनीकी रूप से अभी दक्ष नहीं है. हमने थाने खोल दिए हैं, लेकिन वहां पर दक्ष स्टाफ लगने में समय लगेगा. प्रदेश का एक ग्रुप बनाया है, जिसमें एक्सपर्ट लोग हैं. यह जटिल केस को जयपुर में बैठकर सॉल्व करेंगे और दूसरे लोगों को प्रशिक्षण भी देंगे.

सुसाइड बढ़ना, पुलिस नहीं पूरे समाज का विषय: मिश्रा ने कोटा की कोचिंग में पढ़ रहे बच्चों के बारे में कहा कि पुलिस अधिकारी भी शिक्षण संस्थानों में समय निकालकर विजिट करें और संवाद उनसे रखें. जिससे कई समस्याएं सामने आएगी, जिनका निदान करने से बच्चों को राहत मिलेगी. मिश्रा ने कहा कि सुसाइड बढ़ने की वजह समाजशास्त्र का विषय है. पुलिस को मित्र के तौर पर शैक्षणिक संस्थानों में जाकर चर्चा करनी चाहिए, किस तरह से काउंसलिंग होती है, यह देखना चाहिए और एजुकेटिव पार्ट बढ़ाना होगा. पूरे समाज को यह भी देखना होगा कि बच्चों पर स्ट्रेस क्यों बढ़ रहा है. उनके मार्क्स लाने की रेस और पेरेंट्स का प्रेशर भी काफी ज्यादा है.

पढ़ें: भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को कोटा की कचोरी खिलाएंगे कांग्रेस नेता, शहर को कर रहे जगमग

चाकूबाजी कम होने का फीडबैक मिला: चाकूबाजी के बारे में हमें फीडबैक मिला है कि यह कम हो गई है. पहले जिस तरह से कोटा चाकूबाजी के लिए कुख्यात था, अब नहीं रहा. जितने भी इस तरह के अपराधी नियंत्रण और सर्विलांस में बताए गए हैं, लेकिन इसकी पुष्टि मीडिया ही कर सकती है. साथ ही उन्होंने कहा कि कम्युनिटी पुलिसिंग की पुलिस मित्र और सुरक्षा सखी की योजना भी अन्य स्टेट से काफी आगे है. थानों में फरियादियों से ही अपराधी सा व्यवहार होने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि पुलिस का व्यवहार आम जनता के साथ अच्छा रहे. बाकी स्टेट के मुकाबले राजस्थान की पुलिस ज्यादा पीपुल फ्रेंडली है. पुलिसिंग से अपराधियों में डर होना चाहिए, आम पब्लिक हमें मित्र के रूप में देखें.

कोटा. डीजीपी उमेश मिश्रा ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को नॉर्मल बताया है. उनका कहना है कि यह यात्रा भी कानून व्यवस्था का हिस्सा (DGP Umesh Mishra on Bharat Jodo Yatra Security) है. उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग का निरीक्षण मैंने नहीं किया, लेकिन हमारे अधिकारी करेंगे. उन्होंने कहा कि यहां दूसरे राज्यों से बेहतर व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा के रोकने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई घटना नहीं होने दी जाएगी, व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहेंगी.

मिश्रा ने मंगलवार को कोटा रेंज की क्राइम मीटिंग ली और राहुल गांधी के दौरे की तैयारियों की समीक्षा भी की. भारत जोड़ो यात्रा पुलिस के नजरिए से झालावाड़, कोटा ग्रामीण और शहर 3 जिलों से निकलती है. ऐसे में इन जिलों के भारत जोड़ो यात्रा की कार्ययोजना भी जिलों के एसपी से मीटिंग के दौरान मंगाई गई. जिस पर डीजीपी मिश्रा और अन्य अधिकारियों ने फीडबैक भी लिया. इस दौरान मिश्रा ने मीडिया को जानकारी भी शेयर की.

डीजीपी ने बताया भारत जोड़ो यात्रा को नॉर्मल

पढ़ें: पुलिस के 400 जवानों ने किया भारत जोड़ो यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था का पूर्वाभ्यास

एफआईआर बढ़ना पॉलिटिकल मुद्दा नहीं: महिलाओं और अन्य अत्याचारों के मामले में मुकदमों की संख्या बढ़ने पर डीजीपी ने कहा (DGP on increasing FIRs in Rajasthan) कि यह हमें परेशान करने वाले आंकड़े नहीं हैं. अवेयरनेस बढ़ने से रजिस्ट्रेशन बढ़ रहा है. कोई घटना होती है, तो उस को छुपाए क्यों. महिलाओं को खुल कर सामने आना चाहिए. जिससे अपराधी के खिलाफ एक्शन होगा. यह तब ही संभव है जब रजिस्ट्रेशन खुलकर होगा. यह पॉलिटिकल मुद्दा नहीं है. हमारे यहां रजिस्ट्रेशन कोई मुद्दा नहीं है. रजिस्ट्रेशन से हम कोई परेशानी नहीं है. हमारा जोर अनुसंधान, दोषियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश करना और सजा दिलवाना है. कई जिलों में ऐसे आरोपियों को हमारे पुलिस अधिकारियों ने कम समय में ही मृत्यु दंड तक की सजा दिलाई है.

पुलिस और माफिया का गठजोड़ मिला, तो सख्त एक्शन होगा: उन्होंने कहा कि क्राइम मीटिंग के दौरान एनडीपीएस के मामले झालावाड़ के आसपास के ज्यादा हैं. जिन पर वर्कआउट करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि संपत्ति संबंधी अपराध भी कोटा में हुए हैं, लेकिन उनका डिटेक्शन काफी अच्छा है. रिकवरी परसेंटेज अन्य रेंज के मुकाबले यहां ज्यादा है. वीकली ऑफ पर उन्होंने कहा कि अजमेर में पायलट प्रोजेक्ट में लागू किया है. सफल होने पर अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा.

जमीन संबंधी अपराधों में पुलिस और माफिया गठजोड़ के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरा मैसेज बिल्कुल क्लियर है कि जमीन संबंधी अपराधों में अगर पुलिस माफिया की मददगार बनेगी, तो सख्त एक्शन लिया जाएगा. बिना लीगल या रिवेन्यू अथॉरिटी के जमीनों के प्रकरण में पुलिस का सामने आना गलत है. संगठित आपराधी कई बार इनका यूज करते हैं, जिसे रोकना सुनिश्चित किया जाएगा.

पढ़ें: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राजस्थान पुलिस ने पूरी की तैयारियां

पुलिसकर्मी भी तकनीकी रूप से दक्ष नहीं: डीजीपी मिश्रा ने साइबर क्राइम पर कहा कि पब्लिक और पुलिस दोनों को इसमें अलर्ट होना है. इन घटनाओं में लालच मूल तत्व है. लालच देने पर ही अलर्ट दिमाग में बजना चाहिए कि यह ठगी का प्रयास हो रहा है. पुलिस में साइबर क्राइम को कैसे टैकल किया जाए, यह एक लंबी चलने वाली प्रक्रिया है, क्योंकि हमारे पुलिसकर्मी भी तकनीकी रूप से अभी दक्ष नहीं है. हमने थाने खोल दिए हैं, लेकिन वहां पर दक्ष स्टाफ लगने में समय लगेगा. प्रदेश का एक ग्रुप बनाया है, जिसमें एक्सपर्ट लोग हैं. यह जटिल केस को जयपुर में बैठकर सॉल्व करेंगे और दूसरे लोगों को प्रशिक्षण भी देंगे.

सुसाइड बढ़ना, पुलिस नहीं पूरे समाज का विषय: मिश्रा ने कोटा की कोचिंग में पढ़ रहे बच्चों के बारे में कहा कि पुलिस अधिकारी भी शिक्षण संस्थानों में समय निकालकर विजिट करें और संवाद उनसे रखें. जिससे कई समस्याएं सामने आएगी, जिनका निदान करने से बच्चों को राहत मिलेगी. मिश्रा ने कहा कि सुसाइड बढ़ने की वजह समाजशास्त्र का विषय है. पुलिस को मित्र के तौर पर शैक्षणिक संस्थानों में जाकर चर्चा करनी चाहिए, किस तरह से काउंसलिंग होती है, यह देखना चाहिए और एजुकेटिव पार्ट बढ़ाना होगा. पूरे समाज को यह भी देखना होगा कि बच्चों पर स्ट्रेस क्यों बढ़ रहा है. उनके मार्क्स लाने की रेस और पेरेंट्स का प्रेशर भी काफी ज्यादा है.

पढ़ें: भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को कोटा की कचोरी खिलाएंगे कांग्रेस नेता, शहर को कर रहे जगमग

चाकूबाजी कम होने का फीडबैक मिला: चाकूबाजी के बारे में हमें फीडबैक मिला है कि यह कम हो गई है. पहले जिस तरह से कोटा चाकूबाजी के लिए कुख्यात था, अब नहीं रहा. जितने भी इस तरह के अपराधी नियंत्रण और सर्विलांस में बताए गए हैं, लेकिन इसकी पुष्टि मीडिया ही कर सकती है. साथ ही उन्होंने कहा कि कम्युनिटी पुलिसिंग की पुलिस मित्र और सुरक्षा सखी की योजना भी अन्य स्टेट से काफी आगे है. थानों में फरियादियों से ही अपराधी सा व्यवहार होने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि पुलिस का व्यवहार आम जनता के साथ अच्छा रहे. बाकी स्टेट के मुकाबले राजस्थान की पुलिस ज्यादा पीपुल फ्रेंडली है. पुलिसिंग से अपराधियों में डर होना चाहिए, आम पब्लिक हमें मित्र के रूप में देखें.

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