कोटा. सबको बेहतर और चिकित्सा सुविधा का दावा करने वाले राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के एक अस्पताल से हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यह खबर स्वास्थ्य महकमे को आईना दिखाने वाली है. इस खबर को देखने के बाद शायद जिम्मेदारों को अस्पतालों में चल रही लापरवाही का थोड़ा अहसास हो जाए. एक घटना में सामने आया है कि रात के समय सरकारी अस्पताल शायद भगवान भरोसे ही चलता है. दरअसल, शनिवार देर रात कोटा जिले के कैथून इलाके में रहने वाली एक 10 साल की बच्ची को घर पर सोते समय सांप ने काट लिया था.
परिजन बच्ची को लेकर तत्काल कैथून के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में उन्हें ना तो डॉक्टर मिला और ना ही स्टाफ ने पीड़ित बच्ची को एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन लगाया. सिर्फ खानापूर्ति के लिए उसे कुछ देर भर्ती रखा और कोटा के जेके लोन अस्पताल के लिए रैफर कर दिया.
उनका कहना रहा कि जब वे उसे वहां से उसे अस्पताल लाने लगे तो पहले 108 एंबुलेंस ने काफी समय खराब कर दिया. परिजन खुद 108 एंबुलेंस के ड्राइवर को लेने गए. उसे घर से लेकर आए. इसके बाद बच्ची को कोटा के लिए रैफर किया गया. परिजनों का आरोप था कि जब वे कोटा के जेके लोन अस्पताल पहुंचे तो वहां उन्हें स्ट्रेचर तक नहीं मिला.
पीड़ित बच्ची का पिता अपने कंधे पर अपनी मासूम बच्ची को लेकर अस्पताल में भागता रहा, लेकिन तब तक बच्ची की सांसें उसका साथ छोड़ चुकी थी. इसके बाद बच्ची के शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया. मृतक बच्ची के परिजनों का कहना रहा कि उन्हें स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं करवाया गया और वह शव को कंधे पर रखकर ही मोर्चरी तक लेकर पहुंचे.
वहीं सूचना मिलने पर पहुंची कैथून थाना पुलिस ने मृतका का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है.