कोटा. राज्य सरकार की बॉन्ड नीति के विरोध में बुधवार मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट चिकित्सकों ने 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया. लेकिन अचानक महाराव भीमसिंह अस्पताल में हुई संविदाकर्मियों की हड़ताल के चलते (Contract workers on strike in Kota) अस्पताल में कई कार्य ठप जैसे हो गए. मरीजों को उपचार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. संविदाकर्मियों ने एकत्रित होकर प्रशासन और निवेदक के खिलाफ नारेबाजी भी की. साथ ही संवेदक पर समय से मानदेय और बोनस नहीं देने का आरोप लगाया.
संविदाकर्मियों का कहना है कि हर साल उन्हें मिठाई और गिफ्ट देकर रवाना कर दिया जाता है. इस बार बोनस नकद (strike in Kota Maharao Bhim Singh Hospital) के रूप में चाहिए. हड़ताल के चलते ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी, रजिस्ट्रेशन व दवा वितरण के डीडीसी काउंटर, पोस्टमार्टम, ब्लड बैंक, सैंपल कलेक्शन सेंटर और सेंट्रल लैब में भी कार्य प्रभावित रहा. कई मरीजों को जांच के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. विरोध में उतरे संविदाकर्मियों की संख्या 500 से ज्यादा है. यह सभी लोग नारेबाजी करते हुए अधीक्षक डॉ. दिनेश वर्मा के चैंबर में भी गए, जहां पर उनसे चर्चा की है.
पढ़ें. रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल : बॉन्ड नीति के तहत राहत देने को तैयार सरकार...
निविदा एकीकृत संघर्ष समिति के अध्यक्ष देवाशीष सेन का कहना है कि उन्हें बीते 2 महीने से मानदेय नहीं दिया गया है. अब त्योहार सिर पर है, लेकिन संवेदक बात नहीं मान रहा है. सुरक्षाकर्मी भी इस हड़ताल में शामिल हैं. उनका कहना है कि उन्हें न तो एरियर मिला न ही दिवाली का बोनस दिया जा रहा है. अस्पताल प्रबंधन ने भी हड़ताल को देखते हुए ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर नर्सिंग स्टूडेंट्स को बैठाया. लेकिन उनके पास लॉगिन आईडी नहीं होने के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.