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कोटाः चिकित्सा विभाग में कार्यरत संविदाकर्मियों को नहीं मिला 2 साल से मानदेय, उग्र आंदोलन की चेतावनी - बीसीएमओ कार्यलय

कोटा के रामगंजमंडी उपखण्ड के चिकित्सा संविदा कर्मियों को 2 सालों से उनका वेतन नहीं मिला है. जिसको लेकर लगातार कर्मी गुहार लगा रहे हैं. अब कर्मियों के लिए उनके घर का खर्च भी चला पाना मुश्किल हो गया है. वेतन को लेकर संविदा कर्मियों का कहना है कि अगर उन्हें वेतन नहीं दिया गया तो वो उग्र आंदोलन करेंगे.

rajasthan news, कोटा न्यूज
संविदा कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा वेतन
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Published : Jun 19, 2020, 2:14 PM IST

रामगंजमंडी (कोटा). कोरोना महामारी में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले रामगंजमंडी उपखण्ड के चिकित्सा संविदा कर्मी 2 सालों से अपनी सैलेरी का इंतजार कर रहे हैं. हालात ये हैं कि घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

संविदा कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा वेतन

बता दें कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा और जांच योजना के तहत लगे संविदाकर्मी पिछले 3 सालों से योजना के तहत उपखण्ड की कई पीएचसी पर न्यूनतम वेतन 8 हजार रुपए प्रति माह पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण इनको इनका मानदेय भुगतान नहीं किया जा रहा है. एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने भी कोरोना में कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय भुगतान करने के आदेश दिए हैं, लेकिन संविदा कर्मी अपने मानदेय के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं.

2 सालों से नहीं मिला वेतन

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2 सालों से नहीं मिला वेतन

सातलखेड़ी पीएचसी पर कार्यरत दवा वितरण कर्मचारी मोहम्मद साजिद खान का कहना है कि जून 2017 को ज्वॉइन हुआ था, लेकिन विभाग की ओर से 2 साल का वेतन नहीं दिया गया है. अब हालात ये हैं कि मानदेय के लिए विभागों के चक्कर काट रहे हैं.

पढ़ें- चीन से झड़प में शहीद भारतीय सैनिकों को सर्राफा व्यापारियों ने दी श्रद्धांजलि

इस दौरान लैब टेक्नीशियन अकरम हुसैन ने बताया कि चिकित्सा विभाग में संविदा कर्मी के पद पर कार्य कर रहे है, लेकिन 18 माह से विभाग की ओर से मानदेय नहीं दिया जा रहा है. अब हालात ये हो गए हैं कि मानदेय के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन हमारी कोई सुनने वाला नहीं है. संविदा कर्मी ने बताया कि अगर हमें मानदेय नहीं दिया गया तो हम उग्र आंदोलन कर बीसीएमओ कार्यलय के सामने धरना प्रदर्शन भी करेंगे.

रामगंजमंडी (कोटा). कोरोना महामारी में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले रामगंजमंडी उपखण्ड के चिकित्सा संविदा कर्मी 2 सालों से अपनी सैलेरी का इंतजार कर रहे हैं. हालात ये हैं कि घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

संविदा कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा वेतन

बता दें कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा और जांच योजना के तहत लगे संविदाकर्मी पिछले 3 सालों से योजना के तहत उपखण्ड की कई पीएचसी पर न्यूनतम वेतन 8 हजार रुपए प्रति माह पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण इनको इनका मानदेय भुगतान नहीं किया जा रहा है. एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने भी कोरोना में कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय भुगतान करने के आदेश दिए हैं, लेकिन संविदा कर्मी अपने मानदेय के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं.

2 सालों से नहीं मिला वेतन

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2 सालों से नहीं मिला वेतन

सातलखेड़ी पीएचसी पर कार्यरत दवा वितरण कर्मचारी मोहम्मद साजिद खान का कहना है कि जून 2017 को ज्वॉइन हुआ था, लेकिन विभाग की ओर से 2 साल का वेतन नहीं दिया गया है. अब हालात ये हैं कि मानदेय के लिए विभागों के चक्कर काट रहे हैं.

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इस दौरान लैब टेक्नीशियन अकरम हुसैन ने बताया कि चिकित्सा विभाग में संविदा कर्मी के पद पर कार्य कर रहे है, लेकिन 18 माह से विभाग की ओर से मानदेय नहीं दिया जा रहा है. अब हालात ये हो गए हैं कि मानदेय के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन हमारी कोई सुनने वाला नहीं है. संविदा कर्मी ने बताया कि अगर हमें मानदेय नहीं दिया गया तो हम उग्र आंदोलन कर बीसीएमओ कार्यलय के सामने धरना प्रदर्शन भी करेंगे.

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