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कोटा: जमीन के बीच रास्ते को लेकर था विवाद, SDM ने दोनों पक्षों को समझाया तो निकला रास्ता

कोटा के कनवास एसडीएम राजेश डागा के प्रयासों से विवादित रास्ते की समस्या का समाधान हुआ. एसडीएम ने दोनों पक्ष के मामले में सुनवाई करते हुए मामले को सुलझाया.

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कनवास SDM की समझाइश के बाद विवादित रास्ते का हुआ समाधान
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Published : Jan 12, 2021, 9:09 PM IST

कनवास (कोटा). इलाके में जमीन विवाद से जुड़ा एक मसला एसडीएम की समझाइश के बाद सुलझ गया. क्षेत्र के निवासी हेमराज की ओर से एक प्रार्थना पत्र एसडीएम राजेश डागा को सौंपा गया था. हेमराज ने कहा था कि उसे बिशनपुरा में अपने हिस्से की जमीन तक पहुंचने के लिए कालूलाल के खेत से गुजरना होता था.

कालूलाल के खेत की मेढ के सहारे वह अपनी जमीन तक पहुंचता था. लेकिन कालूलाल ने अपने खेत में फसल बोई तो मेढ़ के सहारे भी जमीन तक पहुंचना नामुमकिन हो गया. इस तरह हेमराज का अपनी ही जमीन तक पहुंचना असंभव हो गया. किसी तरह की शिकायत पर कालूलाल से झगड़ा हो जाता. इसी समस्या को सुलझाने के लिए हेमराज ने एसडीएम राजेश डागा से गुहार लगाई.

पढ़ें: भीलवाड़ाः CISF के जवान ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या, 21 फरवरी को होनी थी शादी

इस मामले में सुनवाई करते हुए उपखंड अधिकारी राजेश डागा ने दोनों पक्षकारों को समझाने के लिए न्यायालय में बुलाया. दोनों पक्षों ने अपनी अपनी दलील रखी. जिसे सुनने के बाद एसडीएम ने निर्णय लिया गया कि कालूलाल अपने खेत से 6 मीटर लंबी और 8 फीट चौड़ी भूमि रास्ते के लिए देगा. इस भूमि के बदले में हेमराज बिशनपुरा वाली अपनी जमीन के बीच की मेढ से इतनी ही लंबाई चौड़ाई से रास्ते के लिए जमीन देगा. एसडीएम ने यह भी कहा कि कालूलाल रास्ते के लिए जमीन हासिल करने के बाद 278 वर्ग मीटर जमीन का भुगतान हेमराज को डीएलसी की दोगुना दर पर करेगा.

कनवास (कोटा). इलाके में जमीन विवाद से जुड़ा एक मसला एसडीएम की समझाइश के बाद सुलझ गया. क्षेत्र के निवासी हेमराज की ओर से एक प्रार्थना पत्र एसडीएम राजेश डागा को सौंपा गया था. हेमराज ने कहा था कि उसे बिशनपुरा में अपने हिस्से की जमीन तक पहुंचने के लिए कालूलाल के खेत से गुजरना होता था.

कालूलाल के खेत की मेढ के सहारे वह अपनी जमीन तक पहुंचता था. लेकिन कालूलाल ने अपने खेत में फसल बोई तो मेढ़ के सहारे भी जमीन तक पहुंचना नामुमकिन हो गया. इस तरह हेमराज का अपनी ही जमीन तक पहुंचना असंभव हो गया. किसी तरह की शिकायत पर कालूलाल से झगड़ा हो जाता. इसी समस्या को सुलझाने के लिए हेमराज ने एसडीएम राजेश डागा से गुहार लगाई.

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इस मामले में सुनवाई करते हुए उपखंड अधिकारी राजेश डागा ने दोनों पक्षकारों को समझाने के लिए न्यायालय में बुलाया. दोनों पक्षों ने अपनी अपनी दलील रखी. जिसे सुनने के बाद एसडीएम ने निर्णय लिया गया कि कालूलाल अपने खेत से 6 मीटर लंबी और 8 फीट चौड़ी भूमि रास्ते के लिए देगा. इस भूमि के बदले में हेमराज बिशनपुरा वाली अपनी जमीन के बीच की मेढ से इतनी ही लंबाई चौड़ाई से रास्ते के लिए जमीन देगा. एसडीएम ने यह भी कहा कि कालूलाल रास्ते के लिए जमीन हासिल करने के बाद 278 वर्ग मीटर जमीन का भुगतान हेमराज को डीएलसी की दोगुना दर पर करेगा.

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