कोटा. जेके लोन अस्पताल के लेबर रूम में बिल्ली और उसके बच्चों की मौजूदगी का मामला सामने आया था. इस मामले में अब जयपुर स्तर पर वीडियो पहुंचने के बाद अस्पताल प्रबंधन से लेकर जिला प्रशासन तक में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में जिला कलेक्टर ओपी बुनकर भी जेके लोन अस्पताल पहुंचे. नर्सिंग अधिकारी चाहना यादव को निलंबित किया गया है. इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना ने जांच कमेटी भी गठित की है.
अस्पताल पहुंचे कलेक्टर बुनकर ने भी अधिकारियों को साफ दिशा-निर्देश दिया है कि अस्पताल परिसर में कुत्ते, बिल्ली और सूअर सहित अन्य कोई भी जानवर की मौजूदगी नहीं होनी चाहिए. इसके लिए पीडब्ल्यूडी और यूआईटी के अधिकारियों को दरवाजों में फाइबर शीट व ऑटो डोर क्लोजर लगवाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही टूटे हुए खिड़की-दरवाजों को दुरुस्त करवाने और अस्पताल के चौकीदारों पर सख्ती करने के निर्देश दिए हैं, ताकि कोई भी जानवर अस्पताल में प्रवेश नहीं कर पाए.
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इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ एक ही तीमारदार को प्रवेश देने के लिए निर्देशित किया है. सख्ती से पास व्यवस्था को लागू करने के लिए निर्देशित जिला कलेक्टर ने किया है. आपको बता दें कि यह वीडियो 2 दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसके बाद गुरुवार को जयपुर में भी कई अधिकारियों के पास पहुंच गया. उसके बाद ही जिला कलेक्टर को निर्देशित किया गया था.
नगर निगम की टीम ने पकड़े थे बिल्ली व बच्चे : इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आशुतोष शर्मा का कहना था कि पिंजरा पहले ही बिल्ली को पकड़ने के लिए लगा दिया था. बिल्ली कैसे पहुंची और उसने कैसे अपने बच्चों को वहां पर जन्म दिया, इस संबंध में किसी को जानकारी नहीं थी. जब बिल्ली के बच्चे बाहर आए तभी यह जानकारी मिली. बाद में नगर निगम की टीम को बुलवाकर बिल्ली को पकड़वा दिया गया था.