कोटा. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव सुखजिंदर सिंह रंधावा पर मुकदमा दर्ज करने की तलवार लटकी हुई है. कोटा पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया था. ऐसे में शनिवार को इस मामले में एसीजेएम कोर्ट क्रम संख्या 6 में कोटा शहर एसपी शरद चौधरी को पेश होना पड़ा. जिसके बाद कोर्ट ने 23 मई तक का समय पुलिस को दिया है. जिसमें एफआईआर की कॉपी के साथ पेश होने का निर्देश दिया गया है या फिर बड़े न्यायालय से इस कार्रवाई को रुकवाने की बात कही गई है.
दूसरी ओर चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच एसपी कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे. इस दौरान भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती रही. साथ ही मौके पर दो थानों के थाना अधिकारी भी मौजूद रहे. आपको बता दें कि सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मार्च माह में जयपुर में आयोजित एक रैली के दौरान पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान दिया था. रंधावा ने कहा था- ''अडानी को मारने से कुछ नहीं होगा, मोदी को मारना होगा". इस मामले को लेकर रामगंजमंडी के विधायक मदन दिलावर ने महावीर नगर थाने में परिवाद दिया था. जिसमें उन्होंने रंधावा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था.
हालांकि, परिवाद के बाद भी उक्त मामले में पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई न किए जाने पर आखिरकार भाजपा विधायक ने कोर्ट का रुख किया. जिस पर बीते दिनों न्यायालय ने सुखजिंदर सिंह रंधावा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे.
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न्यायालय ने दिया 23 मई तक का समय - मामले में फरियादी मदन दिलावर के अधिवक्ता मनोज पुरी ने कहा कि पुलिस ने दलील दी है कि इस तरह का अपराध कोटा में नहीं हुआ है. साथ ही फरियादी ने आकर बयान नहीं दिया था इसलिए मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. ऐसे में कोर्ट ने पुलिस को आगामी 23 मई तक का समय दिया है. साथ ही इसके पहले मुकदमा दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं. वहीं, ऐसा नहीं होने पर कंटेम्प्ट की कार्रवाई करने की हिदायत दी है.
दूसरी तरफ महावीर नगर थाना अधिकारी की तरफ से एक निगरानी याचिका जिला व सत्र न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत की है. जिस पर 23 मई को सुनवाई होगी. इस मामले में भाजपा विधायक के अधिवक्ता मनोज पुरी ने कहा कि केवल निगरानी याचिका लगाने का अधिकार भी फरियादी या फिर आरोपी को होता है. उन्होंने आरोप लगाया कि पहली बार हम देख रहे हैं कि न्यायालय के मुकदमा दर्ज करने या 156/3 के मामले में थाना अधिकारी फरियादी बन गया है. ये सीधे पुलिस की तरफ से ही न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में ही आता है.
मामले में सीएम इन्वॉल्व, दबाव में पुलिस - अधिवक्ता मनोज पुरी ने कहा कि मामला प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से जुड़ा है. साथ ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री तक का इन्वॉल्वमेंट है. यही वजह है कि पुलिस दबाव में है, जिसके चलते मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा है. ऐसे में हम इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग करेंगे. दूसरी ओर हम इस मामले को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे.