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सहायक वनपाल ने रेंजर से मांगी एक लाख रुपए रिश्वत, एसीबी ने दर्ज किया मामला

एसीबी जयपुर ने कोटा में तैनात सहायक वनपाल के खिलाफ रिश्वत की मांग करने पर मामला दर्ज किया गया है. सहायक वनपाल ने एक कर्मचारी के 17 सीसी के नोटिस और चार्जशीट को खत्म करवाने की एवज में 1 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी.

case against Assistant forester
सहायक वनपाल ने रेंजर से मांगी एक लाख रुपए रिश्वत
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 12, 2024, 8:48 PM IST

Updated : Jan 12, 2024, 10:37 PM IST

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर मुख्यालय ने कोटा में तैनात सहायक वनपाल के खिलाफ रिश्वत की डिमांड करने का मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में अपने सहयोगी कर्मचारी को मिले 17 सीसी के नोटिस और चार्जशीट को खत्म करवाने की एवज में मांगी गई थी. इसमें उपवन संरक्षक के जरिए मामले को बंद करवाने के लिए एक पेटी यानी 1 लाख रुपए की डिमांड की गई थी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने इस संबंध में तीन से चार महीने तक आरोपी को ट्रैप करने का प्रयास किया, लेकिन राशि की डिमांड करने के बाद वह परिवादी से मिलने के लिए तैयार नहीं हुआ. ऐसे में एसीबी देहात ने इस पूरे मामले को जयपुर मुख्यालय भिजवा दिया था, जिस पर मुकदमा दर्ज हुआ है.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा ग्रामीण की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया कि बीते साल जुलाई से लेकर सितंबर अक्टूबर तक यह मामला चला था. इसमें पीपल्दा रेंज के सेटलमेंट रेंजर ताराचंद आर्य ने 24 जुलाई, 2023 को एक परिवाद दिया था. जिसमें बताया कि उसे गश्ती दल से हटाकर तत्कालीन डीसीएफ जयराम पांडे ने सेटलमेंट रेंजर बना दिया था. जबकि खातौली रेंज से उसके स्थानांतरण पर न्यायालय का स्टे था. इसके साथ ही उसे धारा 17 का भी एक नोटिस मिला हुआ था.

पढ़ें: सवाईमाधोपुर में एसीबी का एक्शन, फॉरेस्ट रेंजर और उसका ड्राइवर रिश्वत लेते गिरफ्तार

डीसीएफ पांडे के सहायक वनपाल अमजद खान ने 17 सीसी के नोटिस को खत्म करवाने और वापस गश्ती दल में लगाने के लिए एक पेटी की रिश्वत मांगी. इस संबंध में शिकायत करने के बाद सत्यापन करवाया गया. जिसमें कई बार प्रयास करने के बाद 3 अगस्त को आरोपी सहायक वनपाल अमजद खान ने रिश्वत की मांग भी कर दी. ऐसे में आरोपी ने 50 हजार असली और 50 हजार के नकली नोटों की व्यवस्था भी कर ली थी, लेकिन अमजद खान ने रिश्वत राशि लेने का समय और दिन तय नहीं किया. साथ ही यह भी कहा कि अधिकारी के हां करने पर ही वह लेगा.

पढ़ें: अजमेर में 20 हजार की रिश्वत लेते ट्रैप हुआ पटवारी, पुश्तैनी कृषि भूमि के नामांतरण खोलने की एवज मांगे थे रुपए

हालांकि इस मामले में अमजद खान को शक हो गया था कि परिवारी उसे एसीबी के जरिए फंसा सकता है. ऐसे में रिश्वत की मांग के बाद अमजद खान ने राशि नहीं ली. एसीबी के अधिकारी अक्टूबर तक इसका इंतजार करते रहे. इस मामले में प्रेरणा शेखावत का कहना है कि वह तत्कालीन उपवन संरक्षक जयराम पांडे की जरिए मामले को खत्म करवाने की बात कह रहा था. हालांकि इस मामले में सीधे तौर पर पूर्व डीसीएफ जयराम पांडे परिवादी सीधे तौर पर नहीं मिला. साथ ही उनकी आवाज भी इसमें नहीं हैं. जयराम पांडे हाल ही में सेवानिवृत्ति भी हो गए हैं. इसीलिए मुख्यालय ने अमजद खान के खिलाफ ही धारा 7 में रिश्वत मांग का मुकदमा दर्ज किया है.

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर मुख्यालय ने कोटा में तैनात सहायक वनपाल के खिलाफ रिश्वत की डिमांड करने का मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में अपने सहयोगी कर्मचारी को मिले 17 सीसी के नोटिस और चार्जशीट को खत्म करवाने की एवज में मांगी गई थी. इसमें उपवन संरक्षक के जरिए मामले को बंद करवाने के लिए एक पेटी यानी 1 लाख रुपए की डिमांड की गई थी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने इस संबंध में तीन से चार महीने तक आरोपी को ट्रैप करने का प्रयास किया, लेकिन राशि की डिमांड करने के बाद वह परिवादी से मिलने के लिए तैयार नहीं हुआ. ऐसे में एसीबी देहात ने इस पूरे मामले को जयपुर मुख्यालय भिजवा दिया था, जिस पर मुकदमा दर्ज हुआ है.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा ग्रामीण की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया कि बीते साल जुलाई से लेकर सितंबर अक्टूबर तक यह मामला चला था. इसमें पीपल्दा रेंज के सेटलमेंट रेंजर ताराचंद आर्य ने 24 जुलाई, 2023 को एक परिवाद दिया था. जिसमें बताया कि उसे गश्ती दल से हटाकर तत्कालीन डीसीएफ जयराम पांडे ने सेटलमेंट रेंजर बना दिया था. जबकि खातौली रेंज से उसके स्थानांतरण पर न्यायालय का स्टे था. इसके साथ ही उसे धारा 17 का भी एक नोटिस मिला हुआ था.

पढ़ें: सवाईमाधोपुर में एसीबी का एक्शन, फॉरेस्ट रेंजर और उसका ड्राइवर रिश्वत लेते गिरफ्तार

डीसीएफ पांडे के सहायक वनपाल अमजद खान ने 17 सीसी के नोटिस को खत्म करवाने और वापस गश्ती दल में लगाने के लिए एक पेटी की रिश्वत मांगी. इस संबंध में शिकायत करने के बाद सत्यापन करवाया गया. जिसमें कई बार प्रयास करने के बाद 3 अगस्त को आरोपी सहायक वनपाल अमजद खान ने रिश्वत की मांग भी कर दी. ऐसे में आरोपी ने 50 हजार असली और 50 हजार के नकली नोटों की व्यवस्था भी कर ली थी, लेकिन अमजद खान ने रिश्वत राशि लेने का समय और दिन तय नहीं किया. साथ ही यह भी कहा कि अधिकारी के हां करने पर ही वह लेगा.

पढ़ें: अजमेर में 20 हजार की रिश्वत लेते ट्रैप हुआ पटवारी, पुश्तैनी कृषि भूमि के नामांतरण खोलने की एवज मांगे थे रुपए

हालांकि इस मामले में अमजद खान को शक हो गया था कि परिवारी उसे एसीबी के जरिए फंसा सकता है. ऐसे में रिश्वत की मांग के बाद अमजद खान ने राशि नहीं ली. एसीबी के अधिकारी अक्टूबर तक इसका इंतजार करते रहे. इस मामले में प्रेरणा शेखावत का कहना है कि वह तत्कालीन उपवन संरक्षक जयराम पांडे की जरिए मामले को खत्म करवाने की बात कह रहा था. हालांकि इस मामले में सीधे तौर पर पूर्व डीसीएफ जयराम पांडे परिवादी सीधे तौर पर नहीं मिला. साथ ही उनकी आवाज भी इसमें नहीं हैं. जयराम पांडे हाल ही में सेवानिवृत्ति भी हो गए हैं. इसीलिए मुख्यालय ने अमजद खान के खिलाफ ही धारा 7 में रिश्वत मांग का मुकदमा दर्ज किया है.

Last Updated : Jan 12, 2024, 10:37 PM IST
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