कोटा. शहर के उद्योग नगर थाना इलाके में पुरानी रंजिश को लेकर हत्या का मामला सामने आया है. चाकू (छूर्रा) के वार से गर्दन काट देने से युवक की नृशंस हत्या हो गई. घटना के बाद आसपास के क्षेत्रों में हड़कंप मच गया और पुलिस मौके पर पहुंची. साथ ही पुलिस के आलाअधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. बाद में एफएसएल टीम और एमओबी टीम को मौके पर बुलाया गया. दोनों टीमों ने मौके से साक्ष्य एकत्रित किए हैं.
इसके बाद शव को एमबीएस अस्पताल के मोर्चरी में शिफ्ट करवा दिया गया. फिलहाल, परिजन आक्रोशित हैं और इसके चलते पोस्टमार्टम में देरी हो रही है. दूसरी तरफ इस पूरे प्रकरण पर कोटा शहर एसपी शरद चौधरी का कहना है कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस घटना में शामिल दो आरोपियों को डिटेल कर लिया है. मामले में जल्द ही दोनों की गिरफ्तारी भी होगी.
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पुलिस उप अधीक्षक पंचम धर्मवीर सिंह का कहना है कि उद्योग नगर थाना इलाके के कंसुआ हरिजन बस्ती में रहने वाले राहुल हरिजन की हत्या हुई है. राहुल की उसके घर से कुछ दूरी पर रहने वाले सुनील बाबू पांचाल और वीरेंद्र उर्फ कड़ैया से विवाद चल रहा था. मृतक राहुल ने वीरेंद्र से मारपीट मार्च 2023 में कई थी, जिसमें राहुल खिलाफ का मुकदमा दर्ज करवाया हुआ था, जिस पर पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई भी की थी.
इस मामले को लेकर दोनों में रंजिश चल रही थी, जिसको लेकर रविवार रात में दोनों में विवाद हुआ. इसमें कंसुआ इलाके में ही सुनील बाबू व वीरेंद्र ने राहुल पर दो छूर्रों से हमला कर दिया. उसकी गर्दन को बुरी तरह से काट दिया, जिसके चलते मौके पर ही राहुल हरिजन की मौत हो गई. शव भी पास के नाले में पड़ा मिला. इस मामलों में परिजनों से रिपोर्ट ली जा रही है. दूसरी तरफ मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम भी करवाया जाएगा. वहीं, वीरेंद्र और सुनील बाबू दोनों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
एमबीएस मोर्चरी पर हंगामा जैसे हालात : हत्याकांड के विरोध में वाल्मीकि समाज के लोग बड़ी संख्या में एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में पहुंच गए, जहां पर एहतियातन पुलिस ने भी जाप्ता बढ़ाया है. जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक से लेकर कई थानों का जाप्ता है. घटनाक्रम के बाद हंगामा होने के असर को देखते हुए जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है. मामले के लिए लाडपुरा तहसीलदार भरत यादव को मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है. वे भी एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचे.
परिजनों ने मांगा 50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी : मृतक के भाई सूरज का कहना है कि राहुल घर पर था, तभी अन्य राहुल नाम का युवक उसे बुलाकर ले गया था. जिसके बाद वह हमें अमृत अवस्था में मिला था. उसके साथ ही वाल्मीकि समाज के पंकज घेंघट का कहना है कि हत्या करने वाले लोग अवैध कार्य के साथ नशीले पदार्थ बेचने का काम करते थे. उन्होंने समाज के युवा की बेवजह हत्या की है. ऐसे में हम इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं. वहीं, मृतक का परिवार काफी गरीब है, उन्हें 50 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी भी दी जाए. ऐसा नहीं होगा तो वे शव नहीं उठाएंगे.