कोटा. भारतीय जनता पार्टी ने पूरे प्रदेश में चुनाव की तैयारियों के तहत नहीं सहेगा राजस्थान अभियान की शुरुआत की है. जिसके तहत सभी जिलों में मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया जा रहा है. सोमवार को कोटा में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने पत्रकार वार्ता में मंत्री जाहिदा खान, महेश जोशी और प्रमोद जैन भाया पर आरोप लगाए और कहा कि करोड़ों रुपए का गबन इनके तीनों के विभागों में किया जा रहा है. यहां तक कि उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी कामों में मंत्री पार्टनरशिप कर रहे हैं.
मंत्री जाहिदा पर आरोप लगाया कि स्मार्ट क्लासेज के लिए 110 करोड़ का बजट केंद्र सरकार ने जारी किया था. इसके तहत 10000 स्मार्ट क्लासरूम बनने हैं, लेकिन मंत्री जाहिदा ने कंपनियों से वसूली करने की एवज में आगे कार्रवाई नहीं बढ़ने दी. जिसके चलते स्मार्ट क्लासरूम टेंडर होने के बावजूद भी नहीं बन पा रहे हैं. इधर 40,000 टेबलेट विद्यार्थियों को बांटने पर 40 करोड़ के टेंडर हो गए, लेकिन उनको वापस बंद कर दिया गया. साथ ही बच्चों को स्कूटी भी नहीं मिल पा रही है.
मंत्री जाहिदा की जगह उनके असिस्टेंट आसिफ सेक्रेट्री लेवल की बैठकों में शामिल होते हैं और कमीशन के लिए पूरा काम किया जा रहा है. दूसरी तरफ, जल जीवन मिशन पर महेश जोशी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर ठेकेदार दिए गए. अभी भी ठेकेदारों पर एफआईआर नहीं करवाई गई है. क्योंकि मंत्रियों से इनकी सांठगांठ है. साथ ही उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में कई जगह पर प्लास्टिक के पाइप डाल दिए गए हैं. इस भ्रष्टाचार पर शासन में आते ही रोक लगाई जाएगी और एफआईआर दर्ज कर इन लोगों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा. दूसरी तरफ मंत्री प्रमोद जैन भाया पर आरोप लगाया कि वे ई-रवन्ने के जरिए पार्टनरशिप ले रहे हैं. इन पर करीब 25 फीसदी कमीशन वसूल रहे हैं. इसी के चलते ही फर्जीवाड़े के केंद्र बन गए हैं.
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, जिला अध्यक्ष शहर कृष्ण कुमार सोनी रामबाबू, देहात मुकुट नागर सहित अन्य ने आरोप लगाते हुए सरकार का “फेल कार्ड“ जारी किया. साथ ही कहा कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदेशभर में एफआईआर कैंप लगाए जाएंगे. आरपीएससी में भर्ती के नाम पर भ्रष्टाचार के मामले पर उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को 31 मई को पीसीसी का मेंबर बनाया गया. वह बीते दिनों जयपुर में आयोजित मौन सत्याग्रह में शामिल रहा था.
वही गोपाल केसावत को एसीबी ने 18 लाख रुपए की घूस लेते हुए ट्रैप किया है. जिसने कबूला की उसने रिश्वत की रकम आरपीएससी मेंबर को दी है. ऐसे में सीएम गहलोत आरपीएससी मेंबर के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं. पहले भी बाबू लाल कटारा को हटा दिया गया, लेकिन गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है. ये सभी लोग सरकार का चेहरा बेनकाब कर रहे हैं.