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अब IMA का विरोध, राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले- बिना सोचे समझे, कॉपी-पेस्ट कर बनाया राइट टू हेल्थ बिल

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Published : Feb 9, 2023, 7:04 PM IST

गहलोत सरकार आगामी बजट सत्र में राइट टू हेल्थ बिल पास करवाना चाह रही है. इस बिल को लेकर पहले से ही प्राइवेट चिकित्सक विरोध में हैं. अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी इसके विरोध में उतर गया है और राजस्थान के चिकित्सकों का समर्थन कर रहा है.

Big Statement of IMA National President
डॉ. शरद कुमार अग्रवाल
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बड़ा बयान

कोटा. आईएमए ने भी राजस्थान राइट टू हेल्थ बिल का विरोध किया है. गुरुवार को कोटा में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद कुमार अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए इस बिल को बिना दिमाग लगाए हुए बनाया बताया. साथ ही कहा कि कॉपी-पेस्ट करके इसे डॉक्टरों के ऊपर थोपा जा रहा है. सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए प्राइवेट इस्टैब्लिशमेंट पर ही सारी जिम्मेदारी डालना चाह रही है.

डॉक्टर पलायन कर जाएंगे, अस्पताल बंद हो जाएंगे : डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यह बिल एंटी सोशल व पुअर है. इसमें संविधान की पालना भी नहीं हो रही. संविधान में हिंदुस्तान के हर व्यक्ति को अपनी आजीविका अर्जित करने का अधिकार है, लेकिन टैक्स देने के बावजूद भी हमारे ऊपर इस तरह का वजन डाला जा रहा है. इसमें इमरजेंसी के बारे में क्लियर नहीं है. एकतरफा सब बात चिकित्सकों पर डाल दिया जा रहा है. हर बीमारी के लिए अलग-अलग चिकित्सक होता है, लेकिन यहां पर कहा जा रहा है कि सभी बीमारियों का इलाज मौजूद चिकित्सक को करना होगा. ऐसा वह नहीं करेगा तो उस पर एफआईआर दर्ज हो जाएगी. जबकि संविधान कहता है कि जिस इलाज में एक्सपर्ट डॉक्टर हो, वह उसी बीमारी का इलाज करे. इसके चलते राजस्थान से चिकित्सक चले जाएंगे, साथ ही राजस्थान के अस्पताल बंद हो जाएंगे.

पढ़ें : Right to Health Bill : चिकित्सक संगठनों की चेतावनी, कहा-बिल हुआ लागू, तो करेंगे हड़ताल

चिरंजीवी योजना में गड़बड़झाला करने वाले अस्पताल व चिकित्सकों से झाड़ा पल्ला : मीडिया ने जब पूछा कि चिरंजीवी योजना में अस्पताल इलाज नहीं कर रहे हैं और मरीजों से अवैध रूप से पैसे की वसूली कर रहे हैं, इसकी कई शिकायतें भी आ रही हैं. इस पर डॉ. अग्रवाल बचते हुए नजर आए और ऐसे चिकित्सक व अस्पतालों से पल्ला झाड़ते नजर आए. यहां तक कि वे मीडिया के लोगों को भ्रष्ट बताने पर तुल गए. साथ ही उन्होंने कहा कि कई कमियां मीडिया में भी हैं. बाद में उन्होंने कहा कि सही कॉज व सही डॉक्टर के साथ ही आईएमए है. जो चिकित्सक गलत करते हैं, उनका साथ आईएमए नहीं देगी. सरकार को भी उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बड़ा बयान

कोटा. आईएमए ने भी राजस्थान राइट टू हेल्थ बिल का विरोध किया है. गुरुवार को कोटा में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद कुमार अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए इस बिल को बिना दिमाग लगाए हुए बनाया बताया. साथ ही कहा कि कॉपी-पेस्ट करके इसे डॉक्टरों के ऊपर थोपा जा रहा है. सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए प्राइवेट इस्टैब्लिशमेंट पर ही सारी जिम्मेदारी डालना चाह रही है.

डॉक्टर पलायन कर जाएंगे, अस्पताल बंद हो जाएंगे : डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यह बिल एंटी सोशल व पुअर है. इसमें संविधान की पालना भी नहीं हो रही. संविधान में हिंदुस्तान के हर व्यक्ति को अपनी आजीविका अर्जित करने का अधिकार है, लेकिन टैक्स देने के बावजूद भी हमारे ऊपर इस तरह का वजन डाला जा रहा है. इसमें इमरजेंसी के बारे में क्लियर नहीं है. एकतरफा सब बात चिकित्सकों पर डाल दिया जा रहा है. हर बीमारी के लिए अलग-अलग चिकित्सक होता है, लेकिन यहां पर कहा जा रहा है कि सभी बीमारियों का इलाज मौजूद चिकित्सक को करना होगा. ऐसा वह नहीं करेगा तो उस पर एफआईआर दर्ज हो जाएगी. जबकि संविधान कहता है कि जिस इलाज में एक्सपर्ट डॉक्टर हो, वह उसी बीमारी का इलाज करे. इसके चलते राजस्थान से चिकित्सक चले जाएंगे, साथ ही राजस्थान के अस्पताल बंद हो जाएंगे.

पढ़ें : Right to Health Bill : चिकित्सक संगठनों की चेतावनी, कहा-बिल हुआ लागू, तो करेंगे हड़ताल

चिरंजीवी योजना में गड़बड़झाला करने वाले अस्पताल व चिकित्सकों से झाड़ा पल्ला : मीडिया ने जब पूछा कि चिरंजीवी योजना में अस्पताल इलाज नहीं कर रहे हैं और मरीजों से अवैध रूप से पैसे की वसूली कर रहे हैं, इसकी कई शिकायतें भी आ रही हैं. इस पर डॉ. अग्रवाल बचते हुए नजर आए और ऐसे चिकित्सक व अस्पतालों से पल्ला झाड़ते नजर आए. यहां तक कि वे मीडिया के लोगों को भ्रष्ट बताने पर तुल गए. साथ ही उन्होंने कहा कि कई कमियां मीडिया में भी हैं. बाद में उन्होंने कहा कि सही कॉज व सही डॉक्टर के साथ ही आईएमए है. जो चिकित्सक गलत करते हैं, उनका साथ आईएमए नहीं देगी. सरकार को भी उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

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