कोटा. जिले के किसान कई सूत्रीय मांगों को लेकर 21 जुलाई से सभी जिला केंद्रों पर प्रदर्शन करेंगे. किसान प्रमुख रूप से छह माह के कृषि व घरेलू बिजली के बिल माफ करने की मांग कर रहे हैं. वहीं, किसान संघ के महामंत्री कैलाश गेंदोलिया ने कहा कि ये आंदोलन ग्राम पंचायत तक चलाया जाएगा.
किसानों की समस्या को लेकर भारतीय किसान संघ भी आंदोलन की राह पकड़ रहा है. किसान संघ अपनी कई सूत्रीय मांगों को लेकर 21 जुलाई से सभी जिला केंद्रों पर प्रदर्शन करेगा. किसान संघ के प्रदेश महामंत्री कैलाश गेंदोलिया का कहना है कि जिला केंद्रों से शुरू होने वाला ये आंदोलन ग्राम पंचायतों तक जाएगा. इसके बाद इसे हर गांव तक पहुंचाया जाएगा. किसानों के इस आंदोलन के प्रमुख मांग छह माह के कृषि व घरेलू बिजली के बिल माफ किए जाएं.
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गेंदोलिया ने कहा कि इसके अलावा शुरू में मिलने वाले अनुदान को भी वापस एक मुफ्त बिजली बिलों में समायोजित किया जाए. अर्थव्यवस्था की बिगड़ी स्थिति व राज्य सरकार की लापरवाही के कारण खरीफ सीजन 2019 में समर्थन मूल्य पर मूंग की मात्र 10 फीसदी और मूंगफली की 15 फीसदी खरीद हो पाई है. इसके अलावा सरकार ने सरकारी ऋण में 50 फीसदी से ज्यादा कटौती कर दी. वहीं, बिजली बिलों में दिए जाने वाले 833 रुपए के अनुदान को भी बंद कर दिया है. जिससे 14 लाख किसानों पर अतिरिक्त भार बिजली के बिल में बढ़ा है.
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किसानों ने मांग की कि टिड्डी नियंत्रण के लिए किसानों को छिड़काव केमिकल व डीजल खर्च उपलब्ध करवाया जाए. प्रभावी नियंत्रण के प्रयास सरकार करें. टिड्डी से हुए फसल खराबे का मुआवजा भी दिलाया जाए फसल बीमा की विसंगतियों को दूर करने के लिए फसल खराबे का बीमा क्लेम दिलाया जाना सुनिश्चित करें.
इसके साथ ही किसानों ने खरीफ सीजन के फसल आने 31 अक्टूबर तक पूर्व बकाया बिलों की वसूली बंद की जाए. कृषि कनेक्शन काटने पर भी रोक लगाई जाए. जले हुए ट्रांसफार्मर को तुरंत बदला जाए. जले ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए लगाई गई बकाया जमा कराने की शर्त हटाई जाए.