कोटा. पॉक्सो न्यायालय क्रम संख्या 2 ने बहू की छोटी बहन से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 साल के कारावास की सजा (Accused sentenced to 20 years in jail for raping minor ) और 75 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. आरोपी करीब 1 साल से नाबालिग का देह शोषण कर रहा था. परेशान होकर उसने स्कूल टीचर को पूरी बात बताई थी. जिसके बाद इसे मामले का खुलासा हुआ था.
दुष्कर्मी नाबालिग की बहन का ससुर है. जो मुकदमा दर्ज होने के 1 साल पहले से छेड़छाड़ और दुष्कर्म कर रहा था. आरोपी एक धार्मिक स्थान पर कार्यरत था. मामले के अनुसार 20 जुलाई 2019 को कैथूनीपोल थाने में चाइल्डलाइन की टीम के साथ नाबालिग ने मुकदमा दर्ज करवाया था. विशिष्ट लोक अभियोजक विजय कछावाहा ने बताया कि नाबालिग की बहन की शादी 2018 में कोटा के कैथूनीपोल थाना इलाके के पाटनपोल में हुई. उसके पिता मजदूरी करते हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. ऐसे में नाबालिग को बड़ी बहन कोटा पढ़ाने के लिए लेकर आ गई.
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यहां पर उसके ससुर में नाबालिग के साथ करीब 1 साल तक दुष्कर्म किया. नाबालिग ने बड़ी बहन को यह बात बताई तो वह नाबालिग को अपने रूम में सुलाने लगी. उसके बाद 19 जुलाई 2019 को वह स्कूल से घर पहुंची. तब उसकी बहन वहां नहीं थी. बहन की सास बाथरूम में नहा रही थी. इसी दौरान बहन के ससुर ने फिर उसके साथ दुष्कर्म किया. हालांकि बाद में घर पर डर के कारण नाबालिग ने किसी को बात नहीं बताई. इसके बाद वह स्कूल में सहमी सी रहने लगी.
जिस पर स्कूल के टीचर ने उससे बातचीत की. नाबालिग ने टीचर को उसके साथ हो रहे पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. स्कूल टीचर ने 1098 कॉल सेंटर पर चाइल्ड लाइन को सूचना दी. जिसके बाद चाइल्डलाइन कोऑर्डिनेटर के जरिए नाबालिग को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया. उसके बाद ही कैथूनीपोल थाने में नाबालिग की तरफ से मुकदमा दर्ज करवाया गया. यह मुकदमा 20 जुलाई 2019 को दर्ज किया गया. इसमें नाबालिग के 161 के बयान पुलिस ने पहले ले लिए. उसके बाद न्यायालय में 164 के बयान और मेडिकल मुआयना भी करवाया. जिनमें नाबालिग के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई. इस पर पुलिस ने अनुसंधान कर आरोपी ससुर को गिरफ्तार कर लिया. मुकदमा दर्ज होने के महज 15 दिनों में ही चलान पॉक्सो न्यायालय क्रम संख्या दो में पेश कर दिया. जिस पर ट्रायल न्यायालय में चल रहा था. बुधवार को न्यायधीश धीरेंद्र सिंह राजावत ने आरोपी को इस मामले में दोषी मानते हुए 20 साल की कारावास की सजा सुनाई है. जिसमें अलग-अलग धाराओं में कुल 75 हजार का जुर्माना लगाया है.