कोटा. जिले में राजस्व अपील अधिकारी पद पर पदस्थापित रहे राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी पंकज कुमार ओझा एसीबी के निशाने पर आ गए हैं. वहीं एसीबी को हटाने उनके व नाम से रिश्वत मांगने के मामले में 2 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. साथ ही इस मामले में आरएएस अधिकारी पंकज कुमार ओझा को भी संदिग्ध मानते हुए जांच शुरू कर दी गई है. बता दें कि कोटा में रहते हुए पंकज कुमार ओझा राजस्व अपील अधिकारी और एडीएम सिटी हुए थे.
इस दौरान उन्होंने मुकदमों के निस्तारण को लेकर कई रिकॉर्ड बनाए थे. जिनमें से एक विश्व रिकॉर्ड भी शामिल है. मामले के अनुसार कोटा में वर्ष 2017 में राजस्व अपील अधिकारी रहे पंकज कुमार ओझा के पास एक अपील भूमि के विवाद की थी. जिसमें निचली कोर्ट से फैसले को लेकर अपील की गई थी. इसी मामले को लेकर परिवादी भरत कुमार कुशवाहा ने मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा को एक परिवाद दिया था.
जिसमें उसने बताया था कि विवाद का फैसला मेरे पक्ष में करवाने के एवज में योगेंद्र कुशवाहा और विष्णु अजमेरा ने 15 लाख रुपये की मांग की थी. जिसपर मुख्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुसार दोनों दलालों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. वहीं मामले में आरएएस अधिकारी पंकज कुमार ओझा की भूमिका को भी संदिग्ध मानते हुए उनके खिलाफ भी जांच शुरू की गई है. आरएएस अधिकारी का कोटा से स्थानांतरण हो गया है. जिसके बाद दो-तीन बदली भी हुई और वर्तमान में वे एपीआरटीई टोंक में प्रिंसिपल पद पर कार्यरत हैं.
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मामले में एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्र शिव कुमार का कहना है कि दोनों दलालों ने परिवादी भरत कुशवाहा से कहा था कि वह तत्कालीन आरएए पंकज कुमार ओझा के लिए राशि ले रहे हैं. इससे संबंधित रिकॉर्डिंग और दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए थे.
साथ ही इनका विश्लेषण एसीबी कोटा के निरीक्षक अजीत बागडोलिया ने किया था. साथ ही अंकित तथ्यों के आधार पर मामले को प्रमाणिक मानते हुए दोनों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कराने की अनुशंसा मुख्यालय को भेजी गई थी. जिसपर मुख्यालय ने प्रकरण को पंजीबद्ध कर लिया है. वहीं पंकज कुमार ओझा की भूमिका को भी संदिग्ध मानते हुए अनुसंधान करने के आदेश दिए गए हैं.