कोटा.पुलिस ने किसान का अपहरण कर 5 लाख रुपए की फिरौती मांगने के मामले में पति-पत्नी और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने अपने ही मालिक को फिरौती के लिए बंधक बना लिया था. मामले के अनुसार 9 नवंबर को चोमा बीबू निवासी चौथमल ने देवली मांझी थाने में अपने बेटे के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.
पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार दीनदयाल 9 नवंबर को दोपहर में करीब 12:00 बजे घर पर ही था, तभी उसके यहां खेत पर काम करने वाले झालावाड़ जिले के जावर थाने के चारखेड़ा गांव निवासी मांगीलाल भील उर्फ मंगू और उसकी पत्नी मंजू आए थे. जिन्हें खेत पर मजदूरी के लिए डेढ़ महीने पहले ही रखा था. दोनों ने अपने बेटे के करंट लगने की बात कही. साथ ही दोनों को देवली मांझी छोड़ने के लिए दीनदयाल से कहा. इस पर दीनदयाल बाइक पर बैठाकर दोनों को लेकर चला गया. शाम को करीब 5 बजे हमारे गांव में ही दूसरे व्यक्ति के यहां पर खेत पर मजदूरी करने वाले उधम सिंह के मोबाइल पर मंगू का फोन आया. जिसमें उसने दीनदयाल को बंधक बना लेने की बात कही. छोड़ने की एवज में 5 लाख रुपए की मांग की गई.
पुलिस टीम झालावाड़ जिले के जावर थाना इलाके के चारखेड़ा गांव गई. जहां पर मंगू और मंजू के घर से ही उन्होंने दीनदयाल को मुक्त करा लिया गया. दोनों के साथ ही एक अन्य व्यक्ति बोटमल भी शामिल था. जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
8 थानों की पुलिस को साथ लेकर दी दबिश
देवली मांझी थाना अधिकारी रामअवतार शर्मा का कहना है कि मंजू और मंगू दोनों ने ही दीनदयाल के परिवार को साधन संपन्न मानते हुए इस तरह की अपहरण की पूरी साजिश रची थी. साथ ही जब दीनदयाल इन्हें देवली माझी तक छोड़ने गया, उसके बाद में दोनों दंपत्ति ने देवली माझी में साधन नहीं मिलने का बहाना बनाया. इसके बाद दीनदयाल को बहला-फुसलाकर झालावाड़ ही ले गए, जहां पर गांव जाते ही बंधक बना लिया. उसकी बाइक को भी इन्होंने खुद के पास ही कब्जे में रख लिया. साथ ही लगातार उधम सिंह और दीनदयाल के पिता चौथमल के मोबाइल पर फोन करते रहे और पैसे की डिमांड करते रहे.
पुलिस का कहना है कि चारखेड़ा जो गांव है वहां पर अधिकांश भील परिवार ही रहते हैं. ऐसे में दबिश देना भी काफी कठिन था. वहां पर 8 थानों की पुलिस को साथ लेकर दबिश दी गई, जिसमें 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी शामिल थे.