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करौली : AIIMS में लैंगिक आरक्षण कानून को वापस लेने की मांग को लेकर युवाओं ने किया प्रदर्शन

करौली में बुधवार को ऑल इंडिया बेरोजगार मेल नर्स की ओर से एम्स में लैंगिक आरक्षण कानून को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

युवाओं ने किया प्रदर्शन,withdrawal of gender reservation law
लैंगिक आरक्षण कानून को वापस लेने की मांग
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Published : Dec 16, 2020, 7:03 PM IST

करौली. जिला कलेक्ट्रेट परिसर में बुधवार को ऑल इंडिया बेरोजगार मेल नर्स की ओर से एम्स में लैंगिक आरक्षण कानून (80-20) को वापस लेने की मांग को लेकर युवाओं ने प्रदर्शन किया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ऑल इंडिया बेरोजगार मेल नर्स के पदाधिकारियों ने बताया कि सभी बेरोजगार मेल नर्स एम्स की नर्सिंग भर्ती में चल रहे लैंगिक भेदभाव का विरोध करते हैं. युवाओं ने लाखों रुपए खर्च करके नर्सिंग की पढ़ाई की है. अब सरकार इस काले कानून की वजह से बेरोजगार मेल नर्स युवाओं को रोजगार के अवसरों से वंचित कर रही है.

यह भी पढ़े: RAS भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम होगा संशोधित, साक्षात्कार पर लगी रोक हटी

जो की युवाओं के साथ गलत हो है. इससे पहले भी बेरोजगार युवा इस मुद्दे को लेकर काफी बार सरकार को अवगत करा चुके हैं, लेकिन सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. बेरोजगार मेल नर्स युवाओं ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि सरकार और एम्स प्रशासन युवाओं के हित को ध्यान में रखते हुए भर्ती प्रक्रिया को पूरा कराएं. इसी के साथ नर्सिंग में संविदा आधारित भर्तियों को भी बंद किया जाए. साथ ही रोगियों की बेहतर देखभाल और स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए योग्यता का चयन किया जाए ना कि लिंग के आधार पर भर्ती की जाए. इस काले कानून को वापस लिया जाए.

करौली. जिला कलेक्ट्रेट परिसर में बुधवार को ऑल इंडिया बेरोजगार मेल नर्स की ओर से एम्स में लैंगिक आरक्षण कानून (80-20) को वापस लेने की मांग को लेकर युवाओं ने प्रदर्शन किया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ऑल इंडिया बेरोजगार मेल नर्स के पदाधिकारियों ने बताया कि सभी बेरोजगार मेल नर्स एम्स की नर्सिंग भर्ती में चल रहे लैंगिक भेदभाव का विरोध करते हैं. युवाओं ने लाखों रुपए खर्च करके नर्सिंग की पढ़ाई की है. अब सरकार इस काले कानून की वजह से बेरोजगार मेल नर्स युवाओं को रोजगार के अवसरों से वंचित कर रही है.

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जो की युवाओं के साथ गलत हो है. इससे पहले भी बेरोजगार युवा इस मुद्दे को लेकर काफी बार सरकार को अवगत करा चुके हैं, लेकिन सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. बेरोजगार मेल नर्स युवाओं ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि सरकार और एम्स प्रशासन युवाओं के हित को ध्यान में रखते हुए भर्ती प्रक्रिया को पूरा कराएं. इसी के साथ नर्सिंग में संविदा आधारित भर्तियों को भी बंद किया जाए. साथ ही रोगियों की बेहतर देखभाल और स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए योग्यता का चयन किया जाए ना कि लिंग के आधार पर भर्ती की जाए. इस काले कानून को वापस लिया जाए.

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