करौली. सोमवार को ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस वर्कर्स कमेटी की ओर से कृषि कानून का विरोध जताया गया. साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप किसान विरोधी काले कानून को वापस लेने की मांग की.
यूथ कांग्रेस वर्कर्स कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार द्वारा तीन कानून बनाए गए हैं. उनमें आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020, कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020, मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता और कृषि सेवा बिल 2020. इन कानून में आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी रोकने के लिए 1955 में जो कानून बनाया गया उस कानून में संशोधन कर पूंजीपतियों के हित में बनाया गया है.
किसान अपनी फसल को स्वतंत्र रूप से मंडी में बेचता था और उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाता था. लेकिन इस बिल में न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किया गया है. पदाधिकारियों ने कहा कि यह कानून निकट भविष्य में किसानों की बर्बादी के कारण बन सकते हैं और किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
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भाजपा सरकार कृषि प्रधान देश की नींव को कमजोर करना चाहती है. साथ ही केंद्र सरकार थोपे गए कानून से किसानों और मजदूरों से उनके खेत-खलियान और कृषि व्यवस्था को छीनकर चंद चुने हुए उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है. उनको गुलाम बनाने की साजिश कर रही है.