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करौली: कृषि कानूनों के विरोध में यूथ कांग्रेस कमेटी ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन - Memorandum submitted to karauli collector

करौली कलेक्ट्रेट में सोमवार को कृषि कानून के विरोध में ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस वर्कर्स कमेटी के कार्यक्रताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कानून को वापस लेने की मांग की.

Memorandum to the president,  Protest in Karauli Collectorate
कृषि कानून के विरोध में यूथ कांग्रेस वर्कर्स कमेटी का प्रदर्शन
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Published : Dec 7, 2020, 7:12 PM IST

करौली. सोमवार को ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस वर्कर्स कमेटी की ओर से कृषि कानून का विरोध जताया गया. साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप किसान विरोधी काले कानून को वापस लेने की मांग की.

कृषि कानून के विरोध में यूथ कांग्रेस वर्कर्स कमेटी का प्रदर्शन

यूथ कांग्रेस वर्कर्स कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार द्वारा तीन कानून बनाए गए हैं. उनमें आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020, कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020, मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता और कृषि सेवा बिल 2020. इन कानून में आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी रोकने के लिए 1955 में जो कानून बनाया गया उस कानून में संशोधन कर पूंजीपतियों के हित में बनाया गया है.

किसान अपनी फसल को स्वतंत्र रूप से मंडी में बेचता था और उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाता था. लेकिन इस बिल में न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किया गया है. पदाधिकारियों ने कहा कि यह कानून निकट भविष्य में किसानों की बर्बादी के कारण बन सकते हैं और किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

पढ़ें- भाजपा कार्यकर्ताओं में उठे बगावत के सुर, टिकट वितरण में लगाया धांधली का आरोप

भाजपा सरकार कृषि प्रधान देश की नींव को कमजोर करना चाहती है. साथ ही केंद्र सरकार थोपे गए कानून से किसानों और मजदूरों से उनके खेत-खलियान और कृषि व्यवस्था को छीनकर चंद चुने हुए उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है. उनको गुलाम बनाने की साजिश कर रही है.

करौली. सोमवार को ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस वर्कर्स कमेटी की ओर से कृषि कानून का विरोध जताया गया. साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप किसान विरोधी काले कानून को वापस लेने की मांग की.

कृषि कानून के विरोध में यूथ कांग्रेस वर्कर्स कमेटी का प्रदर्शन

यूथ कांग्रेस वर्कर्स कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार द्वारा तीन कानून बनाए गए हैं. उनमें आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020, कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020, मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता और कृषि सेवा बिल 2020. इन कानून में आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी रोकने के लिए 1955 में जो कानून बनाया गया उस कानून में संशोधन कर पूंजीपतियों के हित में बनाया गया है.

किसान अपनी फसल को स्वतंत्र रूप से मंडी में बेचता था और उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाता था. लेकिन इस बिल में न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किया गया है. पदाधिकारियों ने कहा कि यह कानून निकट भविष्य में किसानों की बर्बादी के कारण बन सकते हैं और किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

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भाजपा सरकार कृषि प्रधान देश की नींव को कमजोर करना चाहती है. साथ ही केंद्र सरकार थोपे गए कानून से किसानों और मजदूरों से उनके खेत-खलियान और कृषि व्यवस्था को छीनकर चंद चुने हुए उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है. उनको गुलाम बनाने की साजिश कर रही है.

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