करौली. कहते हैं कि जान बचाने वाले का दर्जा खुदा से कम नहीं होता. जिले में रविवार को एक प्रसूता के लिए एंबुलेंस पैरामेडिकल स्टाफ भगवान से कम साबित नहीं हुए. गर्भवती को अस्पताल ले जाते समय प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. ऐसे में मेडिकल स्टाफ ने कम संसाधन में चलती एंबुलेंस में ही प्रसव कराया. एंबुलेंस में बच्चे का जन्म क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है.
सपोटरा की ग्राम पंचायत खेड़ला की एक प्रसूता को प्रसव पीड़ा होने के चलते 108 एंबुलेंस पैरामेडिकल स्टाफ ने सामान्य प्रसव करवाया. जबकि सुरजोबाई नाम की इस प्रसूता का पहला प्रसव था, जो केस बहुत ही क्रिटिकल था. 108 एंबुलेंस के पायलट सीताराम गौतम और पैरामेडिकल स्टाफ महावीर प्रसाद वर्मा ने बताया कि रविवार को सुबह खेड़ला गांव में रहने वाले राजेंद्र बैरवा ने फोन आया. जिसमें उन्होंने बताया कि उसकी पत्नी सुरजोबाई को प्रसव पीड़ा हो रही है.
मौके पर पहुंचकर सुरजोबाई को 108 एंबुलेंस से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नारौली डांग के लिए लाया जा रहा था लेकिन प्रसूता को बीच रास्ते में असहनीय प्रसव पीड़ा होने लगी. इसलिए मजबूरन प्रसूता के साथ आई महिला और एंबुलेंस पायलट सीताराम गौतम के सहयोग से ईएमटी महावीर प्रसाद वर्मा को एंबुलेंस में ही डिलीवरी करवाई.
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वहीं प्रसव होने पर ईएमटी महावीर प्रसाद वर्मा ने मां-बेटे को जरूरी उपचार दिया. जिसके बाद में सुरक्षित तरीके से जच्चा-बच्चा को नारौली डांग पीएचसी में भर्ती कराया. फिलहाल, प्रसूता और उसका नवजात बेटा दोनों स्वस्थ है. इस दौरान परिजनों ने एंबुलेंस कर्मियों को आभार जताया है.