करौली. जिला मुख्यालय पर करीब 1 साल बाद पंचायत समिति सभागार में बुधवार को नगर परिषद की साधारण सभा का आयोजन हुआ. बैठक शुरुआत से ही हंगामेदार (Uproar in city council meeting) रही जो खत्म होने तक हाथापाई तक पहुंची गई. हालांकि बैठक में मौजूद पार्षदों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत करवाया. बैठक में नगर परिषद आयुक्त और दो कर्मचारियों को कार्य मुक्त करने की मांग के साथ ही बिजली-पानी और शहर की सफाई व्यवस्था का मुद्दा छाया रहा. बैठक शुरू होने से पहले ही नाराज पार्षदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. इसके बाद समझाइश कर बैठक को शुरू किया जा सका.
इसके बाद नाराज पार्षदों ने लगातार आयुक्त पर आरोप लगाते हुए शहर में हो रही बदहाल सफाई व्यवस्था, आवारा गोवंश और सड़कों की मरम्मत कराने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आयुक्त का घेराव किया. इस दौरान पक्ष और विपक्ष के दोनों पार्षद एकमत हो गए और साधारण सभा की बैठक में लगातार आयुक्त के ऊपर सवाल उठाते नजर आए. करौली के वार्ड नंबर 54 के पार्षद ने नगर परिषद कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि कागजों में 850 लाइट लगाने का हवाला दे रखा है, लेकिन करौली शहर में रोशनी देखने को नहीं मिलती है. सभी पार्षदों को 55 लाइट देकर छला गया है. जबकि कागजों में शहर में पर्याप्त मात्रा में लाइट होना दिखा रखा है.
इसी के साथ पार्षदों ने आरोप लगाते हुए बताया कि करौली शहर की जनसंख्या से ज्यादा शहर में आवारा गोवंश और मवेशी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन नगर परिषद इसपर नियंत्रण करने में विफल है. हंगामे के बीच नगर परिषद की बैठक में पार्षदों ने सभापति रशीदा खातून से आयुक्त नरसी लाल मीणा को बर्खास्त करने की मांग प्रमुखता से उठाई. इसी के साथ नगर परिषद के कर्मचारियों पर भी सवालिया निशान उठाए. सभापति रशीदा खातून ने पार्षदों को आश्वस्त करते हुए कहा कि आपके वार्डों में हो रही विभिन्न समस्याओं को जल्द दूर किया जाएगा. ऐसा में आपको विश्वास दिलाती हूं.
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नेता प्रतिपक्ष कुलदीप सिंह धाबाई ने नगर परिषद की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठाते हुए नगर परिषद आयुक्त का घेराव किया और अखबारों की प्रतिलिपि दिखा कर नगर परिषद के कार्यों को दिखाया. करीब 2 से 3 घंटे तक चली साधारण सभा की बैठक में पार्षद असंतुष्ट नजर आए और नाराज पार्षदों ने नगर परिषद आयुक्त के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान नाराज पार्षद अपनी कुर्सियों को छोड़कर सभापति के सामने धरना देकर बैठ गए और नगर परिषद आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग करने लगे.
इसके बाद नगर परिषद आयुक्त की ओर से वार्षिक बजट प्रतिवेदन प्रस्तुत करने और बैठक समाप्ति की घोषणा करने से नाराज एक पार्षद और आयुक्त में हाथापाई तक होने तक की नौबत आ गई लेकिन अन्य पार्षदों ने मामला शांत कराया. पार्षद दशरथ गुर्जर और कुलदीप सिंह धाबाई ने बताया कि आयुक्त की ओर से पेश किया गया वार्षिक बजट प्रतिवेदन को हम नकारते हैं.