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करौलीः बेमौसम बरसात से बढ़ी किसानों की परेशानी, मौसमी बीमारियां फैलने का भी डर

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Published : Mar 27, 2020, 5:07 PM IST

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच जिले के कई इलाकों में अलसुबह से रुक-रुक कर हुई बारिश किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गई है. बेमौसम हुई बारिश से खेतों में खड़ी फसल खराबे का डर है. वहीं बेमौसम बारिश होने से मौसमी बीमारियों के फैलने की भी संभावना बन गई है.

करौली न्यूज, karauli news
किसानों के लिए बारिश बनी बैरन

करौली. जिले के कई इलाकों में शुक्रवार को अल सुबह से रुक-रुक कर बारिश हुई. बारिश होने से किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई. खेतों में खड़ी फसल को लेकर किसान चिंतित नजर आए. बेमौसम बारिश होने से मौसमी बीमारियों के फैलने की भी संभावना बन गई है.

किसानों के लिए बारिश बनी बैरन
किसानों का कहना है कि अलसुबह से दोपहर तक रुक- रुक कर हुई बारिश से फसल पूरी तरह से चौपट होने के कगार पर आ रही है. गत दिनों क्षेत्र में ओले गिरने से खड़ी हुई फसल गिर गई थी. लेकिन, जैसे-तैसे फसल पक कर तैयार हुई.

पढ़ें: जालोर जिले के प्रवासियों को लाने का इंतजाम करे सरकार: विधायक

अब फसल पकने पर है और फसल की कटाई की जा रही है, ऐसे में बरसात होने के कारण 60 फीसदी फसल खराब होने का अंदेशा है. वहीं कटी हुई फसल खेतों में भीग जाने के कारण काली पड़ने की संभावना है और चारा भी खराब होने का खतरा बढ़ गया है.

बता दें कि करौली शहर सहित जिले ग्रामीण इलाकों में अलसुबह से ही बारिश होने के कारण किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई है. जहां देश में कोरोना वायरस की महामारी से पूरा देश संकट में है. दूसरी ओर प्रकृति के रोद्र रूप के कारण बारिश किसानों के लिए बैरन बन गई.

करौली. जिले के कई इलाकों में शुक्रवार को अल सुबह से रुक-रुक कर बारिश हुई. बारिश होने से किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई. खेतों में खड़ी फसल को लेकर किसान चिंतित नजर आए. बेमौसम बारिश होने से मौसमी बीमारियों के फैलने की भी संभावना बन गई है.

किसानों के लिए बारिश बनी बैरन
किसानों का कहना है कि अलसुबह से दोपहर तक रुक- रुक कर हुई बारिश से फसल पूरी तरह से चौपट होने के कगार पर आ रही है. गत दिनों क्षेत्र में ओले गिरने से खड़ी हुई फसल गिर गई थी. लेकिन, जैसे-तैसे फसल पक कर तैयार हुई.

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अब फसल पकने पर है और फसल की कटाई की जा रही है, ऐसे में बरसात होने के कारण 60 फीसदी फसल खराब होने का अंदेशा है. वहीं कटी हुई फसल खेतों में भीग जाने के कारण काली पड़ने की संभावना है और चारा भी खराब होने का खतरा बढ़ गया है.

बता दें कि करौली शहर सहित जिले ग्रामीण इलाकों में अलसुबह से ही बारिश होने के कारण किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई है. जहां देश में कोरोना वायरस की महामारी से पूरा देश संकट में है. दूसरी ओर प्रकृति के रोद्र रूप के कारण बारिश किसानों के लिए बैरन बन गई.

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