करौली. टोल मुक्त वाहनों की सूची में शामिल होने के बावजूद राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकारों से टोल राशि की अवैध वसूली करने के मामले में राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम के निदेशक ने टोल संचालन कर रही कंपनी पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. निदेशक ने भविष्य में टोल कार्मिकों को पथ पर वसूली के दौरान पत्रकारों के साथ अच्छे से व्यवहार करने को पाबंद करने के लिए कंपनी को कड़े निर्देश दिए हैं.
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वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकेतु बेनीवाल ने बताया कि करौली के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग को भेजी शिकायत में लिखा था कि 21 अक्टूबर को भरतपुर जाते वक्त धंधावली स्थित टोल बूथ के कार्मिकों ने उनसे अधिस्वीकृत पत्रकार की आईडी दिखाने के बावजूद 65 रुपये की टोल राशि अवैध रूप से वसूल कर ली. इस दौरान पत्रकार बेनीवाल द्वारा टोल मुक्त वाहनों की सूची का बोर्ड नहीं लगाने के बारे में जब कार्मिकों से सवाल पूछा गया तो उन्होंने अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करते हुए उनके साथ अभद्रता की. इसके बाद बेनीवाल की शिकायत पर जिला कलेक्टर ने राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम के भरतपुर स्थित परियोजना निदेशक को पत्र लिखकर उक्त मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
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आरएसआरडीसी के परियोजना निदेशक शिवस्वरूप मीणा ने गुरुवार को भरतपुर-बयाना-गंगापुर-भाड़ौती हाईवे पर सूरौठ टोल बूथ की संचालक फर्म मैसर्स गणेशगड़िया कंस्ट्रक्शन कंपनी के कार्मिकों की कारगुजारी को अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन मानते हुए कंपनी पर 25 हजार रुपये की शास्ती आरोपित की है. निगम के परियोजना निदेशक ने इस जुर्माना राशि को सात दिन के भीतर कार्यालय में जमा नहीं कराने की स्थिति में कम्पनी की जमा प्रतिभूति राशि में से काटने की चेतावनी देते हुए भविष्य में टोल कार्मिकों को पथकर वसूली के दौरान सद्व्यवहार के लिए भी पाबंद करने के लिए कम्पनी को कड़े निर्देश दिए हैं.