ETV Bharat / state

करौली के डांग क्षेत्र में गूंज रही बाघों की दहाड़, ग्रामीणों में दहशत - Karauli News

जिले के डांग क्षेत्र मंडरायल इलाके के गांवों में इन दिनों दो बाघों की आवाजाही होने से ग्रामीणों में दहशत है. वन विभाग के कार्मिकों के अनुसार इलाके में T-80 तूफान और T-72 सुल्तान का मूवमेंट बना हुआ है. जिनकी निगरानी विभाग की टीम लगातार कर रही है. वहीं इस सूचना के बाद से ही ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

करौली में बाघों की मूवमेंट, tigers movement in karauli
करौली में बाघों की मूवमेंट
author img

By

Published : Feb 14, 2020, 10:41 AM IST

करौली. जिले के डांग क्षेत्र मंडरायल इलाके के गांवों में इन दिनों दो बाघों की आवाजाही होने से ग्रामीणों में दहशत है, तो पशु प्रेमियों में खुशी का माहौल है. रात को अक्सर बाघों की दहाड़ भी सुनाई देती है. ग्रामीणों को बार-बार बाघ के पगमार्क भी मिल रहे हैं. जिससे वो खौफ के साए में जीने को मजबूर है.

बाघों की मूवमेंट पर वन विभाग की टीम कर रही निगरानी

वन विभाग के कार्मिकों के अनुसार इलाके में T-80 तूफान और T-72 सुल्तान का मूवमेंट बना हुआ है. इन दोनों बाघों की निगरानी विभाग की टीम लगातार कर रही है. विभाग की ओर से लगाए गए कैमरों की फोटो में नजर आने से इन टाइगर्स की पुष्टि होती है. बीते दिनों डांग क्षेत्र के सामरदह, पाटेपुरा में लगे कैमरे में सुल्तान T-72 की फोटो कैद हुई थी.

पढ़ें- वैलेंटाइन स्पेशल: लैला-मजनू की मजार...जहां प्यार की मन्नत मांगने आते हैं लोग

वहीं ग्रामीणों की मानें तो T-116 टाइगर ने भी डांग क्षेत्र में अपनी आवाजाही बना रखी है. T-116 टाइगर ने रणथम्भौर अभ्यारण से कैलादेवी अभ्यारण में कुछ दिन पहले ही दस्तक दी थी. जिले का डांग इलाका डकैत और जंगली जानवरों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है. इलाके में टाइगर के अलावा रीछ बघेरा, पैंथर, जरख, साभंर, चीतल, बारह सिंगा, सियार सहित अन्य जानवरों को भी देखा जा सकता है.

क्षेत्रीय वन अधिकारी वन जीव कार्यालय मंडरायल के रेंजर प्रदीप शर्मा ने बताया की वन विभाग की ओर से डांग क्षेत्र मे 23 पॉइंट चिन्हित किए है. जिनमें 46 कैमरे लगाये गए हैं. सामरदह, पाटेपुरा, सोनपुरा, गोलारख सहित अन्य स्थानों पर टैप कैमरे लगा रखे है. जिनसे टाइगर्स के विचरण की मॉनिटरिंग की जा रही है. रेंजर ने बताया की T-72, T-92, T-80, T-116 टाइगर हैं, जिनमें से T-92 के दो शावक भी है, जो क्षेत्र में ही विचरण कर रहे हैं.

पढ़ें- कैंसर से जंग जीतकर मौत के मुंह से वापस आए, अब जी रहे स्वस्थ जीवन

T-116 रणथम्भौर अभ्यारण्य में से विचरण करता हुआ धौलपुर जिले में चला गया है. जिसकी इस समय लोकेशन भमपुरा के पास है. वहीं T- 92 का एक शावक भी वही पर है. जिसकी निगरानी करौली और सरमथुरा वन रेंज की ओर से की जा रही है. वालंटियर भी लगा रखे है. ग्रामीणों को भी सचेत किया जा रहा है कि रात के समय जंगल की तरफ नहीं जाए. रेंजर ने बताया कि बिजली विभाग को भी पत्र लिखकर कहा गया है की जिन इलाकों मे टाइगर का मूवमेंट है, वहां पर रात की जगह दिन में बिजली दी जाए जिससे किसान रात के समय खेतों में काम ना करें.

करौली. जिले के डांग क्षेत्र मंडरायल इलाके के गांवों में इन दिनों दो बाघों की आवाजाही होने से ग्रामीणों में दहशत है, तो पशु प्रेमियों में खुशी का माहौल है. रात को अक्सर बाघों की दहाड़ भी सुनाई देती है. ग्रामीणों को बार-बार बाघ के पगमार्क भी मिल रहे हैं. जिससे वो खौफ के साए में जीने को मजबूर है.

बाघों की मूवमेंट पर वन विभाग की टीम कर रही निगरानी

वन विभाग के कार्मिकों के अनुसार इलाके में T-80 तूफान और T-72 सुल्तान का मूवमेंट बना हुआ है. इन दोनों बाघों की निगरानी विभाग की टीम लगातार कर रही है. विभाग की ओर से लगाए गए कैमरों की फोटो में नजर आने से इन टाइगर्स की पुष्टि होती है. बीते दिनों डांग क्षेत्र के सामरदह, पाटेपुरा में लगे कैमरे में सुल्तान T-72 की फोटो कैद हुई थी.

पढ़ें- वैलेंटाइन स्पेशल: लैला-मजनू की मजार...जहां प्यार की मन्नत मांगने आते हैं लोग

वहीं ग्रामीणों की मानें तो T-116 टाइगर ने भी डांग क्षेत्र में अपनी आवाजाही बना रखी है. T-116 टाइगर ने रणथम्भौर अभ्यारण से कैलादेवी अभ्यारण में कुछ दिन पहले ही दस्तक दी थी. जिले का डांग इलाका डकैत और जंगली जानवरों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है. इलाके में टाइगर के अलावा रीछ बघेरा, पैंथर, जरख, साभंर, चीतल, बारह सिंगा, सियार सहित अन्य जानवरों को भी देखा जा सकता है.

क्षेत्रीय वन अधिकारी वन जीव कार्यालय मंडरायल के रेंजर प्रदीप शर्मा ने बताया की वन विभाग की ओर से डांग क्षेत्र मे 23 पॉइंट चिन्हित किए है. जिनमें 46 कैमरे लगाये गए हैं. सामरदह, पाटेपुरा, सोनपुरा, गोलारख सहित अन्य स्थानों पर टैप कैमरे लगा रखे है. जिनसे टाइगर्स के विचरण की मॉनिटरिंग की जा रही है. रेंजर ने बताया की T-72, T-92, T-80, T-116 टाइगर हैं, जिनमें से T-92 के दो शावक भी है, जो क्षेत्र में ही विचरण कर रहे हैं.

पढ़ें- कैंसर से जंग जीतकर मौत के मुंह से वापस आए, अब जी रहे स्वस्थ जीवन

T-116 रणथम्भौर अभ्यारण्य में से विचरण करता हुआ धौलपुर जिले में चला गया है. जिसकी इस समय लोकेशन भमपुरा के पास है. वहीं T- 92 का एक शावक भी वही पर है. जिसकी निगरानी करौली और सरमथुरा वन रेंज की ओर से की जा रही है. वालंटियर भी लगा रखे है. ग्रामीणों को भी सचेत किया जा रहा है कि रात के समय जंगल की तरफ नहीं जाए. रेंजर ने बताया कि बिजली विभाग को भी पत्र लिखकर कहा गया है की जिन इलाकों मे टाइगर का मूवमेंट है, वहां पर रात की जगह दिन में बिजली दी जाए जिससे किसान रात के समय खेतों में काम ना करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.