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करौली: कृष्ण जन्माष्टमी पर दिनभर रहा पंतगबाजी का माहौल, वो काटा-वो मारा का मचा शोर - karauli news

जिले मे प्राचीन काल से चली आ रही परपरां के तहत पंतगबाजी शनिवार को अपने परवान पर चढी. सुबह से ही युवा, बच्चें, नौजवानों की टोलीया पतंग, मांझे, डोर लेकर घरों की छतों पर चढ़ गए. सभी लोग पंतग बाजी का लुफ्त उठाते हुए नजर आये.

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Published : Aug 24, 2019, 8:20 PM IST

करौली. जिले मे प्राचीन काल से चली आ रही परपरां के तहत पंतगबाजी शनिवार को अपने परवान पर चढी. सुबह से ही युवा, बच्चे, नौजवानों की टोलीया पतंग, मांझे, डोर लेकर घरों की छतों पर चढ़ गए. वही सभी लोग पंतग बाजी का लुफ्त उठाते हुए नजर आये.

कृष्ण जन्माष्टमी पर दिनभर रहा पंतगबाजी का माहौल

पढ़ें- खुशखबरीः गहलोत सरकार ने कर्जमाफी के लिए सहकारिता विभाग को जारी किए 1150 करोड़ रुपए

सुबह से शुरु हुआ पंतगबाजी का दौर जो देर शाम तक जारी रहा. चारो तरफ सिर्फ वो काटा-वो मारा का शोर सुनने का मिला. पंतगबाजो ने पंतग उडाने के लिए एक दिन पहले खरीददारी शुरू कर दी थी. पंतगबाजी के शौकीन लोगों ने छतों पर डी.जे. और डेग मशीन तक की व्यवस्था की थी.

गौरतलब है की करौली शहर मे जन्माष्टमी और रक्षाबंधन के मौके पर पतंगबाज़ी करना बहुत पुराना इतिहास रहा है. यहां के लोगो की पतंगबाज़ी में इस कदर रूचि है की लोग जन्माष्टमी के दिन सुबह 5 बजे ही घर की छतों पर चढ डीजे लगा पतंग उडाना शुरू कर देते है.

पढ़ें- जन्माष्टमी विशेष: राजस्थान के इस मंदिर में रात नहीं दोपहर 12 बजे होता है कृष्ण जन्म

यहां के लोगों पर जन्माष्टमी के दिन पतंग उडाने का भूत इस कदर सवार है की चाहे वह बच्चा हो या बडा सब घर की छतों पर चढ पतंग उडाने लग जाते हैं.

करौली. जिले मे प्राचीन काल से चली आ रही परपरां के तहत पंतगबाजी शनिवार को अपने परवान पर चढी. सुबह से ही युवा, बच्चे, नौजवानों की टोलीया पतंग, मांझे, डोर लेकर घरों की छतों पर चढ़ गए. वही सभी लोग पंतग बाजी का लुफ्त उठाते हुए नजर आये.

कृष्ण जन्माष्टमी पर दिनभर रहा पंतगबाजी का माहौल

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सुबह से शुरु हुआ पंतगबाजी का दौर जो देर शाम तक जारी रहा. चारो तरफ सिर्फ वो काटा-वो मारा का शोर सुनने का मिला. पंतगबाजो ने पंतग उडाने के लिए एक दिन पहले खरीददारी शुरू कर दी थी. पंतगबाजी के शौकीन लोगों ने छतों पर डी.जे. और डेग मशीन तक की व्यवस्था की थी.

गौरतलब है की करौली शहर मे जन्माष्टमी और रक्षाबंधन के मौके पर पतंगबाज़ी करना बहुत पुराना इतिहास रहा है. यहां के लोगो की पतंगबाज़ी में इस कदर रूचि है की लोग जन्माष्टमी के दिन सुबह 5 बजे ही घर की छतों पर चढ डीजे लगा पतंग उडाना शुरू कर देते है.

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यहां के लोगों पर जन्माष्टमी के दिन पतंग उडाने का भूत इस कदर सवार है की चाहे वह बच्चा हो या बडा सब घर की छतों पर चढ पतंग उडाने लग जाते हैं.

Intro:करौली जिले मे प्राचीन काल से चली आ रही परपरां के तहत पंतगबाजी शनिवार को अपने परवान पर चढी.. अलसुबह से ही युवा, बच्चे, नौजवानो की टोलीया मकानो की छत्तो पर पतंग, मांझे,डोर लेकर घरों की छतों पर चढ़ गए..पंतग बाजी का लुफ्त उठाते नजर आये


Body:कृष्ण जन्माष्टमी पर दिनभर रहा पंतगबाजी का माहौल,वो काटा - वो मारा का मचा शौर,

करौली

करौली जिले मे प्राचीन काल से चली आ रही परपरां के तहत पंतगबाजी शनिवार को अपने परवान पर चढी.. अलसुबह से ही युवा, बच्चे, नौजवानो की टोलीया मकानो की छत्तो पर पतंग, मांझे,डोर लेकर घरों की छतों पर चढ़ गए..पंतग बाजी का लुफ्त उठाते नजर आये..अलसुबह से शुरु हुआ पंतगबाजी का दोर जो देर शाम तक जारी रहा..सिर्फ चारो तरफ वो काटा-वो मारा का शोर सुनने का मिला.. पंतगबाजो ने पंतग उडाने के लिए एक दिन पहले खरीददारी शुरू कर दी.. पंतगबाजी के शोकीन लोगो ने छत्तो पर डी.जे. और डेक मशीन तक की व्यवस्था की..

गौरतलब है की करौली शहर मे जन्माष्टमी और रक्षाबंधन के मौके पर पतंगबाज़ी करना बहुत पुराना इतिहास रहा है... यहां के लोगो की पतंगबाज़ी मे इस कदर रूचि है की लोग जन्माष्टमी के दिन सुबह 5 बजे ही घर की छतो पर चढ डीजे लगा पतंग उडाना शुरू कर देते है.. यहां के लोगो पर जन्माष्टमी पर पतंग उडाने का भूत इस कदर सवार है की चाहे वह बच्चा हो या बडा सब घर की छतो पर चढ पतंग उडाने लग जाते हैं..


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