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करौली : सर्दी के रंग दिखाते ही किसानों के लिए कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी, फसल को पाले से बचाने के बताए उपाय - पाले से फसल खराब

करौली में सर्दी के जोर दिखाते ही कृषि विभाग ने फसलों के रखरखाव और पाले से बचाने के लिए किसानों को एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में विभाग की ओर से शीत लहर और पाले से सर्दी के मौसम से फसलों को होने वाले नुकसान के बारे में भी विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवायी गई है.

फसल को पाले से बचाने के बताए उपाय,winters in karauli
कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी
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Published : Dec 29, 2020, 4:01 PM IST

करौली. सर्दी के रंग दिखाते ही कृषि विभाग ने किसानों के लिए फसलों के रखरखाव के लिए एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में विभाग की ओर से शीत लहर और पाले से सर्दी के मौसम से फसलों को होने वाले नुकसान के बारे में अवगत कराते हुए बचाव के उपाय बताए गए हैं. कृषि विभाग के उपनिदेशक आरएल जाट ने बताया कि शीतलहर और पाले से सर्दी के मौसम से सभी फसलों को कम और ज्यादा नुकसान होता है. सरसो, चना और जीरा आदि फसलों में सबसे ज्यादा 80 से 90 प्रतिशत नुकसान होता है, जबकि गेहूं और जौ में 10 से 20 प्रतिशत नुकसान होता है.

यह भी पढ़े: दुष्कर्म से गर्भवती हुई नाबालिग ने अबॉर्शन की मांगी अनुमति, HC ने दो दिन में मेडिकल बोर्ड से मांगी रिपोर्ट

उन्होने बताया है कि किसानों को पाले के प्रभाव से पौधे की पत्तियां और फूल झुलसे दिखाई देते है जो की झड़ जाते है. यहा तक कि आधे पके फल सिकुड़ जाते है. उनमे झुर्रिया पड़ जाती है फल गिर जाते है. फलियो और बालियों में दाने नहीं बनते और अगर बन रहे है तो दाने सिकुड़ जाते है. जिससे उपज में भारी कमी होती है. यह पाले के प्रभाव के लक्षण है. उन्होंने बताया कि पाले बढ़ने की संभावना का पूर्वानुमान सर्दी के दिनों में जिस दिन दोपहर से पहले ठंडी हवा चलती रहे और हवा का तापमान जमाव बिन्दु से नीचे गिर जाये.

यह भी पढ़े: 1 जनवरी से नेशनल हाईवे पर निकलें तो कर लें ये जरूरी काम, नहीं तो भरना होगा दोगुना टोल

दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाये या आसमान साफ रहे या उस दिन आधी रात के बाद से हवा रूक जावें तो पाला पड़ने की संभावना अधिक रहती है. यह है शीतलहर एवं पाले से सुरक्षा के उपाय, उपनिदेशक रामलाल जाट ने बताया कि जिस रात पाला पड़ने की संभावना हो उस रात 12 बजे से 2 बजे के आस पास खेत की उत्तरी पश्चिम दिशा में खेत के मेड पर कूड़ा या व्यर्थ घास फूस जलाकर धुआं करना चाहिये. जिससे वातावरण में गर्मी आये. पाला पड़ने की संभावना हो तब खेत में सिचांई करने से फसलों की सुरक्षा की जा सकती है.

करौली. सर्दी के रंग दिखाते ही कृषि विभाग ने किसानों के लिए फसलों के रखरखाव के लिए एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में विभाग की ओर से शीत लहर और पाले से सर्दी के मौसम से फसलों को होने वाले नुकसान के बारे में अवगत कराते हुए बचाव के उपाय बताए गए हैं. कृषि विभाग के उपनिदेशक आरएल जाट ने बताया कि शीतलहर और पाले से सर्दी के मौसम से सभी फसलों को कम और ज्यादा नुकसान होता है. सरसो, चना और जीरा आदि फसलों में सबसे ज्यादा 80 से 90 प्रतिशत नुकसान होता है, जबकि गेहूं और जौ में 10 से 20 प्रतिशत नुकसान होता है.

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उन्होने बताया है कि किसानों को पाले के प्रभाव से पौधे की पत्तियां और फूल झुलसे दिखाई देते है जो की झड़ जाते है. यहा तक कि आधे पके फल सिकुड़ जाते है. उनमे झुर्रिया पड़ जाती है फल गिर जाते है. फलियो और बालियों में दाने नहीं बनते और अगर बन रहे है तो दाने सिकुड़ जाते है. जिससे उपज में भारी कमी होती है. यह पाले के प्रभाव के लक्षण है. उन्होंने बताया कि पाले बढ़ने की संभावना का पूर्वानुमान सर्दी के दिनों में जिस दिन दोपहर से पहले ठंडी हवा चलती रहे और हवा का तापमान जमाव बिन्दु से नीचे गिर जाये.

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