करौली. जिले में 10 महीने से अधिक समय के बाद सोमवार को स्कूलों में रौनक लौट आई है. कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार विद्यार्थियों को स्कूल में प्रवेश दिया गया. इधर स्कूल खुलने से स्कूल संचालकों सहित विद्यार्थियों के चेहरे पर खुशी की लहर नजर आई.
दरअसल कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते मार्च माह में स्कूल और कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया था. इसके बाद से ही जिले के कोचिंग संस्थान और स्कूल बंद थे. कोचिंग संस्थान और स्कूल बंद होने की वजह से जहां एक ओर विद्यार्थियों को पढ़ाई करने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. वहीं दूसरी ओर संचालकों और अध्यापकों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा था.
स्कूल संचालकों ने धरना प्रदर्शन के माध्यम से भी सरकार से स्कूलों को खोलने की मांग की थी. जिसके बाद सरकार की ओर से जारी की गई कोरोना की गाइडलाइन के तहत सोमवार से स्कूलों को खोला गया है.
विद्यार्थियों को स्कूलों में प्रवेश करने से पहले उनके हाथों को सैनिटाइजर कराया गया. साथ ही मास्क नहीं होने पर विद्यालय प्रबंधन की ओर से उनको मास्क उपलब्ध करवाया गया. गाइडलाइन के तहत 50% बच्चों को ही स्कूल में प्रवेश किया गया. वहीं कक्षाओं के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया. इस दौरान बच्चों और अध्यापकों के चेहरे पर खुशी की लहर भी नजर आई. इधर जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग के निर्देश पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने स्कूलों में जाकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और स्कूल संचालकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए.
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विभिन्न विद्यालयों के संचालक और प्रधानाध्यापकों ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन के तहत ही बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश दिया गया है. सामाजिक दूरी का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है. साथ ही कक्षाओं को सैनिटाइज कराकर और अभिभावकों के द्वारा सहमति देने के बाद ही विद्यार्थियों को अंदर प्रवेश दिया गया है.