करौली. करौली जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने शुक्रवार को जिला कारागृह का साप्ताहिक औचक निरीक्षण किया. उन्होंने बंदियों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान जेल परिसर में पानी की समस्या मिली. सचिव ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर जेल परिसर में पानी की समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया है. इस दौरान कारागृह में 112 बंदी निरूद्ध मिले.
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जेल में पानी की समस्या
सचिव ने निरीक्षण के दौरान जेल में साफ-सफाई, भोजन, चिकित्सा की व्यवस्थाओं की जांच कर राज्य सरकार द्वारा जारी नियमों का कठोरता से पालना करने, बंदियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश दिए गए. कार्यवाहक जेलर ने बताया कि जेल में पानी की सप्लाई 2-3 दिन में होती है. नियमित पानी का टैंकर भी नहीं आता है. सचिव ने इस समस्या को गम्भीरता से लेते हुए जिला कलक्टर करौली को पत्र जारी कर जेल में पानी की पर्याप्त व्यवस्था कराने के निर्देश दिए.
बंदियों को नहीं लगी वैक्सीन
स्टाफ को वैक्सीन लग चुकी है लेकिन बंदियों को अभी वैक्सीन नहीं लगी है. सचिव ने जेलर को निर्देश दिये कि चिकित्सा विभाग से समन्वय स्थापित कर बंदियों को जल्द वैक्सीन लगवाई जाए. सचिव ने जिला कारागृह में जेलर द्वारा मंगवाई गई होम्योपैथिक कोरोना टेबलेट को सचिव भी बंदियों को बांटी. सचिव ने कारागृह में स्थित चिकित्सालय में उपलब्ध सुविधाओं और दवाईयों की जांच की. कोई भी अवधिपार दवाई नहीं मिली.
संस्था ने बढ़ाए मदद के हाथ
करौली में शुक्रवार को इंडियन सोसायटी ऑफ एग्रीबिजनेस प्रोफेशनल संस्था ने जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग को एक इक्को एंबुलेंस और ऑक्सीजन सिलेन्डर सप्लाई करने के लिए एक गाड़ी सौंपी. इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश चंद मीना एवं ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी भी उपस्थित रहें.
लोगों को कर रहे जागरूक
जिला कलेक्टर ने कहा कि इस कोरोना महामारी में संस्था अच्छा काम कर रही है. परियोजना प्रबंधक एलएस गुर्जर ने बताया कि आईसेफ संस्था 2 महीने से करौली ब्लॉक में कोविड वैक्सीन लगाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक कर वैक्सीन लगवा रही है. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए कार्यालय कर्मियों द्वारा अंतिम छोर के व्यक्तियों तक पहुंचकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. कोविड किट, मास्क, सैनेटाइजर, ग्लब्ज और जरूरी दवाईयां किसानों को निशुल्क वितरण किया जा रहा है. ब्लॉक में हाईपोक्लोराइट का छिड़काव किया जा रहा है. 18 से 44 वर्ष की उम्र के युवाओं को वैक्सीन लगाने के लिए केन्द्र बनाकर पंजीयन कराने का काम किया जा रहा है.