ETV Bharat / state

करौली: खादी फेस्टिवल का आयोजन...युवाओं में दिखा खादी पहनने का क्रेज - Karauli news

करौली में इस बार महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर खादी भण्डार में खादी फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. इस फेस्टिवल में खादी के उपभोक्ताओं भीड़ उमड़ रही है और इस बार युवाओं में भी खादी पहनने का क्रेज देखा जा रहा है.

खादी फेस्टिवल, Khadi Festival
author img

By

Published : Oct 4, 2019, 10:22 PM IST

करौली. शहर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर खादी भण्डार में खादी फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे में इस फेस्टिवल में चरखा कताई-बुनाई का लाइव डेमो सहित खादी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है. वहीं इस बार खादी प्रदर्शनी में विशेषतौर खादी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी.

खादी फेस्टिवल का किया जा रहा है आयोजन

खादी भण्डार के अब्दुल रहमान ने बताया की महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर 2 अक्टूबर से खादी और महात्मा गांधी साहित्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. जिसमे खादी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है.प्रदर्शनी 2 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक संचालित रहेगी.

पढ़े: 8 साल से अनावरण की राह देख रही महात्मा गांधी की प्रतिमा...विवादों की वजह से भोपालगढ़ थाने के मालखाने में है मौजूद

वहीं खादी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत की छूट 29 फरवरी 2020 तक लागू रहेगा. जिसमें उपभोक्ताओं की भीड़ उमड़ रही है. उपभोक्ताओं को खादी भी खूब लुभा रही है. विशेषकर अबकी बार यह देखने को मिला है कि युवाओं में भी खादी पहनने का क्रेज है.

युवाओं में जैकेट खरीदने का क्रेज यहां पर देखा जा रहा है. जिससे खादी भंडार में खादी की खूब बिक्री हो रही है. खादी का अधिक से अधिक उपयोग हो इसके लिए प्रचार रथ के माध्यम से लोगों को खादी के प्रति जागरूक किया जा रहा है. खादी प्रदर्शनी का आयोजन सुबह 11 बजे से शाम तक किया जा रहा है. वहीं इस खादी फेस्टिवल में चरखा कताई-बुनाई का लाइव डेमो सहित खादी वस्त्रो, गांधी साहित्य प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है.

पढ़े: जोधपुरः महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर 300 से अधिक NCC कैंडिडेट्स ने चलाया सफाई अभियान

बता दे की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान सन 1920 में खादी को स्वदेशी आन्दोलन में एक राजनैतिक हथियार के रूप में उपयोग किया था. तभी तो स्वतंत्रता की पोषाक खादी मानी गई है. विद्वानों की धारण है कि खादी केवल वस्त्र का नाम नहीं बल्कि एक विचार है, जो स्वदेशी को अपनाने की प्रेरणा देता है. संभवत राजस्थान के इतिहास में यह पहली बार है कि खादी में 50 प्रतिशत की छूट दी गई हो.

करौली. शहर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर खादी भण्डार में खादी फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे में इस फेस्टिवल में चरखा कताई-बुनाई का लाइव डेमो सहित खादी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है. वहीं इस बार खादी प्रदर्शनी में विशेषतौर खादी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी.

खादी फेस्टिवल का किया जा रहा है आयोजन

खादी भण्डार के अब्दुल रहमान ने बताया की महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर 2 अक्टूबर से खादी और महात्मा गांधी साहित्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. जिसमे खादी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है.प्रदर्शनी 2 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक संचालित रहेगी.

पढ़े: 8 साल से अनावरण की राह देख रही महात्मा गांधी की प्रतिमा...विवादों की वजह से भोपालगढ़ थाने के मालखाने में है मौजूद

वहीं खादी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत की छूट 29 फरवरी 2020 तक लागू रहेगा. जिसमें उपभोक्ताओं की भीड़ उमड़ रही है. उपभोक्ताओं को खादी भी खूब लुभा रही है. विशेषकर अबकी बार यह देखने को मिला है कि युवाओं में भी खादी पहनने का क्रेज है.

युवाओं में जैकेट खरीदने का क्रेज यहां पर देखा जा रहा है. जिससे खादी भंडार में खादी की खूब बिक्री हो रही है. खादी का अधिक से अधिक उपयोग हो इसके लिए प्रचार रथ के माध्यम से लोगों को खादी के प्रति जागरूक किया जा रहा है. खादी प्रदर्शनी का आयोजन सुबह 11 बजे से शाम तक किया जा रहा है. वहीं इस खादी फेस्टिवल में चरखा कताई-बुनाई का लाइव डेमो सहित खादी वस्त्रो, गांधी साहित्य प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है.

पढ़े: जोधपुरः महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर 300 से अधिक NCC कैंडिडेट्स ने चलाया सफाई अभियान

बता दे की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान सन 1920 में खादी को स्वदेशी आन्दोलन में एक राजनैतिक हथियार के रूप में उपयोग किया था. तभी तो स्वतंत्रता की पोषाक खादी मानी गई है. विद्वानों की धारण है कि खादी केवल वस्त्र का नाम नहीं बल्कि एक विचार है, जो स्वदेशी को अपनाने की प्रेरणा देता है. संभवत राजस्थान के इतिहास में यह पहली बार है कि खादी में 50 प्रतिशत की छूट दी गई हो.

Intro:ग्रामसेवा मंडल करौली में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर खादी भण्डार मे खादी फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है.. खादी फेस्टिवल के दौरान चरखा कताई बुनाई का लाइव डेमो सहित खादी  प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है.. खादी प्रदर्शनी में विशेष यह है की खादी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को 50% की छूट दी जा रही है.. जिसमें खादी खरीदने वाले उपभोक्ता भी खादी खरीदने का लुप्त उठा रहे है...


Body:खादी फेस्टिवल मे बढा युवाओं का क्रेज,

करौली

ग्रामसेवा मंडल करौली में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर खादी भण्डार मे खादी फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है.. खादी फेस्टिवल के दौरान चरखा कताई बुनाई का लाइव डेमो सहित खादी  प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है.. खादी प्रदर्शनी में विशेष यह है की खादी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को 50% की छूट दी जा रही है.. जिसमें खादी खरीदने वाले उपभोक्ता भी खादी खरीदने का लुप्त उठा रहे है...

खादी भण्डार के अब्दुल रहमान ने बताया की महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर 2 अक्टूबर से खादी एवं महात्मा गांधी साहित्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है..जिसमे खादी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है... प्रदर्शनी 2 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक संचालित रहेगी..लेकिन खादी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत की छूट 29 फरवरी 2020 तक लागू रहेगी... जिसमें खादी खरीदने वाले उपभोक्ताओं की जमकर भीड़ उमड़ रही है.. उपभोक्ताओं को खादी भी खूब लुभा रही है.. विशेषकर अबकी बार यह देखने को मिला है की युवाओं में भी खादी पहनने का क्रेज देखा गया है.. युवाओं में जैकेट खरीदने का क्रेज यहा पर देखा जा रहा है..जिससे खादी भंडार में खादी की खूब बिक्री हो रही है...खादी का अधिक से अधिक उपयोग हो इसके लिये प्रचार रथ के माध्यम से लोगो को खादी के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है.. खादी प्रदर्शनी का आयोजन सुबह 11 बजे से शाम तक किया जा रहा है...खादी फेस्टिवल के दौरान चरखा कताई बुनाई का लाइव डेमो सहित खादी वस्त्रो,गांधी साहित्य  प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है...

आपको बता दे की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान सन 1920 में खादी को स्वदेशी आन्दोलन में एक राजनैतिक हथियार के रूप में उपयोग किया गया.. तभी तो स्वतंत्रता की पोषाक खादी मानी गई.. विद्वानों की धारण है की खादी केवल वस्त्र का नाम नहीं बल्कि एक विचार है.. जो स्वदेशी को अपनाने की प्रेरणा देता है.. संभवत राजस्थान के इतिहास में यह पहला मामला है की खादी में 50% की छूट दी गई हो.. इससे खादी का काम करने वाले कारीगरों को कच्चे माल और उत्पादन मे भी फायदा मिलेगा..

वाईट-----अब्दुल रहमान खादी भण्डार अधिकारी,


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.