करौली . जिले में सावन महीने के शुरु होने के बाद भी बारिश नहीं हो रही है. बारिश नहीं होने के कारण तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जिससे किसानों द्वारा खेतों में बोई गई खरीफ की फसल के झुलसने की संभावना बनी हुई है.
कृषि विभाग के अधिकारी चेतराम मीणा ने बताया कि बुवाई के लिए मिट्टी में नमी होना जरूरी है. अभी मानसून की पहली बारिश हो गयी है. यह बाजरे के अंकुरण के हिसाब से तो ठीक हैं. अगर इसके बाद थोड़े-थोड़े अंतराल पर बारिश होती रही तो अच्छी पैदावार होगी . लेकिन यदि बारिश होने में देर हुई तो झुलसने से अंकुरित फसल नष्ट हो सकती है.
बता दें कि कृषि विभाग के अनुसार इस बार खरीफ के सीजन के लिए कृषि विभाग की ओर से जिले में 1.62 लाख हेक्टेयर में बुवाई का रकबा तय किया गया है. जिसमें 1.30 हेक्टेयर में बाजरा, 21 हजार हेक्टेयर में तिलहन, और शेष में ज्वार, ग्वार चावल ,अरहर आदि हैं.
कर्ज लेकर की है फसल की बुआई: किसान
किसानों ने बताया कि फसल की बुवाई उन्होंने कर्ज लेकर की है. सावन का महीना होने के बावजूद भी बारिश नहीं होने से उनके सामने चिंता का विषय बना हुआ है. वहीं किसानों ने कहा कि यदि बारिश नहीं हुई तो ऐसे में उनके लिए आत्महत्या के हालात पैदा हो जाएंगे.