करौली. करौली में गुरुवार को दलित आदिवासी पिछड़ा वर्ग किशोरी शिक्षा अभियान के तहत पिछड़े वर्ग की बलिकाओं ने पूर्व मंत्री और सपोटरा विधायक से मुलाकात की. इस दौरान आगामी बजट में पिछड़ा वर्ग की बालिकाओं के लिए उच्च माध्यमिक तक की शिक्षा की सुनिश्चितता के लिए बजट में प्रावधान कराए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा.
बालिकाओं ने विधायक को सौंपे गये ज्ञापन में बताया है कि दलित आदिवासी पिछड़ा वर्ग किशोरी शिक्षा अभियान एक राज्य स्तरीय अभियान है. जो बालिकाओं की उच्च माध्यमिक तक की शिक्षा के लिए राज्य स्तर पर कार्य कर रहा है. जिसमें सपोटरा विकासखंड की 1240 बालिकाएं भी सम्मिलित हैं.
बता दें, करौली जिले में 49.80 प्रतिशत बालिका बाल विवाह का शिकार हो रही है. इसी के साथ 41 प्रतिशत बालिका कभी स्कूल नहीं गई है. राज्य स्तर पर 25 प्रतिशत महिलाओं ने ही 10वीं कक्षा या उससे अधिक की शिक्षा प्राप्त की है. ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि माध्यमिक स्तर तक आते-आते 54 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 59 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की लड़कियां पाठशाला को त्याग देती हैं. यह स्थिति कोविड-19 और स्कूलों के बंद होने के कारण और भी गंभीर हो गई है.
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बालिकाओं ने बताया कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार लड़कियों को पढ़ाने एवं आगे बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है. यदि राजस्थान की सरकार वर्तमान में बालिकाओं की माध्यमिक शिक्षा की संपूर्ण जिम्मेदारी लेती है तो राजस्थान की दलित आदिवासी और अन्य पिछड़ा वर्ग की सभी बालिकाएं उच्च माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा प्राप्त कर पायेगी.
यह रखी बालिकाओं ने मांग...
बालिकाओं ने बताया कि राजस्थान की सभी बालिकाओं को उच्च माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा निशुल्क की जाए. छात्रवृत्ति समय पर मिले अर्थात सत्र की शुरुआत में ही मिल जाए. छात्रवृत्ति के रूप में सभी बालिकाओं को कम से कम 5 हजार रुपये की राशि मिले. बालिकाओं ने विधायक रमेश मीणा से मांग करते हुए कहा कि सरकार से आगामी बजट में सभी मांगों को सम्मिलित करवाकर सभी बालिकाओं की शिक्षा की सुनिश्चित करवाई जाए.