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आश्चर्य: यहां बकरी के बच्चों को मादा श्वान पिलाती है अपना दूध

मां की ममता का कोई मोल नहीं होता, यह तो अनमोल होती है. इसका एक जीता जागता उदाहरण देखने को मिला है, करौली जिले में. जहां एक मादा श्वान बकरी के बच्चों पर अपनी ममता लुटा रही है. एक ही गांव में रहने वाले इन दोनों जानवरों के तालमेल को देख आप दंग रह जाएंगे. अपने ही कोख से जन्में बच्चे को जब बकरी दूध नहीं पिलाती, तो यह मादा श्वान उन्हें दूध पिला देती है.

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Published : Dec 13, 2019, 6:19 PM IST

करौली. कहने को तो जानवर बेजुबान होते हैं. इनकी भाषा इंसानी समझ से परे है, लेकिन यही जानवर कई बार बिना कुछ कहे भी इंसानों को जीवन जीने का सलीका सिखा जाते हैं. ममता सिर्फ इंसानों में नहीं जानवरों में भी कूट-कूट कर भरी होती है. यह तो जगजाहिर है. अपने बच्चे के लिए तो हर मां के भीतर प्यार-दुलार होता है, लेकिन जब बात दूसरे के बच्चों की हो, तो इंसान भी एक बार के लिए सोचने को मजबूर हो जाता है. पर एक मादा श्वान ममता की मिसाल कायम कर रही है. यह मादा श्वान खुद तो बेजुबान है पर बकरी के बच्चों की भूख को भली-भांति समझती है.

बकरी के बच्चे को मादा श्वान पिलाती है अपना दूध

यह अद्भुत नजारा है करौली के सपोटरा गांव का. जहां एक मादा श्वान बकरी के बच्चों को दूध पिलाती है. मादा श्वान का इस तरह से बकरी के बच्चों को दूध पिलाना ग्रामीणो मे भी कौतूहल का विषय बना हुआ है. इस तरह एक जानवर का दूसरे जानवर के बच्चे के प्रति स्नेह मित्रता और मातृत्व का संदेश दे रहा है.

यह भी पढे़ं- Special: औद्योगिक से कोचिंग नगरी बने कोटा को अब बनाएंगे 'टूरिस्ट सिटी'

प्रेम के घर प्रेम से रहती हैं यह बकरी और मादा श्वान...

दरअसल सपोटरा के नारायणपुर के रहने वाले प्रेम राज महावर ने बकरी पाल रखी है. जहां पर प्रेम का घर है, वहीं कुछ दूरी पर एक मादा श्वान काफी दिनों से रह रही है. बदलते वक्त के साथ बकरी और मादा श्वान के बीच गहरी मित्रता हो चुकी है कि बकरी के बच्चों को मादा श्वान अपना दूध बिका किसी झिझक के पिलाती है. जब भी बकरी का मन नहीं होता या फिर बकरी के बच्चे श्नान के पास जाकर दूध पीने की जिद करते हैं, तो मादा श्वान अपना सारा प्यार उन बच्चों पर लूटा देती है.

दोस्ती की है अनूठी मिसाल :

ममता के इस रिश्ते को लेकर बकरी के मालिक प्रेमराज महावर का कहना है कि बकरियों के साथ-साथ यह मादा श्वान भी साथ रहने लगी. इसके बाद इनकी दोस्ती गहरी होती चली गई और जब बकरी ने बच्चों को जन्मा, तो मादा श्वान ने बकरी के बच्चों को दूध पिलाना शुरू कर दिया. यह उनकी बकरी और मादा श्वान के दोस्ती की एक मिसाल है. ममता के इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए गांव के कोने-कोने से कई लोग आते हैं. जो भी मादा श्वान को बकरी के बच्चों पर ममता लुटाते हुए देखता है आश्चर्य में पड़ जाता है. लोग इस क्षण को देखने के लिए मादा श्वान के इर्द-गिर्द जमा हो जाते हैं. लेकिन मजाल है कि मादा श्वान बकरी के बच्चों को दूध पिलाते समय टस से मस हो जाए.

यह भी पढे़ं- राजस्थान में प्याज की बंपर आवक से कहीं खुशी, कहीं गम...देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट

स्नेह की डोर से बंधे बकरी के बच्चे...

इस नजारे के पीछे का मनोवैज्ञानिक कारण जानने के लिए ईटीवी भारत ने पशु चिकित्सक से भी बात की, कि आखिर एक जानवर का दूसरे प्रजाति के जानवर के बच्चों पर अपनी ममता लुटाना व्यवहारिक है. इस पर हमें जवाब देते हुए पशु चिकित्सक नलिनी किशोर ने बताया कि यह बिल्कुल अद्भुत मामला है. उन्होंने पहले न तो कभी ऐसा सुना, न ही ऐसा देखा है. पशु चिकित्सक ने भी इसे एक मां की ममता और दुलार का नाम दे दिया और कहा कि ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है. इसको हम मित्रता और मातृत्व का संदेश भी कह सकते हैं. इसके साथ ही बकरी के बच्चों को क्या इस मादा श्वान के दूध से कोई नुकसान हो सकता है यह पूछने पर उन्होंने कहा कि इसमें तो कोई परेशानी नहीं है, क्योंकि दूध सबका लगभग एक जैसा ही रहता है.

बच्चों की ममता के डोर में बंधी यह मादा श्वान इन बच्चों का ख्याल अपने बच्चों की तरह ही रखती है और ये बच्चे भी सारा-सारा दिन उसके पीछे-पीछे घुमते रहते हैं, मानों यही उनकी जननी हो. कलयुग में जहां सगी मां अपनी ही ममता का गला घोट देती है. वहीं दूसरी ओर से यह मासूम बेजुबान जानवर प्यार और अपनेपन की नई मिसाल पेश कर रही है.

करौली. कहने को तो जानवर बेजुबान होते हैं. इनकी भाषा इंसानी समझ से परे है, लेकिन यही जानवर कई बार बिना कुछ कहे भी इंसानों को जीवन जीने का सलीका सिखा जाते हैं. ममता सिर्फ इंसानों में नहीं जानवरों में भी कूट-कूट कर भरी होती है. यह तो जगजाहिर है. अपने बच्चे के लिए तो हर मां के भीतर प्यार-दुलार होता है, लेकिन जब बात दूसरे के बच्चों की हो, तो इंसान भी एक बार के लिए सोचने को मजबूर हो जाता है. पर एक मादा श्वान ममता की मिसाल कायम कर रही है. यह मादा श्वान खुद तो बेजुबान है पर बकरी के बच्चों की भूख को भली-भांति समझती है.

बकरी के बच्चे को मादा श्वान पिलाती है अपना दूध

यह अद्भुत नजारा है करौली के सपोटरा गांव का. जहां एक मादा श्वान बकरी के बच्चों को दूध पिलाती है. मादा श्वान का इस तरह से बकरी के बच्चों को दूध पिलाना ग्रामीणो मे भी कौतूहल का विषय बना हुआ है. इस तरह एक जानवर का दूसरे जानवर के बच्चे के प्रति स्नेह मित्रता और मातृत्व का संदेश दे रहा है.

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प्रेम के घर प्रेम से रहती हैं यह बकरी और मादा श्वान...

दरअसल सपोटरा के नारायणपुर के रहने वाले प्रेम राज महावर ने बकरी पाल रखी है. जहां पर प्रेम का घर है, वहीं कुछ दूरी पर एक मादा श्वान काफी दिनों से रह रही है. बदलते वक्त के साथ बकरी और मादा श्वान के बीच गहरी मित्रता हो चुकी है कि बकरी के बच्चों को मादा श्वान अपना दूध बिका किसी झिझक के पिलाती है. जब भी बकरी का मन नहीं होता या फिर बकरी के बच्चे श्नान के पास जाकर दूध पीने की जिद करते हैं, तो मादा श्वान अपना सारा प्यार उन बच्चों पर लूटा देती है.

दोस्ती की है अनूठी मिसाल :

ममता के इस रिश्ते को लेकर बकरी के मालिक प्रेमराज महावर का कहना है कि बकरियों के साथ-साथ यह मादा श्वान भी साथ रहने लगी. इसके बाद इनकी दोस्ती गहरी होती चली गई और जब बकरी ने बच्चों को जन्मा, तो मादा श्वान ने बकरी के बच्चों को दूध पिलाना शुरू कर दिया. यह उनकी बकरी और मादा श्वान के दोस्ती की एक मिसाल है. ममता के इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए गांव के कोने-कोने से कई लोग आते हैं. जो भी मादा श्वान को बकरी के बच्चों पर ममता लुटाते हुए देखता है आश्चर्य में पड़ जाता है. लोग इस क्षण को देखने के लिए मादा श्वान के इर्द-गिर्द जमा हो जाते हैं. लेकिन मजाल है कि मादा श्वान बकरी के बच्चों को दूध पिलाते समय टस से मस हो जाए.

यह भी पढे़ं- राजस्थान में प्याज की बंपर आवक से कहीं खुशी, कहीं गम...देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट

स्नेह की डोर से बंधे बकरी के बच्चे...

इस नजारे के पीछे का मनोवैज्ञानिक कारण जानने के लिए ईटीवी भारत ने पशु चिकित्सक से भी बात की, कि आखिर एक जानवर का दूसरे प्रजाति के जानवर के बच्चों पर अपनी ममता लुटाना व्यवहारिक है. इस पर हमें जवाब देते हुए पशु चिकित्सक नलिनी किशोर ने बताया कि यह बिल्कुल अद्भुत मामला है. उन्होंने पहले न तो कभी ऐसा सुना, न ही ऐसा देखा है. पशु चिकित्सक ने भी इसे एक मां की ममता और दुलार का नाम दे दिया और कहा कि ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है. इसको हम मित्रता और मातृत्व का संदेश भी कह सकते हैं. इसके साथ ही बकरी के बच्चों को क्या इस मादा श्वान के दूध से कोई नुकसान हो सकता है यह पूछने पर उन्होंने कहा कि इसमें तो कोई परेशानी नहीं है, क्योंकि दूध सबका लगभग एक जैसा ही रहता है.

बच्चों की ममता के डोर में बंधी यह मादा श्वान इन बच्चों का ख्याल अपने बच्चों की तरह ही रखती है और ये बच्चे भी सारा-सारा दिन उसके पीछे-पीछे घुमते रहते हैं, मानों यही उनकी जननी हो. कलयुग में जहां सगी मां अपनी ही ममता का गला घोट देती है. वहीं दूसरी ओर से यह मासूम बेजुबान जानवर प्यार और अपनेपन की नई मिसाल पेश कर रही है.

Intro:एक रोज होगा. इंसाफ होगा यह खुन हरगिज़ माफ नही होगा.दूध का कर्ज. दुध का कर्ज.ओ मेरे मुन्ने भुल ना जाना तू अपना फर्ज निभाना,मेरे मुन्ना भुल ना जाना तू अपना फर्ज निभाना,यह गाना तो आपने सुना ही होगा और नाग (सर्प) को महिला के द्वारा दूध पिलाने का दृश्य फिल्म, दूध का कर्ज़ मे देखा होगा. और कई दृश्य फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम पर भी देखे होंगे.लेकिन अगर एक जानवर ही दूसरे जानवर के बच्चे को अपना हकीकत मे ही दूध पिलाए. तो इससे पहले कभी नही देखा होगा


Body:स्वान द्वारा बकरी के बच्चों को दूध पिलाना बना कोतुल का विषय

करौली

एक रोज होगा. इंसाफ होगा यह खुन हरगिज़ माफ नही होगा.दूध का कर्ज. दुध का कर्ज.ओ मेरे मुन्ने भुल ना जाना तू अपना फर्ज निभाना,मेरे मुन्ना भुल ना जाना तू अपना फर्ज निभाना,यह गाना तो आपने सुना ही होगा और नाग (सर्प) को महिला के द्वारा दूध पिलाने का दृश्य फिल्म, दूध का कर्ज़ मे देखा होगा. और कई दृश्य फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम पर भी देखे होंगे.लेकिन अगर एक जानवर ही दूसरे जानवर के बच्चे को अपना हकीकत मे ही दूध पिलाए. तो इससे पहले कभी नही देखा होगा.ऐसा नजारा बकरी के बच्चों को दुध पिलाती यह स्वान मादा यानी की कुतिया.जी यह अद्भुत नजारा है करौली जिले के सपोटरा देहात का जहा एक कुतिया बकरी के बच्चो को दूध पिलाती है.कुतिया द्वारा इस तरह से बकरी के बच्चो को दुध पिलाना ग्रामीणो मे भी कोतूहल का बिषय बना है. इस तरह एक जानवर द्वारा दूसरे जानवर के बच्चे को दूध पिलाना मित्रता और मातृत्व का संदेश भी देता है.

दरअसल जिले के उपखंड सपोटरा के नारायणपुर टटवाड़ा रोड पर नर्सरी के पास बकरी पालन करने वाले सपोटरा निवासी प्रेम राज महावर के घर पर एक देसी कुत्तिया के द्वारा बकरी के बच्चों को दूध पिलाना ग्रामीणों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है. कुत्तिया के द्वारा बकरी के बच्चों को दूध पिलाते हुए क्षण को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ती है. बकरी मालिक प्रेमराज महावर का कहना है की बकरियों के साथ-साथ यह कुत्तिया भी साथ रहती थी. जिसके कारण बकरियों से इसकी दोस्ती हो जाने के कारण बकरी के बच्चों को यह कुत्तिया रोज अपना दूध पिलाती है. इसको देखने के लिए गांव के कई लोग आते हैं. जो ग्रामीणों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. ग्रामीण और आस-पड़ोस के लोग रोजाना बकरी के बच्चों को दूध पीते हुए देखते हैं. तो बड़ा आश्चर्य करते हैं.
इस तरह बकरी के बच्चों को कुत्तिया द्वारा दूध पिलाना सभी के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है. कुत्तिया द्वारा बकरी के बच्चों को दूध पिलाते समय दूर-दूर से लोग भी आकर देखते हैं. लोग इस क्षण को देखने के लिए कुत्तिया के इर्द-गिर्द जमा हो जाते हैं. लेकिन मजाल है कि जब कुत्तिया बकरी के बच्चों को दूध पिलाती है उस समय बिल्कुल भी इधर-उधर नहीं हिलती है जब तक बकरी के बच्चे भरपेट दूध नहीं पी लेते. इस तरह एक जानवर द्वारा दूसरे जानवर के बच्चे को दूध पिलाना मित्रता और मातृत्व का संदेश देता है.

वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी नलिनी किशोर का कहना है की यह बिल्कुल अद्भुत मामला है.मैंने पहले ना तो कभी सुना ना ऐसा देखा. इसको हम मित्रता और मातृत्व का संदेश भी कह सकते हैं. अगर बकरी के बच्चे कुत्तिया का दूध पीते हैं तो कोई परेशानी भी नहीं है क्योंकि दूध सबका लगभग एक साथ रहता है.

वाईट--- - प्रेमराज महावर बकरी का मालिक,
वाइट--- नलिनी किशोर वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी,
वाइट----- विनोद जांगिड़ ग्रामीण,


Conclusion:
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